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बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Bandar Kya Jane Adrak Ka Swad)

अर्थ: ‘बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद’ इस मुहावरे का अर्थ है कि जो व्यक्ति किसी विषय या चीज़ को समझता नहीं है या उसकी महत्व को पहचानता नहीं है, वह उसकी प्रशंसा या आलोचना कैसे कर सकता है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की अज्ञानता को दर्शाने के लिए या उसकी अभिप्रेत बात को अस्वीकार करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण: राम ने संगीत की एक विशेष धुन को अच्छा नहीं माना, जबकि वह संगीत में बिल्कुल अनजान था। इस पर श्याम ने कहा, “बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें उस विषय में टिप्पणी करने से पहले उसे अच्छे से समझना चाहिए, जिसमें हम अनजान हैं। अन्यथा, हमारी टिप्पणी अज्ञानता का परिणाम हो सकती है।

Hindi Muhavare Quiz

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरा पर कहानी:

गाँव में राम और श्याम दो सखाये थे। राम एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार था, जिसकी बनाई हुई मूर्तियाँ पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध थीं। वहीं श्याम एक साधारण व्यापारी था जिसे कला की कोई खास समझ नहीं थी।

एक दिन, राम ने एक अद्वितीय मूर्ति तैयार की जो उसकी जीवन की सबसे अच्छी कृति मानी जाती थी। जब श्याम ने उस मूर्ति को देखा, तो उसने तुरंत ही उसे आलोचना कर दिया और कहा कि यह तो कुछ खास नहीं है।

राम ने मुस्कराते हुए कहा, “श्याम, तुम्हें मूर्तिकला की समझ ही नहीं है, तो तुम्हारी आलोचना से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जिस विषय में हमारी समझ नहीं होती, हमें उस पर टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए।

शायरी:

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद, जिसमें न हो समझ, उसकी बातों में होती विफलता। जो चीज़ समझ में न आए, उस पर ना जाए राय, क्योंकि असली ज्ञान वही है, जो आता है अनुभव से।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद – Bandar Kya Jane Adrak Ka Swad Proverb:

Meaning: The proverb “Bandar Kya Jane Adrak Ka Swad” implies that a person who is unfamiliar with or doesn’t understand a particular subject or thing is not in a position to appreciate or criticize it.

Usage: This proverb can be used to highlight someone’s ignorance or to dismiss their opinion on a matter they are unfamiliar with.

Example: Ram did not appreciate a specific musical tune, even though he was completely unfamiliar with music. In response, Shyam said, “Bandar Kya Jane Adrak Ka Swad”

Special Note: This proverb teaches us that we should fully understand a subject before commenting on it, especially if we are unfamiliar with it. Otherwise, our comments might reflect our ignorance.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQ

क्या यह मुहावरा औपचारिक या अनौपचारिक संदर्भों में प्रयोग किया जाता है?

यह ज्यादातर अनौपचारिक संदर्भों में, अक्सर हास्य या हल्के फुल्के ढंग से प्रयोग किया जाता है।

हिंदी में इस मुहावरे का सांस्कृतिक महत्व क्या है?

यह मुहावरा आमतौर पर इस बात को दर्शाता है कि कोई व्यक्ति किसी उत्कृष्ट या सूक्ष्म चीज की जरूरी समझ या सराहना नहीं कर सकता।

इस मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

इसकी उत्पत्ति का सटीक इतिहास अज्ञात है, लेकिन संभावना है कि यह लोक ज्ञान से निकला है, यह देखते हुए कि कुछ प्राणियों को अपनी समझ के दायरे से बाहर की चीजों की सराहना नहीं हो सकती।

समय के साथ इस मुहावरे के प्रयोग में कैसे विकास हुआ है?

इसका मूल अर्थ समान रहते हुए भी, इसके प्रयोग के संदर्भ सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों के साथ विस्तृत हो सकते हैं।

आधुनिक हिंदी समाज में इस मुहावरे की प्रासंगिकता क्या है?

यह समाज में स्वाद, पसंद, या बौद्धिक रुचियों के बारे में चर्चा करते समय यह व्यक्त करने के लिए प्रासंगिक बना हुआ है कि कुछ लोगों में कुछ चीजों की सराहना या रुचि की क्षमता या इच्छा नहीं हो सकती।

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यह मुहावरा जानवर पर मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

यह मुहावरा ब से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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