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हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार, अर्थ, प्रयोग(Hathi chale bazaar ,kutte bhaunke hazaar)

हिंदी कहावत “हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार” का अर्थ होता है कि जब कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति या शक्तिशाली वस्तु अपने कार्य में लगा होता है, तब छोटे या महत्वहीन लोग या चीजें अक्सर उसकी आलोचना करते हैं या उसे परेशान करते हैं। यह कहावत हमें यह सिखाती है कि बड़े और समर्थ लोगों को छोटी आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

परिचय: “हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार” एक प्रचलित हिंदी कहावत है जो आत्मविश्वास और धैर्य का महत्व दर्शाती है। इसका उपयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ किसी व्यक्ति की सफलता या महत्व को अन्य लोग नकारात्मक रूप से देखते हैं।

अर्थ: इस कहावत का सार यह है कि जब कोई शक्तिशाली या महत्वपूर्ण व्यक्ति अपने मार्ग पर अग्रसर होता है, तो अनेक छोटे या कम महत्वपूर्ण लोग उसे निरर्थक रूप से विचलित करने का प्रयास करते हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हमें यह दिखाना हो कि बड़े और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की आलोचना अक्सर छोटे और कम महत्व के लोग करते हैं। यह उन परिस्थितियों में भी प्रयोग किया जाता है जहां आलोचना का कोई महत्व नहीं होता।

उदाहरण:

-> जब एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने अपनी नई परियोजना शुरू की, तो कई लोगों ने उस पर आलोचना की। इस परिस्थिति में कहा जा सकता है, “हाथी चले बाजार कुत्ते भोंके हजार।”

-> एक महान वैज्ञानिक के खोज पर कुछ लोगों ने बेवजह की आपत्ति जताई, तब भी यह मुहावरा प्रासंगिक है।

निष्कर्ष: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि महत्वपूर्ण कार्य करने वाले व्यक्तियों की आलोचना अक्सर उन लोगों द्वारा की जाती है जिनका उस कार्य से कोई सीधा संबंध नहीं होता या जिनका उसमें कोई महत्व नहीं होता। यह हमें यह भी बताता है कि अक्सर बड़े कार्यों को करने वाले लोग इन छोटी आलोचनाओं को अनदेखा कर अपने पथ पर अग्रसर रहते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नामक एक बुद्धिमान और सम्मानित व्यक्ति रहते थे। वह अपनी ईमानदारी और कठिन परिश्रम के लिए जाने जाते थे। गाँव में उन्हें हर कोई पसंद करता था।

प्रेमचंद्र ने गाँव के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाईं और उन्हें सफलतापूर्वक लागू किया। उन्होंने गाँव में स्कूल, अस्पताल, और पानी की व्यवस्था के लिए काम किया।

लेकिन, जैसा कि अक्सर होता है, प्रेमचंद्र की सफलता और लोकप्रियता ने कुछ ईर्ष्यालु लोगों को नाराज कर दिया। वे लोग हमेशा प्रेमचंद्र की आलोचना करते रहते थे, भले ही उनका काम कितना भी अच्छा क्यों न हो।

इस परिस्थिति को देखते हुए, गाँव के एक बुजुर्ग ने कहा, “यह तो हाथी चले बाजार कुत्ते भोंके हजार जैसा ही है।” उनका मतलब था कि प्रेमचंद्र जैसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्ति की आलोचना उन लोगों द्वारा की जा रही है जो उनसे ईर्ष्या करते हैं या उनके महत्व को नहीं समझते।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों की अक्सर छोटे और कम महत्व के लोग निरर्थक आलोचना करते हैं, लेकिन उन्हें इन छोटी बातों की परवाह नहीं करते हुए अपने कार्य में लगे रहना चाहिए।

शायरी:

