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हथेली पर सरसों जमाना मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Hatheli pe sarso jamana)

परिचय: यह मुहावरा भारतीय संस्कृति में बहुत ही प्रचलित है और अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी कार्य को कर पाना लगभग असंभव हो।

अर्थ: “हथेली पर सरसों जमाना” का शाब्दिक अर्थ है एक छोटी सी जगह पर सरसों के पौधे को उगाना, जो कि वास्तव में असंभव है। यह मुहावरा इस बात को दर्शाता है कि कुछ कार्य इतने कठिन होते हैं कि उन्हें कर पाना न के बराबर होता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी अत्यंत कठिन या असंभव कार्य को करने की बात हो।

उदाहरण:

-> अमन ने सोचा कि वह एक रात में पूरी किताब पढ़ लेगा, लेकिन यह तो “हथेली पर सरसों जमाना” जैसा था।

-> बिना किसी संसाधन के चंद्रमा पर जाने की योजना बनाना “हथेली पर सरसों जमाना” के समान है।

निष्कर्ष: इस मुहावरे से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें वास्तविकता को समझते हुए और अपनी क्षमताओं को जानते हुए किसी भी कार्य को करने का निर्णय लेना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि कुछ कार्य इतने कठिन होते हैं कि उन्हें कर पाना लगभग असंभव होता है।

Hindi Muhavare Quiz

हथेली पर सरसों जमाना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में विशाल नाम का एक युवक रहता था। विशाल बहुत ही महत्वाकांक्षी और सपने देखने वाला व्यक्ति था। उसका सपना था कि वह बिना किसी मदद के, अपने घर के पिछवाड़े में एक बड़ा महल बनाए।

उसने इस योजना के बारे में अपने दोस्तों और परिवार को बताया। सभी ने उसे समझाया कि यह असंभव है, और ऐसा करना “हथेली पर सरसों जमाने” जैसा है। लेकिन विशाल ने किसी की नहीं सुनी और अपने सपने को साकार करने की ठान ली।

विशाल ने बिना किसी योजना और संसाधन के महल बनाना शुरू किया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उसे समझ में आया कि बिना पर्याप्त संसाधनों और योजना के ऐसा करना वाकई में असंभव है। उसे अपने दोस्तों और परिवार की बातें याद आईं, और उसे एहसास हुआ कि वह “हथेली पर सरसों जमाने” की कोशिश कर रहा था।

अंत में, विशाल ने अपनी गलती मानी और समझा कि हर सपने को साकार करने के लिए यथार्थवादी योजना और पर्याप्त संसाधनों की जरूरत होती है। उसने अपने सपने को छोटा कर दिया और अपनी क्षमता के अनुसार काम करने का फैसला किया।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपने सपनों और लक्ष्यों को वास्तविकता के धरातल पर रखते हुए योजना बनानी चाहिए। “हथेली पर सरसों जमाना” मुहावरा हमें यही सिखाता है कि कुछ कार्य इतने कठिन होते हैं कि उन्हें कर पाना लगभग असंभव होता है।

शायरी:

ख्वाब बुनना आसां है, पर हकीकत में बदलना कठिन,

“हथेली पर सरसों जमाना”, ये तो है जैसे बिन पानी मछली तड़पना।

हर बार जब ख्वाब बुने, असंभव को याद रखना,

जिंदगी तो चलती है व्यवहारिकता पर, न कि ख्यालों के सपना।

जो सपने देखे जाएं बिना ज़मीन के, वो होते हैं बेरंग,

“हथेली पर सरसों जमाना”, ये है सच्चाई का संग।

उड़ान भरने से पहले, पंखों की मजबूती का ख्याल रखना,

जिंदगी में हर ख्वाब को साकार करने का, हौसला और संयम रखना।

असंभव की राह पर चलना, बिना सोचे समझे जोखिम उठाना,

“हथेली पर सरसों जमाना”, ये है बेमानी सपने को अपनाना।

यथार्थ की धरा पर चल, जहां सपने भी होते हैं संभव,

जिंदगी में उचाईयों को छूने का, बस एक यही तरीका है सबसे श्रेष्ठ।

 

हथेली पर सरसों जमाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हथेली पर सरसों जमाना – Hatheli pe sarso jamana Idiom:

Introduction: This idiom is very popular in Indian culture and is often used in situations where accomplishing a task is almost impossible.

