परिचय: हिंदी भाषा समृद्ध है अपने अनेक मुहावरों और लोकोक्तियों से, जो न केवल भाषा की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाते हैं। “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” एक ऐसा ही मुहावरा है जो भावनाओं और प्रतिक्रियाओं के गहरे संदर्भ को प्रस्तुत करता है।
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि जब एक औरत गुस्से में होती है, तो उसका प्रकोप अत्यंत भयानक होता है, जैसे कि खुदा का कहर। यह औरतों की भावनाओं की तीव्रता और उनके प्रतिक्रिया की शक्ति को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां औरतों की गहरी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करने की आवश्यकता होती है। यह किसी विशेष स्थिति या घटना के प्रति औरतों की प्रतिक्रिया की तीव्रता को बयां करता है।
उदाहरण:
-> जब सुमन ने अपने बच्चों पर अन्याय होते देखा, तो उसके गुस्से को देखकर लगा जैसे “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” हो।
-> राजनीति में जब कभी महिला नेता ने अपनी मजबूत प्रतिक्रिया दिखाई, तो लोगों ने कहा कि वाकई “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” होता है।
निष्कर्ष: “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि औरतों की भावनाएं और उनकी प्रतिक्रियाएं अत्यंत शक्तिशाली होती हैं और उन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह हमें यह भी बताता है कि समाज में महिलाओं की भूमिका और उनकी आवाज कितनी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, यह मुहावरा हमारी सांस्कृतिक समृद्धि का एक अभिन्न अंग है।
औरत का गुस्सा खुदा का कहर मुहावरा पर कहानी:
एक छोटे से गाँव में मीरा नाम की एक साधारण महिला रहती थी। वह अपने पति और दो बच्चों के साथ एक सुखी जीवन बिता रही थी।
एक दिन, गाँव के एक प्रभावशाली व्यक्ति ने मीरा के पति की जमीन पर नाजायज कब्जा कर लिया। मीरा और उसके पति ने बहुत कोशिश की पर उन्हें न्याय नहीं मिला। मीरा के पति ने हार मान ली, पर मीरा ने ठान लिया कि वह अपने हक के लिए लड़ेगी।
मीरा ने अपने पति की जमीन वापस पाने के लिए अदालत में केस दर्ज किया। उसने अपनी सच्चाई और साहस के साथ संघर्ष किया। उसका यह संघर्ष इतना तीव्र था कि पूरे गाँव में उसकी चर्चा होने लगी।
अंततः, मीरा की मेहनत और दृढ़ संकल्प की जीत हुई। अदालत ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया, और उसके पति की जमीन उन्हें वापस मिल गई।
मीरा की यह कहानी हमें बताती है कि “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” कैसे होता है। जब औरत अपने हक के लिए लड़ती है, तो उसका संघर्ष और साहस अत्यंत प्रभावशाली होता है, और वह किसी भी बाधा को पार कर सकती है। मीरा की यह कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक महिला का दृढ़ निश्चय और गुस्सा, समाज में बदलाव ला सकता है।
शायरी:
जब औरत का गुस्सा आसमान छूता है,
हर जुल्म का पर्दा, फिर वो ही उठाती है।
खुदा का कहर जैसी, उसकी आंधी में,
हर बेइंसाफी का चिराग, वो बुझाती है।
उसकी आंखों में बसी, तूफानी चिंगारी,
जैसे रात के अंधेरे में, तारों की लड़ी।
उसके इरादों की गहराई, समंदर से गहरी,
जहां हर लहर कहती, “इंसाफ यहीं पड़ी।”
उसके कदमों की धमक, अन्याय को डराती,
जैसे बादलों की गर्जन, धरती को चेताती।
औरत का गुस्सा, जब खुदा का कहर बनता,
हर ज़ुल्म की दीवार, वो आवाज से हिलाती।
उसकी जुबां पर जब, इंसाफ का तराना हो,
हर दर्द की दवा, उसकी आवाज में बसी।
औरत की यह ताकत, इतिहास गवाह है,
जब जब उठी तलवार, दुनिया ने सलाम किया।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of औरत का गुस्सा खुदा का कहर – Aurat ka gussa khuda ka kahar Idiom:
Introduction: The Hindi language is enriched with numerous idioms and proverbs, which not only enhance the beauty of the language but also reflect various aspects of life. “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” (A woman’s anger is like God’s wrath) is one such idiom that represents deep emotions and reactions.
Meaning: The general meaning of this idiom is that when a woman is angry, her fury can be terribly fierce, akin to the wrath of God. It symbolizes the intensity of women’s emotions and the power of their reactions.
Usage: This idiom is often used in situations where it’s necessary to express the deep feelings and reactions of women. It describes the intensity of a woman’s response to a particular situation or event.
Example:
-> When Suman saw injustice being done to her children, her anger seemed like “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” (A woman’s anger is like God’s wrath).
-> In politics, whenever a female leader showed her strong response, people said that indeed “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” (A woman’s anger is like God’s wrath).
Conclusion: The idiom “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” (A woman’s anger is like God’s wrath) teaches us that the feelings and reactions of women are extremely powerful and should not be taken lightly. It also tells us how important the role and voice of women are in society. Thus, this idiom is an integral part of our cultural richness.
Story of Aurat ka gussa khuda ka kahar Idiom in English:
In a small village, there lived a simple woman named Meera. She was leading a happy life with her husband and two children. One day, an influential person in the village unlawfully seized the land belonging to Meera’s husband. Meera and her husband tried hard but failed to get justice. Her husband gave up, but Meera resolved to fight for her rights.
Meera filed a case in court to reclaim her husband’s land. She fought with truth and courage. Her struggle was so intense that it became the talk of the entire village. Eventually, Meera’s hard work and determination paid off. The court ruled in her favor, and her husband’s land was returned to them.
Meera’s story tells us how “a woman’s anger is like God’s wrath.” When a woman fights for her rights, her struggle and courage are immensely powerful, and she can overcome any obstacle. Meera’s story is an inspiration, showing how a woman’s firm resolve and anger can bring about change in society.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
क्या यह मुहावरा केवल औरतों के लिए है?
नहीं, यह मुहावरा सभी लोगों के लिए हो सकता है, क्योंकि गुस्से की ताकत और प्रभाव सभी के लिए समान होती है।
क्या इस मुहावरे का उदाहरण दिए जा सकते हैं?
हां, बिना जाने दिलचस्पी या उत्तेजना के दृश्य के संदर्भ में, जब किसी औरत का गुस्सा उसके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता है, तो यह मुहावरा उपयोग किया जा सकता है।
औरत का गुस्सा खुदा का क्या मतलब है?
यह मुहावरा दरासल औरतों के गुस्से की भावना को व्यक्त करता है, जो कभी-कभी बेहद प्रभावशाली होती है।
क्या औरत का गुस्सा वास्तव में खुदा का कहर होता है?
नहीं, यह मुहावरा केवल एक उदाहरण है जो औरतों के गुस्से की ताकत को बयान करता है, न कि उनके गुस्से को धार्मिक या अद्भुत शक्ति से तुलना करता है।
क्या इस मुहावरे में किसी निश्चित औरत का जिक्र है?
नहीं, यह मुहावरा सामान्यत: सभी औरतों के लिए प्रयोग किया जाता है, और किसी विशेष व्यक्ति की उल्लेख नहीं किया जाता है।
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