हाथी चले बाज़ार, कुत्ते भोंके हज़ार,

शोर में भी चलता रहा, वो शान से सिकंदर सार।

दुनिया की बातों में, क्या रखा है यार,

जब लक्ष्य हो साफ, तो राह में ना आए दीवार।

आलोचना के पत्थरों से, मत होना हैरान,

जैसे चलता है हाथी, बना अपनी पहचान।

बड़े काम करने वालों की, यही तो कहानी है,

आलोचना तो करेंगे, ये दुनिया दीवानी है।

जिनके कदमों में है, मंजिल की थाह,

उन्हें क्या रोकेंगे, ये दुनिया के शोर और राह।

रास्ते में भौंकते, जो छोटे मन के कुत्ते,

उनकी बातों का क्या, जब इरादे हों बुलंद और चट्टे।

 

हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार – Hathi chale bazaar kutte bhaunke hazaar Idiom:

The Hindi idiom “हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार” translates to “When the elephant walks through the market, a thousand dogs bark.” It implies that when an important or powerful person or entity is engaged in their work, smaller or insignificant people or things often criticize or bother them. This idiom teaches us that significant and capable people should not pay attention to minor criticisms.

Introduction: “हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार” is a popular Hindi idiom that highlights the importance of confidence and patience. It is often used in situations where someone’s success or importance is negatively perceived by others.

Meaning: The essence of this idiom is that when a powerful or important person is progressing on their path, many smaller or less important people try to distract them in a meaningless way.

Usage: This idiom is used to illustrate that significant and important individuals are often criticized by those who are lesser known or important. It is also applied in situations where the criticism holds no value.

Usage:

-> When a famous person started their new project, many people criticized it. In this situation, it can be said, “हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार.”

-> When a great scientist’s discovery was objected to by some people without any substantial reason, this proverb is still relevant.

Conclusion: This idiom teaches us that those who undertake significant tasks are often criticized by people who have no direct relation to the work or are of no importance to it. It also tells us that often those who are doing great work tend to ignore these minor criticisms and continue on their path.

Story of ‌‌Hathi chale bazaar, kutte bhaunke hazaar Idiom in English:

In a small village, there lived a wise and respected man named Premchandra. He was known for his honesty and hard work. Everyone in the village liked him.

Premchandra had devised several plans for the development of the village and successfully implemented them. He worked on establishing schools, hospitals, and water systems in the village.

However, as often happens, Premchandra’s success and popularity annoyed some envious people. They constantly criticized him, regardless of the quality of his work.

Observing this situation, an elder in the village said, “This is just like the proverb ‘When the elephant walks through the market, a thousand dogs bark’.” He meant that people were criticizing Premchandra, an important and influential person, out of jealousy or because they failed to understand his significance.

This story teaches us that significant individuals are often subjected to baseless criticism by lesser-known or less important people, but they should continue their work without paying heed to these minor issues.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का इतिहास है?

हाँ, इस मुहावरे का इतिहास बहुत पुराना है और यह सामाजिक परिस्थितियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर किया जा सकता है?

हाँ, इसे व्यक्तिगत स्तर पर भी उपयोग किया जा सकता है, जब किसी व्यक्ति का सफलता या स्थान प्राप्त होता है तो उसके चारों ओर लोग जलन महसूस करते हैं।

हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार मुहावरे का क्या अर्थ है?

इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति या अच्छे कार्यक्षेत्र में पहुँचता है, तो उसके चारों ओर बहुत से लोग उससे जलन महसूस करते हैं और उसके खिलाफ आपत्तिजनक रूप से व्यक्ति हो जाते हैं।

इस मुहावरे का विशेष उपयोग किस स्थिति में हो सकता है?

यह मुहावरा विभिन्न समाजिक और सांस्कृतिक स्थितियों में उपयोग के लिए उपयुक्त है, जैसे कि राजनीति, खेल, और सामाजिक संबंधों में।

क्या इस मुहावरे को किसी कहानी या लोककथा में उपयोगिता मिलती है?

हाँ, कई कहानियों और लोककथाओं में इस मुहावरे का उपयोग उन स्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया गया है जहां किसी व्यक्ति की सफलता के बाद उसके चारों ओर जलन या आपत्ति होती है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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