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नेकी कर दरिया में डाल, अर्थ, प्रयोग(Neki kar dariya me daal)

अमन_लकड़ी_लाते_हुए, दादा_लकड़ी_देखते_हुए, अमन_छत_मरम्मत_करते_हुए, गाँववाले_हैरान

परिचय: “नेकी कर दरिया में डाल” यह हिंदी मुहावरा है जो अक्सर हमें अच्छे काम को बिना किसी स्वार्थ या प्रशंसा की उम्मीद में करने के लिए प्रेरित करता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब हम कोई अच्छा काम करें, तो हमें उसे चुपचाप करना चाहिए, बिना इसकी उम्मीद किए कि हमें उसके लिए कोई पुरस्कार या प्रशंसा मिलेगी।

उपयोग:

-> अभय ने अपने पड़ोसी के लिए खाना बनाया और चुपचाप उसके घर पर रख दिया, जैसे ही वह यह कहावत अपनाता है, “नेकी कर दरिया में डाल।”

-> पूजा ने अनजान व्यक्ति की मदद की और चुप रही, क्योंकि उसे पता था कि “नेकी कर दरिया में डाल”।

विस्तार से: कई बार हम देखते हैं कि लोग अच्छे काम करने के बाद उसकी प्रशंसा की उम्मीद करते हैं। लेकिन सच्ची नेकी तो वह होती है, जिसे किए बिना किसी उम्मीद या फायदे की इच्छा के किया जाए। यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि अच्छे काम को स्वीकार्यता और निष्कलंक भावना से किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष: “नेकी कर दरिया में डाल” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अच्छा काम करते समय किसी प्रकार की प्रशंसा या स्वार्थ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हमें चाहिए कि अपने कार्य को समर्पित कर दें और उसका फल भगवान पर छोड़ दें।

नेकी कर दरिया में डाल मुहावरा पर कहानी:

अमन एक साधारण लड़का था जो एक छोटे से गाँव में रहता था। गाँव में एक बुजुर्ग आदमी रहते थे जिन्हें सभी ‘दादा’ कहते थे। दादा के पास खुद का कुछ भी नहीं था, और वह अकेला ही अपने जीवन को बिता रहे थे।

एक दिन, अमन ने देखा कि दादा को खाना बनाने के लिए लकड़ी की जरूरत है, लेकिन उनके पास लकड़ी नहीं थी। बिना किसी से बताए, अमन ने जंगल से लकड़ी काटकर दादा के घर के बाहर रख दी। जब दादा ने लकड़ी देखी, उसे बहुत आश्चर्य हुआ, लेकिन उसे यह नहीं पता चला कि उसने यह लकड़ी रखी थी।

अगले हफ्ते, अमन ने देखा कि दादा की छत में छेद हो गया था। तो उसने रात के समय छत को मरम्मत किया और सुबह चला गया। जब दादा उठा और उसने अपनी मरम्मत की हुई छत देखी, उसे फिर से आश्चर्य हुआ, लेकिन उसे फिर भी नहीं पता चला कि उसने छत की मरम्मत की थी।

यह सब देखकर गाँव के लोग हैरान रह गए और उन्होंने पूछा, “इन सभी अच्छे कामों के पीछे कौन है?” अमन चुप रहा, क्योंकि उसने अपने किए हुए अच्छे काम के लिए कोई प्रशंसा या धन्यवाद की उम्मीद नहीं की थी। उसे यह समझ में आ गया था कि “नेकी कर दरिया में डाल” का सही मतलब क्या होता है।

शायरी:

नेकी की जब बात होती है मियाँ,

ज़िंदगी में उसे दरिया में ही डाल देना चाहिए।

हर खुदा का काम छुपाये जाता है,

फकीर की ज़ुबान पर फकत इश्क और मोहब्बत बाकी रहती है।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of नेकी कर दरिया में डाल – Neki kar dariya me daal Idiom:

Introduction: “Neki kar dariya me daal” is a Hindi idiom often used to inspire us to do good deeds without any expectation of benefit or praise.

Meaning: The meaning of this idiom is that when we do a good deed, we should do it quietly, without hoping for any reward or acknowledgment in return.

Usage:

-> Abhay cooked food for his neighbor and silently left it at his door, embodying the saying, “Neki kar dariya me daal.”

-> Pooja helped a stranger and remained silent, knowing well the principle of “Neki kar dariya me daal.”

In detail: Often, we see that people expect acknowledgment after doing a good deed. However, genuine benevolence is when it is done without any hope or desire for benefits. This idiom teaches us that good deeds should be done with sincerity and a selfless attitude.

Conclusion: The idiom “Neki kar dariya me daal” teaches us not to expect any kind of praise or self-interest while doing good. We should dedicate our actions and leave their results to God.

Story of Neki kar dariya me daal Idiom in English:

Aman was an ordinary boy who lived in a small village. In the village, there was an elderly man whom everyone called ‘Dada’. Dada owned nothing of his own and was living his life in solitude.

One day, Aman noticed that Dada needed wood to cook his food, but he didn’t have any. Without telling anyone, Aman cut wood from the forest and left it outside Dada’s house. When Dada saw the wood, he was greatly surprised but didn’t know who had left it there.

The following week, Aman saw that there was a hole in Dada’s roof. So, he repaired the roof during the night and left by morning. When Dada woke up and saw his repaired roof, he was once again amazed but still didn’t know who had fixed it.

Seeing all this, the villagers were astonished and asked, “Who is behind all these good deeds?” Aman remained silent, as he had no expectations of praise or gratitude for his good deeds. He had come to truly understand what “Do good and throw it in the river” (Neki kar dariya me daal) truly meant.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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