Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है अर्थ, प्रयोग(Gale pada dhol bajana padta hai)

गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है अर्थ, प्रयोग(Gale pada dhol bajana padta hai)

“गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी अनिच्छित या अनुपयुक्त परिस्थिति में भी कार्य करना पड़ता है। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा के विरुद्ध कोई काम करना पड़ता है।

परिचय: यह मुहावरा संगीत और पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्रों से लिया गया है। इसका वाक्यांशिक अर्थ है कि यदि आपके गले में ढोल लटका हुआ है, तो आपको उसे बजाना ही पड़ेगा, चाहे आप चाहें या न चाहें।

अर्थ: इसका लाक्षणिक अर्थ यह है कि जब आप किसी ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं जहां से निकलना मुश्किल हो, तो आपको उसी स्थिति में रहकर समस्या का सामना करना पड़ता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को न चाहते हुए भी कोई काम करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपने बॉस के आदेशों का पालन करने के लिए अनिच्छुक है, लेकिन नौकरी की जरूरत के कारण उसे वैसा करना पड़ता है, तो उस स्थिति में यह मुहावरा प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण:

-> अखिल को अपनी नौकरी पसंद नहीं है, लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों के कारण उसे रोज ऑफिस जाना पड़ता है, गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है।

निष्कर्ष: इस मुहावरे का उपयोग जीवन की उन परिस्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जहां व्यक्ति अपनी इच्छा के विरुद्ध काम कर रहा होता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि कभी-कभी हमें अपनी अनिच्छा के बावजूद भी कुछ करना पड़ता है।

Hindi Muhavare Quiz

गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अखिल नाम का एक युवक रहता था। अखिल को संगीत से बहुत लगाव था और वह अक्सर अपने ढोल के साथ गाँव के चौपाल पर बैठकर संगीत का आनंद उठाता था। लेकिन एक दिन, गाँव के मुखिया ने उसे एक अजीबोगरीब काम सौंप दिया। मुखिया ने अखिल से कहा कि उसे हर दिन सुबह और शाम को गाँव के मुख्य द्वार पर ढोल बजाना होगा, ताकि लोगों को समय का पता चल सके।

अखिल इस काम से खुश नहीं था। उसे अपने ढोल को कला के रूप में बजाना पसंद था, न कि एक कर्तव्य के रूप में। लेकिन गाँव के मुखिया का आदेश था, और उसे उसका पालन करना पड़ा। हर सुबह और शाम को, वह अनमने ढंग से ढोल बजाता और सोचता कि कैसे वह इस अनचाहे काम से मुक्त हो सकता है।

एक दिन, गाँव में एक प्रसिद्ध संगीतकार आया और अखिल को ढोल बजाते हुए सुना। संगीतकार ने अखिल की प्रतिभा को पहचाना और उसे एक बड़े संगीत समारोह में भाग लेने का आमंत्रण दिया। अखिल ने इस अवसर को हाथोंहाथ लिया और अपनी प्रतिभा को पूरे जोश के साथ प्रदर्शित किया।

समारोह के बाद, अखिल को एहसास हुआ कि कभी-कभी जीवन में ‘गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है’। यानी कभी-कभी हमें अनिच्छा के बावजूद भी कुछ काम करने पड़ते हैं, जिनसे आगे चलकर बेहतर अवसर प्राप्त हो सकते हैं। अखिल ने सीखा कि हर कार्य में एक छुपा हुआ अवसर होता है, और उसने अपने ढोल को अब नए जोश और उत्साह के साथ बजाया।

शायरी:

गले पड़ा ढोल बजाने का दस्तूर पुराना है,

जीवन के इस खेल में हर किसी का यही अफसाना है।

कभी खुशी, कभी गम, यही तो जिंदगी का ताना-बाना है,

अनचाहे सुरों में भी एक मीठा गीत छुपा होता जाना है।

ख्वाबों की दुनिया में जब तकदीर से सामना होता है,

गले पड़े ढोल की थाप से ही तो नया सवेरा होता है।

मुश्किलों की राह में, जब भी दिल घबराना होता है,

याद रखना इस ढोल की गूंज में, एक संदेश छुपा होता है।

जिंदगी की इस डगर में, हर कदम पे इम्तिहान होता है,

‘गले पड़ा ढोल बजाना’, यही तो जीवन का अरमान होता है।

 

गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है – Gale pada dhol bajana padta hai Idiom:

“गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है” is a famous Hindi idiom which means one has to act even in an unwanted or inappropriate situation. This idiom is used when a person has to do a task against their will.

Introduction: This idiom is derived from music and traditional Indian musical instruments. Its literal meaning is that if you have a drum hanging around your neck, you are compelled to play it, whether you want to or not.

Meaning: The figurative meaning is that when you find yourself in a situation from which it is difficult to escape, you have to face the problem while remaining in that situation.

Usage: This idiom is used when a person has to do some work even if they do not want to. For example, if a person is reluctant to follow their boss’s orders, but has to do so because of the need for the job, then this idiom can be used in that situation.

Example:

-> Akhil does not like his job, but because of family responsibilities, he has to go to the office every day, he has to ‘play the drum that is around his neck.’

Conclusion: This idiom is used to express those situations in life where a person is working against their will. It also teaches us that sometimes we have to do something despite our reluctance.

Story of ‌‌Gale pada dhol bajana padta hai Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Akhil. Akhil was very fond of music and often enjoyed playing his drum at the village square. However, one day, the village chief assigned him a peculiar task. The chief told Akhil that he must play the drum at the village’s main entrance every morning and evening so that the people could know the time.

Akhil was not happy with this task. He preferred to play his drum as an art form, not as a duty. But it was an order from the village chief, and he had to comply. Every morning and evening, he played the drum reluctantly, wondering how he could free himself from this unwanted task.

One day, a renowned musician visited the village and heard Akhil playing the drum. Recognizing Akhil’s talent, the musician invited him to participate in a major music festival. Akhil seized this opportunity and showcased his talent with great enthusiasm.

After the festival, Akhil realized that sometimes in life, ‘one has to play the drum that is around one’s neck’. This means that sometimes we have to do tasks against our will, which can lead to better opportunities in the future. Akhil learned that every task holds a hidden opportunity, and he began to play his drum with new vigor and enthusiasm.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग व्यापक रूप से होता है या सीमित?

इस मुहावरे का उपयोग विभिन्न स्थितियों में हो सकता है, जैसे कि व्यापारिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत स्तर पर।

इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से होता है?

यह मुहावरा व्यक्ति की मुश्किलें या समस्याएँ समझाने के लिए किया जाता है, जब किसी को तात्पर्यपूर्ण समस्या का सामना करना पड़ता है।

क्या मुहावरा “गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है” का अर्थ है?

यह मुहावरा विशेषत: किसी स्थिति में किसी को किसी बड़े आपत्तिजनक या संकट से निकलने की आवश्यकता होने का संकेत है।

इस मुहावरे का उपयोग किस तरह की स्थितियों में किया जा सकता है?

इस मुहावरे का उपयोग संकट, समस्याएँ, या किसी भी मुश्किल समय में आवश्यकता से हो सकता है

क्या इसका कोई इतिहासिक प्रसंग है?

इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहासिक प्रसंग नहीं है, लेकिन यह बहुत व्यापक रूप से उपयोग होने वाला है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।