Meaning: The literal meaning of “हथेली पर सरसों जमाना” is to grow mustard plants on the palm of one’s hand, which is indeed impossible. The proverb signifies that some tasks are so difficult that accomplishing them is nearly impossible.

Usage: This idiom is used when referring to a task that is extremely difficult or impossible to achieve.

Example:

-> Vikas thought he could memorize an entire book in one night, but that was like “trying to grow mustard on the palm of his hand.”

-> Planning to go to the moon without any resources is like “trying to grow mustard on the palm of one’s hand.”

Conclusion: This idiom teaches us that we should make decisions about undertaking any task based on reality and understanding our capabilities. It also teaches that some tasks are so difficult that they are almost impossible to accomplish.

Story of Hatheli pe sarso jamana idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Vishal. Vishal was very ambitious and a dreamer. He had a dream to build a large palace in his backyard, all by himself without any help.

He shared this plan with his friends and family. Everyone tried to explain to him that it was impossible and akin to “trying to grow mustard on the palm of the hand.” However, Vishal didn’t listen to anyone and was determined to realize his dream.

Vishal started building the palace without any plan or resources. As time passed, he realized that building it without adequate resources and planning was indeed impossible. He remembered the words of his friends and family and realized that he was attempting something as impossible as “growing mustard on the palm of the hand.”

In the end, Vishal acknowledged his mistake and understood that every dream requires a realistic plan and sufficient resources to be realized. He downsized his dream and decided to work according to his capabilities.

This story teaches us that we should plan our dreams and goals while keeping them grounded in reality. The proverb “हथेली पर सरसों जमाना” teaches us that some tasks are so difficult that they are almost impossible to achieve.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “हथेली पर सरसों जमाना” का कोई विशेष उपयोग किसी धार्मिक या आध्यात्मिक सन्दर्भ में हो सकता है?

“हथेली पर सरसों जमाना” का कोई विशेष उपयोग धार्मिक या आध्यात्मिक सन्दर्भ में नहीं होता है, क्योंकि यह एक भाषा व्यवहार है और धार्मिक या आध्यात्मिक विचारों से संबंधित नहीं होता।

“हथेली पर सरसों जमाना” का क्या संदेश है सोचने और काम करने के लिए?

“हथेली पर सरसों जमाना” का संदेश है कि हमें अपने काम को मेहनत और सावधानी के साथ करना चाहिए, ताकि हम सफल हो सकें। यह हमें याद दिलाता है कि हर काम में मेहनत और संकल्प की आवश्यकता होती है।

“हथेली पर सरसों जमाना” का क्या सामाजिक संदेश होता है?

“हथेली पर सरसों जमाना” का सामाजिक संदेश होता है कि मेहनत और सावधानी के बिना कोई भी काम सफल नहीं हो सकता है, और यह व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण है।

“हथेली पर सरसों जमाना” का क्या महत्व है आज के समय में?

“हथेली पर सरसों जमाना” का महत्व है क्योंकि आज के व्यापारिक और व्यक्तिगत जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत और सावधानी की आवश्यकता होती है। यह मुहावरा हमें याद दिलाता है कि किसी काम को लापरवाही से नहीं करना चाहिए।

“हथेली पर सरसों जमाना” का क्या मुख्य संदेश होता है?

“हथेली पर सरसों जमाना” का मुख्य संदेश होता है कि आपको किसी काम को ध्यानपूर्वक और मेहनत से करना चाहिए ताकि आप सफल हो सकें।

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यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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