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ईंट से ईंट बजाना, अर्थ, प्रयोग(Eent se eent bajana)

मुहावरे का अर्थ: ‘ईंट से ईंट बजाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है – प्रतिशोध लेना या बदला लेना। जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को उसी तरह से नुकसान पहुंचाए, जैसे उसने पहले किया होता है, तो इसे ‘ईंट से ईंट बजाना’ कहते हैं।

उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति आपको चोट पहुंचाए और आप भी उसे वैसी ही चोट पहुंचाएं, तो तो इसे ईंट से ईंट बजाना कहते है

-> राम ने श्याम को चोट पहुंचाई थी, तो श्याम ने भी उसे चोट पहुंचा दी। श्याम ने राम से ईंट से ईंट बजा दी।

-> सुभाष चंद्र बोस ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी थी।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग होता है जब किसी को उसकी की गई बुराई का जवाब उसी तरह से दिया जाता है।

विशेष टिप्पणी: हालांकि, इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर नकारात्मक प्रसंग में होता है, यह हमें यह भी सिखाता है कि प्रतिशोध लेने से बेहतर है समस्याओं का समाधान ढूंढना।

निष्कर्ष: ‘ईंट से ईंट बजाना’ एक महत्वपूर्ण हिंदी मुहावरा है जो प्रतिशोध और बदले की भावना को व्यक्त करता है। यह हमें यह समझाता है कि जीवन में हमें उचित तरीके से प्रतिक्रिया करनी चाहिए, न कि अंधा प्रतिशोध लेना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

ईंट से ईंट बजाना मुहावरा पर कहानी:

गाँव में दो दोस्त रहते थे, राम और श्याम। दोनों की मित्रता को गाँववाले भी प्रशंसा करते थे। एक दिन गाँव में मेले का आयोजन हुआ। राम और श्याम भी मेले में गए। वहां श्याम ने राम के साथ मजाक में उसकी टोपी उतार दी। राम को यह अच्छा नहीं लगा, उसने श्याम से कुछ नहीं कहा लेकिन मन ही मन उसने बदला लेने को सोच लिया।

कुछ समय बाद, जब दोनों नदी में तैरने गए, राम ने श्याम की चश्मा पानी में फेंक दिया। जब श्याम ने पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया, राम ने कहा, “तुमने मेरी टोपी उतारी थी, तो मैंने तुम्हारी चश्मा पानी में फेंक दिया। इसे कहते है ईंट से ईंट बजाना”। 

एक बुजुर्ग ने देखा कि दोस्तों के बीच ऐसी बात चल रही है। वह पास आकर बोले, “बेटा, तुम दोनों मित्र हो, और मित्रता में छोटी-छोटी बातों का भाव नहीं होता। श्याम ने टोपी उतारने का मतलब तुम्हें चोट पहुंचाना नहीं था, और तुम्हे उसका चश्मा पानी में नहीं फेंकना चाहिए था। ऐसा करने से मित्रता में दरार आती है।”

राम और श्याम समझ गए कि उन्होंने गलती की है। उन्होंने एक-दूसरे से माफी मांगी और फिर से मित्रता का बंधन मजबूत किया।

निष्कर्ष:

छोटी-छोटी बातों पर प्रतिशोध लेना सिर्फ संबंधों को खराब करता है। हमें समझना चाहिए कि प्रतिक्रिया कैसे की जाए और कब हमें माफ कर देना चाहिए। इससे हमारी मित्रता और संबंध और भी मजबूत होते हैं।

शायरी:

ईंट से ईंट बजाते चले जाते हैं हम,

दिलों की दीवार बढ़ाते चले जाते हैं हम।

कश्तियाँ डूब जातीं है अक्सर इन तूफानों में,

जब अपनों से दूरियां बढ़ाते जाते हैं हम।

 

ईंट से ईंट बजाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ईंट से ईंट बजाना – Eent se eent bajana:

Meaning: ‘Eent se eent bajana’ is a popular Hindi idiom, which translates to ‘taking revenge’ or ‘retaliating’. When one person harms another in the same way as they were previously harmed, it’s referred to as ‘Eent se eent bajana’.

Examples: If someone hurts you and you retaliate by inflicting similar harm upon them, then it’s called ‘taking an eye for an eye’.

 -> Ram hurt Shyam, so Shyam retaliated in kind. Shyam took revenge on Ram, eye for an eye.

 -> Subhash Chandra Bose fiercely retaliated against the British during the freedom struggle.

Usage: This idiom is often used when someone responds to wrongdoing done to them in a similar manner.

Special Note: Although often used in a negative context, this idiom also teaches us that it’s better to seek solutions to problems rather than seek revenge.

Conclusion: ‘Eent se eent bajana’ is an important Hindi idiom that expresses the feelings of revenge and retaliation. It serves as a reminder that in life, we should respond appropriately and not just blindly seek vengeance.

Story of ‌‌Eent se eent bajana Idiom in English:

In a village, there lived two friends, Ram and Shyam. Their friendship was admired by the villagers. One day, there was a fair organized in the village. Ram and Shyam also went to the fair. There, Shyam playfully removed Ram’s hat. Ram didn’t appreciate this act and even though he didn’t say anything to Shyam, he decided in his mind to take revenge.

Some time later, when both went to swim in the river, Ram threw Shyam’s glasses into the water. When Shyam asked him the reason, Ram replied, “You removed my hat, so I threw your glasses into the water. This is what’s called ‘an eye for an eye’.”

An elder saw the friends arguing. He approached them and said, “Sons, you both are friends, and in friendship, one shouldn’t take minor things to heart. Shyam didn’t mean to hurt you by removing your hat, and you shouldn’t have thrown his glasses into the water. Such acts can create rifts in friendships.”

Ram and Shyam realized their mistakes. They apologized to each other and strengthened their bond of friendship.

Conclusion: Taking revenge over minor things only deteriorates relationships. We should understand how to react and when to forgive. This makes our friendships and relationships even stronger.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई सामाजिक संदेश होता है?

हां, यह मुहावरा सामाजिक संदेश देता है कि समस्याओं का समाधान समस्या के कारणों को समझकर ही संभव होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में होता है?

हां, यह मुहावरा शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को यह सिखाने के लिए प्रयुक्त होता है कि वे समस्याओं के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाएंगे।

क्या इस मुहावरे का उपयोग कविताओं या कहानियों में होता है?

हां, यह मुहावरा कविताओं, कहानियों और गोष्ठियों में अक्सर प्रयुक्त होता है ताकि समस्याओं के समाधान का महत्व समझाया जा सके।

क्या इस मुहावरे का कोई संबंध किसी विशेष धर्म, संस्कृति या ऐतिहासिक घटना से होता है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विशेष धर्म, संस्कृति या ऐतिहासिक घटना से संबंध नहीं होता है, यह आम जीवन के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।

इस मुहावरे का क्या इतिहास है?

इस मुहावरे का इतिहास समुद्री जीवन के संदर्भ में है, जब लोगों को ईंटों से नाव बनानी होती थी।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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