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हक्का-बक्का रह जाना मुहावरा, अर्थ, प्रयोग (Hakka bakka reh jana)

अर्थ: ‘हक्का बक्का रह जाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी चीज़, घटना या किसी व्यक्ति के कारण अच्छानक हैरान या चौंक जाना। अचानक किसी अप्रत्याशित परिस्थिति से अथवा सूचना से जब किसी की समझ में कुछ न आए और वह हैरानी में पड़ जाए, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

उदाहरण: -> जब रामु को पता चला कि उसके मित्र ने उससे छिपाकर उसकी पसंदीदा चीज़ खा ली, वह हक्का बक्का रह गया।

-> परिणाम घोषित होते ही, सभी छात्र हक्का बक्का रह गए, क्योंकि जिसको सबने पहली स्थान पर देखा था, वह अंत में पहुँच गया।

वाक्य में प्रयोग: मुझे समझ में नहीं आया कि अच्छानक रस्ते में वो व्यक्ति कैसे गिर गया, मैं तो वहां खड़ा हक्का बक्का रह गया।

विचार: हमारे जीवन में ऐसे अनेक परिस्थितियाँ आती हैं जब हम अचानक स्थितियों के सामना में हक्का बक्का हो जाते हैं। ऐसे समय में, अपनी उपस्थिति ऑफ माइंड बनाए रखना और ठांडे दिमाग़ से सोच-समझकर कार्रवाई करना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

हक्का-बक्का रह जाना मुहावरा पर कहानी:

राम एक साधारण गाँव में रहता था। वह अकेला अपनी मां के साथ रहता था और गाँव में उसका एक अच्छा दोस्त भी था, अर्जुन। दोनों बचपन से साथी थे और एक-दूसरे की खुशियों और दुःख में साथ देते थे।

एक दिन गाँव में एक मेला आया। उस मेले में एक खास प्रदर्शन था, जिसमें एक जादूगर अपने जादू का प्रदर्शन कर रहा था। राम और अर्जुन ने सोचा कि वह इस प्रदर्शन को देखने जाएँगे।

प्रदर्शन के समय, जादूगर ने एक खास प्रयोग किया जिसमें वह एक साधारण व्यक्ति को उसके मंच पर बुलाकर वह व्यक्ति को हवा में उड़ा देता था। जादूगर ने दर्शकों में से किसी एक को मंच पर आने के लिए कहा।

अर्जुन थोड़ा मजाकीय मिजाज का था, और उसने राम का नाम सुझाव में दिया। राम थोड़ा घबराया हुआ था, परंतु वह अर्जुन के इस मजाक को समझ गया और मंच पर चढ़ गया। जैसे-जैसे जादूगर ने अपना जादू शुरू किया, राम को वास्तविकता की अहसास हुई और वह वाकई हवा में उड़ने लगा।

जब राम वापस मंच पर उतरा, तो उसका चेहरा पूरी तरह से बदल गया था। उसकी आँखों में चमक थी और वह बहुत खुश दिखाई दे रहा था। अर्जुन ने राम को देखा और मुस्कराया।

राम अर्जुन के पास गया और बोला, “तुमने मुझे अचानक मंच पर बुलवाया, मैं तो वहां खड़ा हक्का बक्का रह गया। पर अब मुझे समझ में आया कि जीवन में अच्छानक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। और इस प्रकार की स्थितियों में अपने आप पर और अपने मित्रों पर विश्वास रखना चाहिए।”

इस घटना से दोनों मित्रों को यह सिखने को मिला कि जीवन में अचानक समर्थन और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। और इसके लिए हमें अपनी आवश्यकताओं और आत्म-विश्वास को मजबूती प्रदान करनी चाहिए।

इस कहानी से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि “हक्का बक्का रह जाना” एक अहसास है जो अच्छानक परिस्थितियों के सामना में आता है। और इस अहसास से निपटने के लिए हमें अपने आप पर और अपने मित्रों पर पूरा विश्वास रखना चाहिए।

