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हाथ का मैल होना, अर्थ, प्रयोग(Haath ka mail hona)

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अर्थ: ‘हाथ का मैल होना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है किसी चीज का किसी के लिए कोई महत्व नहीं होना या किसी चीज को तुच्छ समझना।

उपयोग: जब किसी व्यक्ति को लगता है कि कोई चीज उसके लिए महत्वपूर्ण नहीं है या वह उसे अहमियत नहीं देता, तब वह कहता है कि यह उसके लिए ‘हाथ का मैल’ है।

उदाहरण:

-> अनुभव के लिए यह सोने की घड़ी हाथ का मैल है, क्योंकि वह इसे कभी पहनता नहीं है।

-> विकास इतने अमीर हैं कि उसके लिए नई कार भी हाथ का मैल होती है।

विवेचना: जब कोई व्यक्ति किसी चीज को अपने जीवन में महत्वपूर्ण नहीं मानता या वह चीज उसे छोटी लगती है, तो उस चीज को ‘हाथ का मैल’ मान लेता है।

निष्कर्ष: ‘हाथ का मैल होना’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि कुछ चीजें हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं, जबकि दूसरों के लिए वही चीजें महत्वहीन हो सकती हैं। यह हमारी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और मूल्यों पर निर्भर करता है।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और अब आप इसका प्रयोग उचित रूप से कर पाएंगे। अधिक जानकारी और अन्य हिंदी मुहावरों के बारे में जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें।

हाथ का मैल होना मुहावरा पर कहानी:

सुभाष एक समृद्ध व्यापारी था। उसका व्यापार पूरे शहर में प्रसिद्ध था और उसके पास हर प्रकार की अनमोल चीजें थीं। वह समझता था कि उसके पास जो भी है, वह सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

एक दिन, उसके पुराने स्कूल के दोस्त प्रेमचंद्र उससे मिलने आए। प्रेमचंद्र अब एक साधू थे और वह जीवन के असली मायने को खोज रहा थे। सुभाष ने प्रेमचंद्र को अपने सभी अनमोल चीजों का परिदर्शन कराया, लेकिन प्रेमचंद्र के चेहरे पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी।

सुभाष ने पूछा, “तुम्हें मेरी इन सभी चीजों में से कुछ भी पसंद आया क्या?”

प्रेमचंद्र ने मुस्कराते हुए कहा, “मेरे लिए ये सभी चीजें ‘हाथ का मैल’ जैसी हैं। मेरे लिए जीवन का असली मायना इन चीजों से परे है।”

सुभाष थोड़ा चिंतित हो गया और पूछा, “तुम क्या कह रहे हो? ये सभी चीजें कितनी कीमती हैं!”

प्रेमचंद्र ने कहा, “मैं इसे इसलिए ‘हाथ का मैल’ मानता हूँ क्योंकि मेरे लिए जीवन का असली मूल्य इन चीजों में नहीं है। जीवन का असली मूल्य तो प्रेम, समझदारी और शांति में है।”

सुभाष को प्रेमचंद्र की बातों से कुछ सिखने को मिला। उसने समझा कि जीवन में असली महत्व वही चीजें हैं जो हमें सच्चे सुख और शांति प्रदान करती हैं, ना कि वे चीजें जो हमें सिर्फ दिखावा के लिए हो।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हम जो चीजें महत्वपूर्ण मानते हैं, वह असल में ‘हाथ का मैल’ हो सकती हैं। जीवन की असली महत्व की खोज में हमें अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए।

शायरी:

हाथ का मैल समझ बैठे वो मोहब्बत,

इश्क़ की गली में खो गई उसकी रहत।

जिंदगी की किताब में, पन्नों के बीच,

वो लम्हा था, जो चुराया गया ज़रा सी बात।।

 

हाथ का मैल शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हाथ का मैल होना – Haath ka mail hona Idiom:

Meaning: The phrase ‘haath ka mail hona’ is a popular Hindi idiom. Its literal translation means “to become the dirt of one’s hand”, but the actual meaning is for something to hold no value or significance for someone or to consider something as trivial or insignificant.

Usage: It is used when someone feels that something is not important to them or they do not give it any significance. In such scenarios, they would refer to that thing as being ‘haath ka mail’ for them.

Usage:

-> For Anubhav, this gold watch is ‘haath ka mail’, as he never wears it.

-> Vikas is so wealthy that even a new car is like ‘haath ka mail’ for him.

Discussion: When someone does not consider something significant in their life or feels it’s trivial, they term it as ‘haath ka mail’.

Conclusion:

The idiom ‘हाथ का मैल होना’ teaches us that certain things might be of great importance to us, while they might be insignificant for others. It all depends on our personal priorities and values.

Hopefully, you now understand the idiom and can use it appropriately. Stay tuned to our website for more information and to learn about other Hindi idioms.

Story of ‌‌Haath ka mail hona Idiom in English:

Subhash was a prosperous businessman. His business was renowned throughout the city, and he possessed a collection of valuable items. He believed that everything he owned held importance to everyone.

One day, his old school friend, Premchandra, came to visit him. Premchandra had become a sage and was on a quest to understand the true meaning of life. Subhash showcased all his valuable possessions to Premchandra, but there was no notable reaction on Premchandra’s face.

Subhash inquired, “Did you like any of these things I’ve shown you?”

Premchandra, with a smile, responded, “For me, all these items are like ‘dust on my hand’. The real essence of life, for me, lies beyond these material possessions.”

Subhash looked puzzled and asked, “What do you mean? These items are so valuable!”

Premchandra explained, “I consider them as ‘dust on my hand’ because their worth doesn’t represent the true value of life for me. The genuine worth of life is found in love, wisdom, and peace.”

Subhash learned something valuable from Premchandra’s words. He realized that the real significance in life comes from the things that offer us genuine happiness and peace, not just from the items that are for mere display.

This story teaches us that sometimes the things we consider vital might, in reality, be just ‘dust on our hands’. In the quest for the true essence of life, we should prioritize what truly matters.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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