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कर ले सो काम, भज ले सो राम अर्थ, प्रयोग (Kar le so kaam, Bhaj le so Ram)

परिचय: “कर ले सो काम, भज ले सो राम” यह हिंदी मुहावरा जीवन में कर्म और भक्ति के महत्व को दर्शाता है। इसका आशय है कि मनुष्य को अपने कर्मों को पूरी लगन और मेहनत से करना चाहिए, साथ ही साथ ईश्वर की भक्ति में भी मन लगाना चाहिए।

अर्थ: इस मुहावरे का सार यह है कि कर्म और भक्ति, दोनों ही जीवन के अहम पहलू हैं। “कर ले सो काम” से तात्पर्य है कि जो भी काम करना है, उसे पूरे मन से और ईमानदारी से करो। “भज ले सो राम” का भाव है कि अपने कर्मों के साथ-साथ भगवान की भक्ति में भी समय देना चाहिए।

प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब व्यक्ति के सामने कर्म और भक्ति के महत्व को समझाने की आवश्यकता होती है। यह हमें जीवन में संतुलन बनाने की सीख देता है।

उदाहरण:

-> एक विद्यार्थी जो परीक्षा की तैयारी में जुटा है, उसे यह समझना चाहिए कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अपने मन को शांत और संतुलित रखने के लिए ध्यान और प्रार्थना भी जरूरी है। “कर ले सो काम, भज ले सो राम” के अनुसार, उसे अपने पढ़ाई के साथ-साथ ध्यान और योग का भी अभ्यास करना चाहिए।

निष्कर्ष: “कर ले सो काम, भज ले सो राम” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में कर्म और भक्ति का समन्वय होना चाहिए। कर्म के द्वारा हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं और भक्ति के द्वारा हम अपने मन को शांत और संतुष्ट रखते हैं। यह हमें जीवन में संतुलन और सामंजस्य बनाने की कला सिखाता है।

कर ले सो काम, भज ले सो राम मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अमन नाम का एक युवक रहता था। अमन बहुत मेहनती और लगनशील था। उसका सपना था कि वह गाँव के स्कूल में शिक्षक बने और गाँव के बच्चों को शिक्षित करे। इसलिए, वह दिन-रात एक करके पढ़ाई करता और हर समय किताबों में ही घिरा रहता।

लेकिन, अमन की इतनी मेहनत के बावजूद, वह हमेशा चिंतित और तनावग्रस्त रहता। उसे लगता कि कहीं वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पायेगा। एक दिन, उसके गुरुजी ने उसे इस हालत में देखा और उसे समझाने का निर्णय किया।

गुरुजी ने अमन से कहा, “बेटा, तुम्हारी मेहनत और लगन सराहनीय है। लेकिन, तुम्हें सिर्फ काम में ही नहीं, बल्कि भगवान राम में भी विश्वास रखना होगा। ‘कर ले सो काम, भज ले सो राम’। अपने काम को पूरी शिद्दत से करो, लेकिन उसके परिणाम को भगवान पर छोड़ दो।”

अमन ने गुरुजी की बातों को दिल से लगा लिया। उसने अपनी मेहनत जारी रखी, लेकिन साथ ही, वह रोज़ सुबह और शाम भगवान राम का ध्यान भी करने लगा। इस बदलाव से उसके अंदर एक अजीब सी शांति और संतोष महसूस होने लगा।

समय के साथ, अमन की मेहनत रंग लाई और वह गाँव के स्कूल में शिक्षक बन गया। उसने सीखा कि जीवन में मेहनत और भक्ति, दोनों का ही महत्व होता है। उसने गाँव के लोगों को भी यह संदेश दिया कि “कर ले सो काम, भज ले सो राम”।

इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि जीवन में कर्म और भक्ति का संतुलन महत्वपूर्ण है। हमें अपने काम के प्रति पूरी लगन से कार्य करना चाहिए, लेकिन साथ ही, अपने जीवन को भगवान की भक्ति में समर्पित करना भी जरूरी है।

शायरी:

कर्म पथ पर चलते जाना, राम को दिल से भजना,

जीवन की इस दौड़ में, निश्चिंत होकर कदम बढ़ाना।

काम में तेरी मेहनत देखी, भक्ति में तेरी शक्ति देखी,

जो भी मिला इस जहान में, उसमें तेरी भक्ति की रेखी।

जीवन का हर पल यही कहे, कर्म तेरा धर्म बने,

राम के नाम में जो बहे, उस नाव का कोई स्टॉर्म न डरे।

कर ले सो काम, भज ले सो राम, यही संदेश है सारा,

जीवन की इस लहर में, यही एक असली किनारा।

चल पड़ा जो इस राह पर, उसे नहीं कोई घमंड,

कर्म और भक्ति का मिलन, यही है जीवन का सच्चा अर्थ।

 

कर ले सो काम, भज ले सो राम शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कर ले सो काम, भज ले सो राम – Kar le so kaam, Bhaj le so Ram Idiom:

Introduction: The Hindi idiom “कर ले सो काम, भज ले सो राम” highlights the significance of actions (karma) and devotion (bhakti) in life. It suggests that a person should perform their duties with dedication and effort, and at the same time, engage in devotion to God.

Meaning: The essence of this idiom is that both actions and devotion are crucial aspects of life. “कर ले सो काम” implies that whatever task is to be done, it should be performed wholeheartedly and with honesty. “भज ले सो राम” conveys that, along with our duties, we should also devote time to worshipping God.

Usage: This idiom is used in situations where the importance of balancing duties and devotion needs to be explained. It teaches us the lesson of maintaining balance in life.

Example:

-> A student preparing for exams should understand that not only studying is important but also calming and balancing the mind through meditation and prayer is essential. As per “कर ले सो काम, भज ले सो राम,” they should practice meditation and yoga along with their studies.

Conclusion: The idiom “कर ले सो काम, भज ले सो राम” teaches us that there should be a harmony between actions and devotion in life. Through our actions, we achieve our goals, and through devotion, we keep our mind calm and satisfied. It instructs us on the art of creating balance and harmony in life.

Story of ‌‌Kar le so kaam, Bhaj le so Ram Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, lived a young man named Aman. Aman was diligent and dedicated. He dreamed of becoming a teacher in the village school and educating the children of the village. Therefore, he studied day and night, always surrounded by books.

Despite all his hard work, Aman was always anxious and stressed. He feared that he might not be able to fulfill his dream. One day, his teacher saw him in this state and decided to explain things to him.

The teacher told Aman, “Son, your hard work and dedication are commendable. However, you must not only believe in your work but also have faith in Lord Ram. ‘Do your duty and let go of the outcomes to God.’ Work with all your heart, but leave the results to God.”

Aman took his teacher’s words to heart. He continued his hard work but also started to meditate on Lord Ram every morning and evening. This change brought a sense of peace and contentment within him.

Over time, Aman’s efforts paid off, and he became a teacher in the village school. He learned that both effort and devotion are important in life. He also shared this message with the villagers, “Do your duty and devote yourself to God.”

This story teaches us the importance of balancing duty and devotion in life. We should work diligently towards our goals, but also dedicate our lives to divine worship.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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