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लश्‍कर में ऊंट बदनाम अर्थ, प्रयोग (Lashkar mein oont badnam)

परिचय: लश्कर में ऊंट बदनाम, हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” भी एक ऐसा ही मुहावरा है जो समाज में व्याप्त एक विशेष प्रकार की विडंबना को उजागर करता है।

अर्थ: “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” का अर्थ होता है कि जब किसी समूह में सभी गलत कार्य कर रहे हों, परंतु दोष केवल एक ही व्यक्ति या वस्तु को दिया जाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ एक व्यक्ति या चीज सभी की गलतियों के लिए बदनाम हो जाती है।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां एक ही व्यक्ति या वस्तु को अन्यायपूर्ण ढंग से सारे दोषों के लिए निशाना बनाया जाता है।

उदाहरण:

-> कंपनी में हुए नुकसान के लिए सभी ने मैनेजर को दोषी ठहराया, लेकिन असल में यह गलती सभी की थी। यहाँ मैनेजर ‘लश्‍कर में ऊंट बदनाम’ की स्थिति में था।

-> स्कूल में हुई शरारत के लिए केवल अंश को सजा दी गई, जबकि वह शरारत सभी बच्चों ने मिलकर की थी। अंश इस मुहावरे का परिचायक था।

निष्कर्ष: “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि कई बार समूह में किए गए गलतियों का दोष केवल एक व्यक्ति या वस्तु पर मढ़ दिया जाता है। यह मुहावरा उस अन्यायपूर्ण स्थिति को उजागर करता है जहां एक ही व्यक्ति या चीज को बिना उचित कारण के बदनाम कर दिया जाता है।

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लश्‍कर में ऊंट बदनाम मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक बहुत बड़े राज्य में एक बहुत ही समर्थ और न्यायप्रिय राजा था। उस राज्य में एक बड़ा लश्कर भी था, जिसमें कई सारे सैनिक और कुछ ऊंट भी थे। एक दिन, राज्य के खजाने से बहुत सारा सोना चोरी हो गया। राजा ने तुरंत अपने मंत्रियों और सेनापतियों को बुलाया और चोर को ढूंढने का आदेश दिया।

जांच के दौरान, एक सेनापति ने देखा कि एक ऊंट के पास सोने के सिक्के पड़े हैं। उसने तुरंत यह निष्कर्ष निकाला कि चोरी उस ऊंट ने की है। राजा ने सेनापति की बात पर विश्वास कर लिया और ऊंट को सजा देने का आदेश दे दिया।

लेकिन, जब सजा देने का समय आया, तो एक बुद्धिमान मंत्री ने राजा को समझाया कि ऊंट कैसे सोना चुरा सकता है। मंत्री ने फिर से जांच करवाई और पता चला कि असली चोर तो लश्कर के कुछ सैनिक थे, जिन्होंने चोरी की और सोने के सिक्के ऊंट के पास छिपा दिए थे।

इस कहानी से हमें “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” मुहावरे का अर्थ समझ में आता है। यह मुहावरा बताता है कि कभी-कभी एक व्यक्ति या चीज़ को बिना किसी ठोस सबूत के दोषी ठहरा दिया जाता है, जबकि असली दोषी कोई और होता है। यह मुहावरा उस अन्यायपूर्ण स्थिति को उजागर करता है जहां एक निर्दोष व्यक्ति या वस्तु को बिना कारण के बदनाम कर दिया जाता है।

शायरी:

बाजार में सबकी अपनी-अपनी बातें हैं,

लश्कर में ऊंट बदनाम, सभी की यही राहतें हैं।

गलती किसी की, दोष किसी और पर आता है,

इस दुनिया का यही दस्तूर नजर आता है।

कोई भीड़ में छुपकर पत्थर फेंकता है,

निर्दोष के सर पर फिर इल्जाम टिकता है।

‘लश्कर में ऊंट बदनाम’ की यह कहानी पुरानी है,

हर दिल में बस यही एक कहानी है।

जिसकी लाठी उसकी भैंस, यहाँ का नियम है,

निर्दोष भी यहाँ, अक्सर अपराधी का गुमनाम है।

‘लश्कर में ऊंट बदनाम’, ये मुहावरा सच्चाई बताता है,

दुनिया के इस खेल में, हर कोई कहीं न कहीं हार जाता है।

 

