परिचय: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” हिंदी भाषा में एक आम मुहावरा है, जो व्यक्ति की मानसिक या भावनात्मक अस्थिरता को दर्शाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति बेचैनी, क्रोध, या चिंता के कारण तर्कहीन या असंगत बातें करता है।
अर्थ: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” का अर्थ है अस्थिर या विचलित मन से बिना सोचे-समझे बात करना। यह अक्सर तनाव, गुस्से या अन्य भावनात्मक परिस्थितियों में होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत, पारिवारिक, या पेशेवर संदर्भ में प्रयोग किया जा सकता है, जब किसी व्यक्ति की बातों में अस्थिरता या असंगतता प्रकट होती है।
उदाहरण:
-> परीक्षा के परिणामों की चिंता में नियांत आजकल उखड़ी-उखड़ी बातें कर रहा है।
निष्कर्ष: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि मानसिक तनाव या चिंता की स्थिति में हमारी बातों का तर्क और संगति प्रभावित हो सकती है। यह मुहावरा हमें यह भी याद दिलाता है कि किसी भी स्थिति में धैर्य और संयम बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
उखड़ी-उखड़ी बातें करना मुहावरा पर कहानी:
एक गाँव में अनुभव नाम का एक युवक रहता था। अनुभव को अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंता थी क्योंकि वह कई बार परीक्षा में असफल हो चुका था। इसी चिंता में वह अक्सर अपने दोस्तों और परिवार से उखड़ी-उखड़ी बातें करने लगा था।
एक दिन, उसके गाँव में एक बुद्धिमान व्यक्ति आया। उसने अनुभव को उखड़ा-उखड़ा देखकर पूछा, “क्या बात है, तुम इतने परेशान क्यों रहते हो?” अनुभव ने अपनी समस्या बताई। वह व्यक्ति बोला, “तुम्हारी समस्या तो छोटी है, लेकिन तुम्हारी चिंता ने इसे बड़ा बना दिया है। तुम्हारी उखड़ी-उखड़ी बातें तुम्हारे मन की उथल-पुथल को दिखाती हैं।”
उस व्यक्ति ने अनुभव को समझाया कि कैसे धैर्य और संयम से वह अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है। अनुभव ने उस व्यक्ति की सलाह मानी और अपनी सोच में परिवर्तन किया। धीरे-धीरे, उसके अंदर आत्मविश्वास और शांति आई, और उसने फिर से परीक्षा दी जिसमें वह सफल रहा।
इस कहानी के माध्यम से हम सीखते हैं कि “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” एक ऐसी स्थिति है जो हमारे अंदर की चिंता और बेचैनी को दर्शाती है और इससे उबरने के लिए धैर्य और संयम जरूरी है।
शायरी:
उखड़ी-उखड़ी सी बातें, दिल का हाल बयां करती,
बेचैनी की इन लहरों में, हर दर्द को छिपां करती।
जब भी दिल में उथल-पुथल, जुबां पर आ जाती है,
हर लफ्ज़ अनकही सी, कहानी बन जाती है।
उखड़ी-उखड़ी बातों में, छुपा हर राज़ होता है,
जिसे दुनिया नहीं समझे, वो अंदाज़ होता है।
चिंता की इन गलियों में, हर कदम भटकता जाए,
जो दिल से बात करे, वही सच्चा राही कहलाए।
उखड़ी-उखड़ी बातें भी, कहानी कह जाती हैं,
जब दिल से दिल मिले, तो ये दूरियां मिट जाती हैं।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of उखड़ी-उखड़ी बातें करना – Ukhdi-ukhdi baaten karna Idiom:
Introduction: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” is a common Hindi idiom that depicts a person’s mental or emotional instability. This idiom is used to describe situations where someone speaks irrationally or inconsistently due to restlessness, anger, or anxiety.
Meaning: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” means to speak without thinking due to an unstable or disturbed mind. It often occurs in situations of stress, anger, or other emotional circumstances.
Usage: This idiom can be used in personal, familial, or professional contexts, when someone’s speech reveals instability or incoherence.
Usage:
-> Due to the anxiety of exam results, Niyant is lately speaking erratically.
Conclusion: The idiom “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” teaches us that our logic and coherence can be affected in situations of mental stress or anxiety. It also reminds us of the importance of maintaining patience and composure in any situation.
Story of Ukhdi-ukhdi baaten karna Idiom in English:
In a village lived a young man named Anubhav. Anubhav was deeply concerned about his future as he had failed several exams. Due to this worry, he often spoke erratically and irrationally to his friends and family.
One day, a wise man came to his village. Seeing Anubhav troubled, he asked, “What’s the matter? Why are you so distressed?” Anubhav shared his problem. The wise man said, “Your problem is small, but your worry has magnified it. Your erratic speech reflects the turmoil in your mind.”
The wise man explained to Anubhav how patience and composure could help him find solutions to his problems. Anubhav heeded his advice and changed his way of thinking. Gradually, confidence and peace filled him, and he retook his exams, this time successfully.
This story teaches us that “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” is a state that reflects our inner anxiety and restlessness, and overcoming it requires patience and composure.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
इस मुहावरे का विस्तार से वर्णन करें।
उखड़ी-उखड़ी बातें करना” में यह बात है कि व्यक्ति बिना सोचे-समझे और बिना जानकारी के अफवाहें फैला रहा है।
इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से होता है?
इसे उपयोग में लेकर किसी की असावधानी या अववेक्षण से हुई अफवाहों को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है।
क्या है मुहावरा “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” का अर्थ?
उत्तर: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” का मतलब है बिना सोचे-समझे या बिना संवेदनशीलता के बातें करना।
क्या यह मुहावरा रोज़मर्रा के जीवन में अपनाया जा सकता है?
हाँ, इसे रोज़मर्रा के जीवन में विभिन्न स्थितियों में देखा जा सकता है, जहां अफवाहें बिना सोचे-समझे फैलाई जा रही हैं।
क्या इस मुहावरे का विपरीत भाव हो सकता है?
हाँ, इसका विपरीत भाव हो सकता है, जिसमें व्यक्ति सावधानी बरतकर और विचार-विमर्श से बातें करता है।
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