परिचय: “सर सलामत तो पगड़ी हजार” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अक्सर उपयोग जीवन की प्राथमिकताओं को बताने में किया जाता है। यह मुहावरा जीवन की महत्वपूर्णता और अन्य चीजों की तुलना में इसके मूल्य को प्रकट करता है।
अर्थ: “सर सलामत तो पगड़ी हजार” का शाब्दिक अर्थ है कि अगर जीवन सुरक्षित है, तो खोई हुई प्रतिष्ठा या संपत्ति को फिर से प्राप्त किया जा सकता है। यह मुहावरा जीवन के महत्व को रेखांकित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को जीवन और अन्य भौतिक चीजों के महत्व के बीच चुनाव करने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण:
-> भारी बारिश में भी अपने व्यापार को बचाने के चक्कर में न पड़ो, याद रखो, सर सलामत तो पगड़ी हजार।
-> उस खतरनाक इलाके में जाने की बजाय वापस आ जाओ, क्योंकि सर सलामत तो पगड़ी हजार।
निष्कर्ष: “सर सलामत तो पगड़ी हजार” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन सबसे कीमती है और अगर जीवन बचा रहता है, तो हम खोए हुए सम्मान या संपत्ति को फिर से प्राप्त कर सकते हैं। यह मुहावरा व्यक्ति को जीवन की सुरक्षा के प्रति सजग रहने की सलाह देता है।
सर सलामत तो पगड़ी हजार मुहावरा पर कहानी:
एक छोटे गाँव में विकास नाम का एक किसान रहता था। वह अपने खेतों पर मेहनत से काम करता और अपने परिवार का पालन-पोषण करता। एक वर्ष, उसके गाँव में भारी बारिश हुई, जिससे बाढ़ का खतरा पैदा हो गया।
विकास के पास बहुत सी फसल थी जो उसने बोई थी, और वह उसे किसी भी हाल में बचाना चाहता था। लेकिन बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा था और उसके खेत की तरफ बढ़ रहा था। उसके पड़ोसी और दोस्तों ने उसे सलाह दी कि वह खेतों को छोड़कर उच्च स्थान पर चला जाए।
विकास के मन में दुविधा थी, लेकिन फिर उसे अपने पिता की कही गई बात याद आई, “सर सलामत तो पगड़ी हजार।” उसने सोचा कि अगर वह सुरक्षित रहेगा, तो वह फिर से फसल उगा सकता है, लेकिन अगर उसकी जान को कुछ हो गया, तो फिर कुछ भी नहीं बचेगा।
इसलिए, विकास ने अपने परिवार के साथ उच्च स्थान की ओर पलायन किया और अपनी जान बचाई। बाढ़ के बाद, उसने फिर से अपने खेतों को संवारा और अगले सीजन में अच्छी फसल प्राप्त की।
इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं है और अगर हमारा जीवन सुरक्षित है, तो हम खोए हुए सामान या संपत्ति को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। विकास का निर्णय इस मुहावरे का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
शायरी:
जिंदगी की इस राह में, जब भी आए तूफान,
याद रखना ये बात, ‘सर सलामत तो पगड़ी हजार’।
बाज़ार की चमक में ना खो देना अपना अस्तित्व,
जब तक तुम सलामत हो, बनेंगे नए मुकाम हजार।
दौलत की चकाचौंध में क्या रखा है यारों,
जीवन रहे सुरक्षित, तो मिलेंगे खजाने हजार।
उम्र के हर मोड़ पर ये सोच समझ लेना,
जीवन की कीमत पे ना लगाना कोई बाजार।
संघर्ष की इस डगर में जब भी लगे डर,
याद रखना ये बात, ‘सर सलामत तो पगड़ी हजार’।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of सर सलामत तो पगड़ी हजार – Sir salamat to pagdi hazaar Idiom:
Introduction: “सर सलामत तो पगड़ी हजार” (Sir salamat to pagdi hazaar) is a famous Hindi idiom often used to emphasize life’s priorities. This idiom highlights the importance of life and its value over other things.
Meaning: The literal meaning of “सर सलामत तो पगड़ी हजार” is that if life is safe, lost prestige or wealth can be regained. The idiom underscores the significance of life.
Usage: This idiom is used when advising someone to choose between life and other materialistic things, emphasizing the importance of life over all else.
Usage:
-> Don’t risk your life to save your business in heavy rain, remember, if the head is intact, turbans can be countless.
-> Return from that dangerous area, because if the head is intact, turbans can be countless.
Conclusion: The idiom “सर सलामत तो पगड़ी हजार” teaches us that life is the most precious thing, and if it is preserved, lost honor or wealth can be regained. This idiom advises individuals to remain vigilant about the safety of their lives.
Story of Sir salamat to pagdi hazaar Idiom in English:
In a small village lived a farmer named Vikas. He worked hard in his fields and took care of his family. One year, his village experienced heavy rainfall, which led to the threat of flooding.
Vikas had a lot of crops that he had sown and wanted to save them at any cost. However, the floodwaters were rising rapidly and moving towards his fields. His neighbors and friends advised him to leave the fields and move to higher ground.
Vikas was in a dilemma, but then he remembered his father’s words, “If the head is intact, turbans can be countless.” He thought that if he stayed safe, he could grow the crops again, but if he lost his life, everything would be lost.
Therefore, Vikas evacuated to higher ground with his family and saved their lives. After the flood, he restored his fields and harvested a good crop in the next season.
This story teaches us that nothing is more important than life, and if our life is safe, we can regain lost possessions or wealth. Vikas’s decision is a direct example of the idiom in practice.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
हाँ, यह मुहावरा भारतीय सेना और राजपूत योद्धाओं की शौर्य की कहानियों से जुड़ा हुआ है।
यह मुहावरा किस परंपरागत सांस्कृतिक भूमि से जुड़ा हुआ है?
यह मुहावरा भारतीय सांस्कृतिक भूमि से जुड़ा हुआ है, जहां पगड़ी संरक्षण और गरिमा का प्रतीक है।
क्या है मुहावरा “सर सलामत तो पगड़ी हजार” का अर्थ?
इस मुहावरे का मतलब है कि किसी की सुरक्षा बनी रहे और वह स्वस्थ रहे।
क्या इसका उपयोग केवल राजस्थान और पंजाब में होता है?
नहीं, यह मुहावरा भारत भर में उपयोग होता है और इसका मतलब सामान्यत: समान होता है।
क्या इसे केवल सैनिकों के लिए ही उपयोग किया जा सकता है?
नहीं, इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति की सुरक्षा और समृद्धि की कामना के लिए भी हो सकता है।
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