लश्कर में ऊंट बदनाम शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of लश्‍कर में ऊंट बदनाम – Lashkar mein oont badnam Idiom:

Introduction: In the Hindi language, there are numerous idioms that illustrate various aspects of life. “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” is one such idiom that highlights a particular type of irony prevalent in society.

Meaning: The idiom “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” means that when everyone in a group is doing something wrong, but only one person or thing is blamed for it. This idiom represents situations where a single person or thing becomes infamous for everyone’s mistakes.

Usage: This idiom is often used in situations where one person or thing is unfairly targeted for all the faults in a group.

Example:

-> In a company loss, everyone blamed the manager, but in reality, it was everyone’s mistake. Here, the manager was in the situation of “लश्‍कर में ऊंट बदनाम.”

-> For the mischief in school, only Ansh was punished, while it was a collective act of all students. Ansh was a representative of this idiom.

Conclusion: The idiom “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” teaches us that sometimes, in a group, the blame for mistakes made by everyone is put on just one person or thing. This idiom exposes the unfair situation where a single person or object is defamed without a valid reason.

Story of ‌‌Lashkar mein oont badnam Idiom in English:

Once upon a time, in a very large kingdom, there was a powerful and just king. This kingdom had a large army, which included many soldiers and some camels. One day, a large amount of gold was stolen from the kingdom’s treasury. The king immediately summoned his ministers and generals and ordered them to find the thief.

During the investigation, a general noticed gold coins near a camel. He quickly concluded that the camel was responsible for the theft. The king believed the general’s words and ordered punishment for the camel.

However, when the time for punishment came, a wise minister explained to the king that a camel could not possibly steal gold. After further investigation, it was discovered that the real thieves were some soldiers in the army, who had committed the theft and hidden the gold coins near the camel.

This story helps us understand the meaning of the idiom “लश्‍कर में ऊंट बदनाम.” The idiom indicates that sometimes, a person or thing is blamed without solid evidence, while the real culprit is someone else. This idiom highlights the unjust situation where an innocent person or thing is defamed without reason.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या यह मुहावरा केवल हिंदी भाषा में ही प्रयोग होता है?

नहीं, यह मुहावरा केवल हिंदी भाषा में ही नहीं, बल्कि अन्य भाषाओं में भी उपयोग होता है, लेकिन उनके अनुसार भाषा और भावार्थ में थोड़ी भिन्नता हो सकती है।

क्या इस मुहावरे के कुछ उपयोग के उदाहरण दिए जा सकते हैं?

हां, कुछ उपयोग के उदाहरण हैं: “वह एक आवे के बर्तन हैं, हर रोज़ सुबह पार्क में जॉगिंग करते हैं।” “उसकी नियति संयमित होने के लिए एक आवे के बर्तन है।”

क्या मुहावरा “एक आवे के बर्तन हैं” का अर्थ है “बहुत ही नियमित और अवश्य होने वाला”?

हां, इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई वस्तु या क्रिया बहुत ही नियमित और अवश्य होने वाली है, जिससे उसकी महत्ता या अवश्यकता का संकेत मिलता है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग समय समय पर बदलता है?

हां, कुछ स्थितियों या परिस्थितियों के आधार पर, इस मुहावरे का प्रयोग समय-समय पर बदल सकता है, लेकिन अधिकांश समय यह अपना मूल अर्थ बनाए रखता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधी अर्थ है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विरोधी अर्थ नहीं है। यह एक सकारात्मक अर्थ देने वाला मुहावरा है।

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