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ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया अर्थ, प्रयोग(Ishwar ki maya kahi dhoop kahin chaya)

परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरे और कहावतें जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम हैं। इनमें से एक प्रचलित मुहावरा है “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया”। यह मुहावरा जीवन की विविधता और उसके अप्रत्याशित स्वरूप को दर्शाता है।

अर्थ: “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया” का शाब्दिक अर्थ है कि परिस्थितियां हर जगह समान नहीं होतीं। कहीं सुख है, तो कहीं दुख। यह मुहावरा यह बताता है कि ईश्वर की रचना में विविधता है और हर जगह, हर किसी की परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग जीवन की उतार-चढ़ाव भरी स्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जब हम किसी के जीवन में आनंद और दुःख के भिन्न-भिन्न पहलुओं को देखते हैं, तब इस मुहावरे का इस्तेमाल होता है।

उदाहरण:

-> अभय और अनुज दोनों भाई हैं पर उनकी किस्मत अलग है। अभय धनी और सुखी है जबकि अनुज के जीवन में कठिनाइयां हैं। यह तो ईश्वर की माया है, कहीं धूप कहीं छाया।

-> इस वर्ष एक ही राज्य में कहीं सूखा पड़ा है तो कहीं बाढ़ आई है। सच में, ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया।

निष्कर्ष: इस मुहावरे के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हर क्षण अलग होता है और हमें हर परिस्थिति को स्वीकार करना चाहिए। यह मुहावरा हमें यह भी सिखाता है कि ईश्वर की रचना में हर चीज अपने आप में अनूठी है और हमें इसकी सुंदरता को समझना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में दो भाई विकास और अखिल रहते थे। दोनों भाइयों का स्वभाव और नसीब बिलकुल अलग था। विकास, जो बड़ा भाई था, उसे हर काम में सफलता मिलती थी। वहीं अखिल, छोटा भाई, हर काम में मेहनत करने के बावजूद सफलता से दूर रहता था।

विकास ने अपने व्यवसाय में बहुत तरक्की की और धन-दौलत में उसका कोई सानी नहीं था। उसके पास एक बड़ा घर और सुख-सुविधाएं थीं। दूसरी ओर, अखिल ने कई व्यवसाय शुरू किए, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से असफल हो जाता। वह जीवन की मुश्किलों से जूझ रहा था और उसके पास साधारण जीवन जीने के लिए बस थोड़ी-बहुत चीजें थीं।

गांव के लोग अक्सर कहते, “देखो तो, ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया। एक ही घर में दो भाइयों की किस्मत कितनी अलग है।” विकास को जहाँ हर जगह सफलता और समृद्धि मिली, वहीं अखिल को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

एक दिन अखिल ने विकास से कहा, “भैया, आपको देखकर लगता है कि ईश्वर ने हमें बिलकुल अलग-अलग भाग्य दिया है।” विकास ने मुस्कुराते हुए कहा, “अखिल, यह तो सच है कि हर किसी की किस्मत अलग होती है। लेकिन हमें ईश्वर के इस निर्णय को स्वीकार करना चाहिए।

शायरी:

इस दुनिया की रीत है, यहाँ हर एक की बात निराली,

कहीं खुशियों की धूप है, कहीं गमों की छाया खाली।

ईश्वर की माया देखो, कैसे खेल रचाता है,

जिसे चाहे वो उठाए, जिसे चाहे गिराता है।

एक ही घर की छत के नीचे, दो तकदीरें पलती हैं,

एक खिलखिलाता फूल है, तो दूजा बिन पानी सूखता है।

जीवन की इस दौड़ में, हर किसी का अपना एक सफर,

कोई सिरहन से गुजरता, कोई धूप में चलता मगर।

देखा है ये जग सारा, कहीं आंसू कहीं मुस्कान,

कहीं बरसात की बूंदें, तो कहीं रेत का वीरान।

खुदा की इस महफ़िल में, हर शख्स की अपनी एक दास्तां,

कहीं धूप में जलता बदन, कहीं छाया में ठंडी हवा की रवानी।

 

ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया – Ishwar ki maya kahi dhoop kahin chaya Idiom:

Introduction: In the Hindi language, idioms and proverbs beautifully express various aspects of life. One such popular idiom is “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया” (God’s creation: sunshine in some places, shadow in others). This idiom illustrates the diversity and unpredictability of life.

Meaning: The literal meaning of “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया” is that situations are not the same everywhere. There’s happiness in some places and sorrow in others. This idiom suggests that God’s creation is diverse, and every place and every person experiences different circumstances.

Usage: This idiom is used to express the ups and downs of life. When we see different aspects of joy and sorrow in someone’s life, this idiom is applicable.

Usage:

-> Abhay and Anuj are brothers but their fates are different. Abhay is wealthy and happy, whereas Anuj faces difficulties in life. This is indeed God’s creation, sunshine in some places, shadow in others.

-> This year, in the same state, there is drought in some places and floods in others. Truly, it’s God’s creation: sunshine in some places, shadow in others.

Conclusion: This idiom teaches us that every moment in life is different and we should accept every circumstance. It also educates us that everything in God’s creation is unique, and we should appreciate its beauty.

Story of ‌‌Ishwar ki maya kahi dhoop kahin chaya Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived two brothers named Vikas and Akhil. Their nature and fortune were entirely different. Vikas, the elder brother, found success in every endeavor. On the other hand, Akhil, the younger brother, despite working hard, remained distant from success.

Vikas made significant progress in his business and was unmatched in wealth. He had a large house and all the comforts of life. Conversely, Akhil started several businesses, but each time, due to some reason or the other, he failed. He struggled with life’s difficulties and had just enough for a simple living.

The villagers often said, “Look, it’s God’s creation: sunshine in some places, shadow in others. How different the fates of two brothers in the same house are.” While Vikas found success and prosperity everywhere, Akhil faced challenges in life.

One day, Akhil said to Vikas, “Brother, looking at you, it seems God has given us completely different destinies.” Vikas replied with a smile, “Akhil, it’s true that everyone’s fate is different. But we should accept God’s decision.”

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

ईश्वर की माया की धूप और छाया में क्या अंतर है?

यहाँ मुहावरे के अर्थ में इसका उपयोग हो रहा है, जिसमें “धूप” सुख और समृद्धि को और “छाया” असुख और असमृद्धि को प्रतिष्ठित करता है.

इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है?

इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने और स्वीकार करने के लिए किया जा सकता है, विशेषकर जब कोई सुख और दुःख का सामना कर रहा हो.

क्या है मुहावरा “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया” का अर्थ?

इस मुहावरे का अर्थ है कि जीवन में सुख-दुख, समृद्धि-असमृद्धि आदि के अनुभवों को हम ईश्वर की माया के रूप में स्वीकार करने की बात करता है, जिसमें सभी प्रकार की अनिष्ट और सुख की छाया होती है.

इस मुहावरे का संबंध किस प्रकार से धार्मिक दृष्टिकोण से है?

यह मुहावरा धार्मिक दृष्टिकोण से ईश्वर की अद्वितीयता और उनके चरित्र को समझाने के लिए उपयोग हो सकता है.

क्या इस मुहावरे में ईश्वर का सुज्ञान बताया जा रहा है?

हाँ, इस मुहावरे के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि ईश्वर हमारे जीवन के सभी पहलुओं को संचालित करते हैं, चाहे वह सुख हो या दुःख.

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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