शायरी:

जीवन की राहों में, जब भी मुझे मोड़ मिला,

हक्का बक्का खड़ा हुआ, परिंदे की तरह सोच में पड़ा।

उस अजनबी सफर में, जहाँ कुछ भी अपना नहीं था,


मेरे ख्यालों में बसा, वो हक्का बक्का लम्हा।

 

हक्का बक्का रह जाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हक्का बक्का रह जाना – Hakka bakka reh jana Idiom:

Meaning: “Hakka bakka reh jana” is a prevalent Hindi idiom. The meaning of this idiom is to be suddenly surprised or taken aback due to some event, thing, or individual. When someone is unexpectedly confronted with a situation or piece of information that they can’t comprehend, leaving them stunned, this idiom is employed.

Usage: 1. When Ramu discovered that his friend secretly ate his favorite dish, he was taken aback.

2. As soon as the results were announced, all the students were stunned because the one everyone expected to come first ended up last.

Usage in a sentence: I couldn’t understand how that person suddenly fell on the road; I stood there completely taken aback.

Thought:

There are many instances in our lives when we are suddenly confronted with situations that leave us stunned. During such times, it’s essential to maintain our presence of mind and act thoughtfully and calmly.

I hope you find the information on the idiom “Hakka bakka reh jana” useful. This idiom also teaches us that we should have faith in our innate strengths in every situation.

Story of Hakka bakka reh jana idiom in English:

Ram lived in a simple village. He lived alone with his mother, and he had a good friend in the village named Arjun. Both had been companions since childhood and supported each other in joys and sorrows.

One day, a fair came to the village. A special performance was to take place at the fair where a magician would display his magic. Ram and Arjun decided they would attend this performance.

During the performance, the magician executed a particular trick where he would call an ordinary person onto the stage and make that person float in the air. The magician asked for a volunteer from the audience.

Arjun, with his playful nature, suggested Ram’s name. Ram was a bit nervous, but he understood Arjun’s jest and ascended the stage. As the magician began his act, reality dawned on Ram, and he truly began to levitate.

When Ram descended back to the stage, his demeanor had completely transformed. His eyes sparkled, and he looked delighted. Arjun saw Ram and smiled.

Ram approached Arjun and said, “You unexpectedly called me onto the stage, and I was left dumbfounded. But now I realize that in life, we often face unforeseen circumstances. In such situations, we should have faith in ourselves and our friends.”

From this event, both friends learned that life often requires confronting sudden challenges and adversities. For this, we must strengthen our resilience and self-confidence.

This story also teaches us that the feeling of being “dumbfounded” arises when confronted with sudden scenarios. To deal with such feelings, we should have complete trust in ourselves and our friends.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल नकारात्मक सन्दर्भ में होता है?

नहीं, इसका उपयोग सकारात्मक संदर्भों में भी हो सकता है, जैसे कि किसी सुखद या आश्चर्यजनक घटना पर।

क्या इस मुहावरे का अंग्रेजी में कोई समकक्ष है?

अंग्रेजी में इसका समकक्ष हो सकता है “to be flabbergasted” या “to be dumbfounded”.

क्या “हक्का बक्का रह जाना” मुहावरे की उत्पत्ति का कोई विशेष इतिहास है?

इस मुहावरे की उत्पत्ति का कोई विशेष इतिहास तो नहीं है, लेकिन यह बोलचाल की भाषा में विकसित हुआ प्रतीत होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग बच्चों को समझाने में आसान होता है?

हां, इसका उपयोग बच्चों को आश्चर्य या अचंभे की भावना समझाने में आसान और प्रभावी होता है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग साहित्यिक ग्रंथों में भी मिलता है?

हां, इस मुहावरे का प्रयोग हिंदी साहित्य के ग्रंथों में भी मिलता है, विशेषकर जहां चरित्रों की अचंभित प्रतिक्रियाओं का वर्णन किया गया हो।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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