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जिस थाली में खाना उसी में छेद करना अर्थ, प्रयोग(Jis thali mein khana usi mein ched karna)

परिचय: “जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” यह हिंदी का एक प्रचलित मुहावरा है जो अकृतज्ञता और विश्वासघात की भावना को दर्शाता है। यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है जब कोई व्यक्ति उन्हीं लोगों के खिलाफ जाता है या उन्हें धोखा देता है, जिन्होंने उसे सहायता या समर्थन प्रदान किया हो।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिस व्यक्ति या संस्था ने आपको लाभ पहुंचाया हो, उसी के खिलाफ जाना या उसकी हानि करना। यह अकृतज्ञता की भावना को व्यक्त करता है।

प्रयोग:

-> जब कोई अपने हितैषी या सहायक के खिलाफ काम करता है या उन्हें धोखा देता है।

-> जब कोई उस संस्था या व्यक्ति के खिलाफ कार्य करता है जिसने उसे बढ़ावा दिया हो।

उदाहरण:

-> जब एक कर्मचारी अपनी कंपनी के खिलाफ गोपनीय जानकारी लीक करता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह “जिस थाली में खाना उसी में छेद कर रहा है।”

-> जब कोई व्यक्ति अपने परोपकारी मित्र के खिलाफ चाल चलता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह “जिस थाली में खाना उसी में छेद कर रहा है।”

निष्कर्ष: “जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” मुहावरा हमें अकृतज्ञता और विश्वासघात के परिणामों के बारे में सिखाता है। यह हमें याद दिलाता है कि जो लोग हमारी सहायता करते हैं, उनके प्रति हमें कृतज्ञ और वफादार रहना चाहिए। यह मुहावरा नैतिकता और निष्ठा की महत्वपूर्णता पर जोर देता है।

Hindi Muhavare Quiz

जिस थाली में खाना उसी में छेद करना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में, अखिल नाम का एक युवक रहता था। अखिल बहुत ही मेहनती और सरल स्वभाव का था, लेकिन किस्मत उस पर कम ही मेहरबान थी। उसके पास न तो ज्यादा जमीन थी और न ही कोई अन्य आय का साधन। उसकी इस दुर्दशा को देख, गाँव के एक धनी व्यक्ति ने उसे अपने यहाँ नौकरी दे दी।

अखिल उस धनी व्यक्ति के यहाँ काम करके अपनी और अपने परिवार की गुजर-बसर करने लगा। धनी व्यक्ति अखिल के काम से बहुत खुश थे और उसे अच्छी तनख्वाह देते थे। लेकिन समय के साथ, अखिल के मन में लालच और स्वार्थ के भाव जागने लगे। उसने सोचा कि क्यों न वह धनी व्यक्ति के खजाने से कुछ धन चुरा ले और अपनी जिंदगी को और आसान बना ले।

अखिल ने अपनी योजना पर अमल किया और धनी व्यक्ति के खजाने से काफी रकम चुरा ली। लेकिन जब धनी व्यक्ति को इस चोरी का पता चला, तो उन्होंने अखिल को न केवल नौकरी से निकाल दिया, बल्कि उसे गाँव से भी बाहर कर दिया।

अखिल ने जिस थाली में खाया, उसी में छेद कर दिया था। उसके इस कृत्य ने उसे अपने सहयोगी और हितैषी की नजरों में गिरा दिया और उसे अपने किए की सजा भुगतनी पड़ी।

निष्कर्ष:

अखिल की कहानी हमें सिखाती है कि जिन लोगों ने हमें मदद की हो, उनके प्रति हमें कृतज्ञ और वफादार रहना चाहिए। “जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” नैतिकता और निष्ठा की महत्वपूर्णता पर जोर देता है।

शायरी:

वो थाली जिसमें खाया, उसी में छेद किया,

अपनों की मोहब्बत का यूँ बेदर्दी से खेल किया।

कभी सोचा न था, ऐसे दगाबाजी होगी,

जिन हाथों ने उठाया, उन्हीं से बेवफाई होगी।

अपने सपनों की खातिर, किसी के दिल को तोड़ा,

उन्हीं के दर्द में छुपा, अपनी खुशियों का जोड़ा।

अब फिरता हूँ मैं, टूटे दिल और खाली हाथ,

जिन्होंने साथ दिया, उन्हीं को दिया आघात।

जो सीख मिली मुझे, वो बहुत गहरी है,

जिस थाली में खाया, उसमें छेद न करना सही है।

 

जिस थाली में खाना उसी में छेद करना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of जिस थाली में खाना उसी में छेद करना – Jis thali mein khana usi mein ched karna Idiom:

Introduction: “जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” is a popular Hindi idiom that represents ingratitude and betrayal. This phrase describes a situation where a person acts against or deceives those who have provided assistance or support.

Meaning: The literal meaning of the idiom is to harm or go against the person or institution that has benefitted you. It symbolizes a lack of gratitude.

Usage:

-> When someone acts against or deceives a benefactor or helper.

-> When a person works against an institution or individual that has supported them.

Usage:

-> When an employee leaks confidential information against their company, it can be said that they are “जिस थाली में खाना उसी में छेद कर रहा है” (biting the hand that feeds them).

-> When someone plots against a philanthropic friend, it can be said that they are “जिस थाली में खाना उसी में छेद कर रहा है” (betraying the benefactor).

Conclusion: The idiom “जिस थाली में खाना उसी में छेद करना” teaches us about the consequences of ingratitude and betrayal. It reminds us to be grateful and loyal to those who help us, emphasizing the importance of ethics and loyalty.

Story of ‌‌Jis thali mein khana usi mein ched karna Idiom in English:

Once in a small village, there lived a young man named Vikas. Vikas was known for being easily swayed and often made decisions without thinking them through.

One day, a cunning businessman in the village presented Vikas with a “golden opportunity.” He persuaded Vikas to lend him some money, promising to double it in return. Without much thought or seeking advice, Vikas handed over all his savings to the businessman.

Days passed, and when the businessman didn’t return, Vikas realized he had been deceived. His friends remarked, “Vikas, it’s like you’re ‘carrying a stick behind your intelligence,’ making foolish decisions repeatedly without thinking.”

After this incident, Vikas learned the importance of careful deliberation and seeking advice before making decisions. He developed self-awareness and began to make wiser choices in life.

The story teaches us that it’s essential to think things through and not rush into decisions, especially in crucial matters. It’s a lesson in wisdom and the importance of using one’s intellect judiciously.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का इतिहास क्या है?

यह मुहावरा सामान्यत: हिंदी भाषा में उपयोग होता है और उसका इतिहास लोकप्रिय लोककथाओं और कहानियों से जुड़ा हो सकता है।

इस मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार से किया जा सकता है?

इसका प्रयोग विभिन्न स्थितियों में किए जा सकता है, जैसे कि एक पर्यावरण समृद्धि कार्यक्रम की शुरुआत और समापन में।

जिस थाली में खाना उसी में छेद करना मुहावरे का क्या अर्थ है?

यह मुहावरा एक कार्य को शुरू करने और उसी में समाप्त करने की बात को संकेतित करता है।

क्या इस मुहावरे का कोई संबंध धार्मिक या सांस्कृतिक अर्थ से है?

नहीं, यह मुहावरा सामान्य जीवन में होने वाले किसी भी कार्य के समापन को दर्शाने के लिए है, धार्मिक या सांस्कृतिक अर्थ से सीधा जुड़ा नहीं है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग है?

जी हां, यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है ताकि किसी कार्य को आरंभ और समाप्त करने का संकेत मिले।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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