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बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा अर्थ, प्रयोग (Bagal mein chhora, Shahar mein dhindhora)

“बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा” यह एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर हमारे दैनिक जीवन और साहित्य में किया जाता है। इस मुहावरे का अर्थ, प्रयोग और उदाहरण के माध्यम से हम इसकी व्यापकता और महत्व को समझेंगे।

परिचय: “बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – जब कोई व्यक्ति या वस्तु बहुत नजदीक हो और हम उसे न पहचान पाएं और उसकी खोज में दूर-दूर तक जाएँ। यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों के लिए प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति निकटवर्ती समाधान को अनदेखा करके दूर के उपायों में लगा रहता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति की अज्ञानता और असावधानी पर प्रकाश डालता है। जब कोई समस्या का समाधान हमारे बहुत करीब होता है, लेकिन हम उसे अनदेखा करके दूर की कौड़ी लाने में लगे रहते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न प्रकार के परिदृश्यों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि जब किसी को अपने घर के आस-पास की चीजों का महत्व न समझते हुए बाहरी चीजों का महत्त्व अधिक माना जाता है।

उदाहरण:

-> नियांत अपने गाँव में प्रतिभाशाली युवाओं की तलाश में था, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसका अपना भाई एक प्रतिभाशाली गायक है। यहाँ पर ‘बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा’ की कहावत सटीक बैठती है।

-> कंपनी नए आइडिया के लिए बाहरी सलाहकारों पर निर्भर थी, जबकि उनके अपने कर्मचारियों में बेहतरीन विचार थे। यह ‘बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा’ का एक उदाहरण है।

निष्कर्ष: इस मुहावरे का महत्व यह है कि इससे हमें सीखने को मिलता है कि कभी-कभी समाधान हमारे बहुत नजदीक होते हैं, और हमें अपने आस-पास के विकल्पों को भी ध्यान में रखना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने आस-पास के संसाधनों की कद्र करनी चाहिए और उनका उपयोग करना चाहिए।

बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बुजुर्ग दंपति रहते थे। उनका एक लड़का था, जिसका नाम अनुज था। अनुज बहुत ही प्रतिभाशाली था लेकिन वह और उसके माता-पिता इस बात से अनजान थे।

गाँव में हर साल एक बड़ा मेला लगता था, जिसमें दूर-दूर से कलाकार आते थे। इस बार गाँववालों ने सोचा कि वे एक प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे जिसमें उन्हें एक प्रतिभाशाली गायक की तलाश थी।

अनुज के माता-पिता भी इस प्रतियोगिता के बारे में सुनकर बहुत उत्साहित हुए। वे चाहते थे कि उनके गाँव का कोई युवा इस प्रतियोगिता में जीते। लेकिन उन्होंने कभी अनुज की प्रतिभा की तरफ ध्यान नहीं दिया था।

एक दिन, अनुज अकेले में गाना गा रहा था। उसकी आवाज़ सुनकर एक पड़ोसी ने उसे सलाह दी कि वह प्रतियोगिता में भाग ले। अनुज ने हिचकिचाहट के साथ हामी भर दी।

प्रतियोगिता के दिन, अनुज ने अपनी मधुर आवाज़ से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी गाँववाले हैरान थे कि उन्होंने इतने समय तक अनुज की प्रतिभा को अनदेखा किया।

अनुज के माता-पिता ने तब जाकर समझा कि उन्होंने अपने बेटे की प्रतिभा को पहचानने में बहुत देर कर दी। वे बहुत प्रसन्न हुए और अनुज को गले लगा लिया।

इस घटना से गाँववालों ने भी एक सीख ली। उन्होंने समझा कि “बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा” वाली कहावत कितनी सटीक थी। उन्होंने सीखा कि कभी-कभी हमारे समाधान हमारे बिल्कुल पास होते हैं, और हम दूर देखते रह जाते हैं।

शायरी:

बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा, कुछ ऐसी है ज़िंदगी की कहानी,

ढूँढते हैं हम खुशियाँ दूर जहाँ, अपने पास होती है बेमिसाल निशानी।

ख्वाबों की दुनिया में खोये रहे, हकीकत से आँखें मूँदी,

हर शै में वो बात नहीं, जो अपने आँगन में खुली।

दूर की सोच में खोये, पास के मोती भूल जाते हैं,

लाख चिरागों में भी रोशन, अपने घर का दिया होता है।

अरमानों की चाह में, ना अपनों को खो देना,

जो साथ हैं, उन्हें पहचानो, ये जीवन का सबक है जीना।

बगल में जो खजाना, उसे ना अनदेखा करो,

जिंदगी बहुत खूबसूरत है, बस इसे खुल के जियो।

 

बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा – Bagal mein chhora, Shahar mein dhindhora Idiom:

“Bagal mein chhora, Shahar mein dhindhora” is a famous Hindi idiom often used in our daily life and literature. Through the meaning, usage, and examples of this idiom, we will understand its prevalence and importance.

Introduction: The literal meaning of the idiom “Bagal mein chhora, Shahar mein dhindhora” is – when a person or thing is very close to us, but we fail to recognize it and search far and wide. This idiom is often used in situations where a person overlooks a nearby solution and remains engaged in seeking far-fetched solutions.

Meaning: The meaning of this idiom highlights a person’s ignorance and inattentiveness. It is used when the solution to a problem is very close to us, but we ignore it and keep looking for solutions that are far away.

Usage: This idiom can be used in various scenarios, such as when someone values things outside their home environment more than recognizing the importance of things nearby.

Example:

-> Niyant was searching for talented youth in his village but was unaware that his own brother was a talented singer. Here, the saying “Having the boy next door, yet beating the drums across the town” fits perfectly.

-> The company relied on external consultants for new ideas, while their own employees had excellent ideas. This is an example of “Having the boy next door, yet beating the drums across the town.”

Conclusion: The significance of this idiom is that it teaches us that sometimes solutions are very close to us, and we should consider the options around us. It also teaches us to value and utilize the resources around us.

Story of ‌‌Bagal mein chhora, Shahar mein dhindhora Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived an elderly couple. They had a son named Anuj. Anuj was very talented, but he and his parents were unaware of it.

Every year, a big fair was held in the village, attracting artists from far and wide. This time, the villagers decided to organize a competition in search of a talented singer.

Anuj’s parents were very excited to hear about the competition. They hoped that a youth from their village would win. However, they had never paid attention to Anuj’s talent.

One day, Anuj was singing alone. Hearing his voice, a neighbor suggested that he participate in the competition. Anuj agreed, albeit hesitantly.

On the day of the competition, Anuj mesmerized everyone with his melodious voice. All the villagers were surprised that they had overlooked Anuj’s talent for so long.

Anuj’s parents then realized that they had been late in recognizing their son’s talent. They were overjoyed and embraced Anuj.

This incident taught the villagers a lesson. They understood how apt the saying “Having the boy next door, yet beating the drums across the town” was. They learned that sometimes, our solutions are right beside us, yet we keep looking far away.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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