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ईमान बेचना अर्थ, प्रयोग (Emaan bechna)

ईमान बेचना एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है अपने सिद्धांतों या नैतिकता को धोखा देना या बेच देना, अक्सर लालच या व्यक्तिगत लाभ के लिए। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति अपने मूल्यों को त्याग कर गलत काम करता है।

परिचय: ‘ईमान बेचना’ शब्द संस्कृति और नैतिकता की गहराईयों से जुड़ा हुआ है। ईमान का मतलब है विश्वास या सिद्धांत, और इसे बेचना यानी अपने आदर्शों का सौदा करना।

अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति को बयान करता है जहाँ कोई व्यक्ति लाभ के लिए अपने नैतिक सिद्धांतों को त्याग देता है। यह आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति लालच या स्वार्थ के कारण अपनी नैतिकता को त्याग देता है।

उदाहरण:

-> जब प्रथम ने अपने मित्र को धोखा देकर पैसे कमाए, तो उसके दादाजी ने कहा, “तूने तो ईमान बेच दिया।”

-> सरकारी अधिकारी जो रिश्वत लेते हैं, वे अपना ईमान बेचते हैं।

निष्कर्ष: ‘ईमान बेचना’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि लालच और स्वार्थ के लिए अपने मूल्यों और सिद्धांतों का त्याग करना गलत है। यह हमें नैतिकता और ईमानदारी के महत्व को याद दिलाता है।

Hindi Muhavare Quiz

ईमान बेचना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में नियांत नामक एक ईमानदार किसान रहता था। नियांत हमेशा अपने काम में लगन और ईमानदारी से काम करता था। उसके पास एक छोटा सा खेत था, जहां वह सब्जियाँ और फल उगाया करता था। उसकी सब्जियां और फल हमेशा ताजे और स्वास्थ्यवर्धक होते थे, जिससे वह गाँव में प्रसिद्ध था।

एक दिन, एक धनी व्यापारी गाँव में आया और नियांत के खेत की सब्जियों की प्रशंसा करने लगा। उसने नियांत को एक प्रस्ताव दिया कि अगर वह अपनी सब्जियां सस्ते दाम में उसे बेचे, तो वह उसे एक बड़ी रकम देगा। यह सुनकर नियांत खुश हो गया, लेकिन उसने जल्द ही सोचा कि यह उसके ग्राहकों के साथ धोखा होगा, जो हमेशा उसके खेत से ताजा सब्जियां खरीदते थे।

नियांत ने व्यापारी को समझाया कि वह अपने ग्राहकों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। उसने कहा, “मेरे लिए मेरे ग्राहकों का विश्वास और मेरे ईमान की कीमत ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

व्यापारी नियांत की ईमानदारी से प्रभावित हुआ और उसने उसे अच्छे दाम पर सब्जियां खरीदने का प्रस्ताव दिया। नियांत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया, और उसका व्यापार और भी फला-फूला।

इस कहानी के माध्यम से, हमें सिखने को मिलता है कि लालच में आकर अपने ईमान को बेचना गलत है। नियांत की तरह, हमें हमेशा अपने सिद्धांतों और नैतिकता को महत्व देना चाहिए।

शायरी:

बाजार में नीलाम हुए हैं ईमान सभी के,

हर शख्स यहां दौलत की राह में बिका है।

दुनिया की इस भीड़ में अक्सर ये देखा है,

जिसने भी खुद को बेचा, वो खुद में सिका है।

ईमान की कीमत को, क्या जानें ये बाजार,

जिसने दिल बेचा, उसके लब पे ताले हैं।

हम तो फकीर इश्क के, ईमान बिकता नहीं,

इन रास्तों पर हमारे कदमों के निशान वाले हैं।

जहाँ ईमान की होती नहीं कोई कीमत,

वहां दिलों के सौदे भी अजीब होते हैं।

हमने तो अपनी आँखों में ख्वाब सजाए हैं,

जिनके लिए ईमान और वफ़ा हबीब होते हैं।

इस दौर में ‘ईमान बेचने’ की बातें हैं आम,

मगर उस राह पे चलना, मेरे बस का नहीं।

हमने तो अपने दिल को इश्क की चादर ओढ़ाई है,

जहां ईमान की मोहब्बत, हर दर्द का इलाज का नहीं।

 

ईमान बेचना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ईमान बेचना – Emaan bechna Idiom:

“ईमान बेचना” is a prevalent Hindi idiom that means to betray or sell one’s principles or morality, often for greed or personal gain. This idiom illustrates situations where a person abandons their values to do wrong.

Introduction: The phrase ‘ईमान बेचना’ (selling one’s faith) is deeply connected with culture and morality. ‘ईमान’ means faith or principle, and selling it implies trading one’s ideals.

Meaning: This idiom describes situations where a person forsakes their moral principles for profit. It is commonly used in a negative context.

Usage: This idiom is used in situations where an individual abandons their morality due to greed or self-interest.

Example:

-> When Pratham deceived his friend to make money, his grandfather said, “You have sold your faith (ईमान).”

-> Government officers who take bribes are selling their faith (ईमान).

Conclusion: The idiom ‘ईमान बेचना’ teaches us that it is wrong to forsake our values and principles for greed and selfishness. It reminds us of the importance of morality and honesty.

Story of ‌‌Emaan bechna Idiom in English:

In a small village lived an honest farmer named Niyant. Niyant always worked with dedication and integrity. He owned a small farm where he grew vegetables and fruits. His produce was always fresh and healthy, making him famous in the village.

One day, a wealthy merchant visited the village and began to praise Niyant’s farm produce. He offered Niyant a deal to sell his vegetables at a low price in exchange for a large sum of money. Niyant was initially pleased but soon realized it would be a betrayal to his regular customers who always bought fresh produce from his farm.

Niyant explained to the merchant that he could not betray the trust of his customers, saying, “The trust of my customers and the value of my integrity are more important to me.”

Impressed by Niyant’s honesty, the merchant offered to buy the vegetables at a fair price. Niyant accepted this offer, and his business flourished even more.

This story teaches us that succumbing to greed and selling our integrity is wrong. Like Niyant, we should always value our principles and morality.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

ईमान बेचने के प्रभाव क्या हो सकते हैं?

यह विशेष रूप से नैतिकता और विश्वास की गहरी खोखली का कारण बन सकता है, और सामाजिक संवाद में विश्वासघात का कारण बन सकता है।

क्या ईमान बेचना का अर्थ है कि ईमान को किसी को बेच दिया जाए?

जी हां, ईमान बेचना का अर्थ है किसी व्यक्ति या समूह द्वारा अपने नैतिकता या ईमान को किसी लाभ के लिए बेच देना।

क्या ईमान बेचना एक वास्तविक व्यापार हो सकता है?

नहीं, यह एक मुहावरा है और वास्तविक रूप से ईमान को बेचने की क्रिया नहीं हो सकती, बल्कि यह एक नैतिक या सामाजिक अवस्था का व्यक्तिगत या सामूहिक विवरण है।

ईमान बेचना में कौन-कौन सम्मिलित हो सकते हैं?

किसी भी व्यक्ति, समूह, या संगठन जो अपने नैतिकता या मूल्यों को लाभ के लिए बेचता है, उन्हें इसमें सम्मिलित किया जा सकता है।

क्या ईमान बेचना का उपयोग किसी स्थिति में किया जा सकता है?

ईमान बेचना का उपयोग विभिन्न स्थितियों में किया जा सकता है, जैसे कि राजनीतिक, व्यापारिक, या सामाजिक परिस्थितियों में।

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