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उलटी माला फेरना अर्थ, प्रयोग(Ulti mala ferna)

“उलटी माला फेरना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग अक्सर ऐसी स्थितियों में किया जाता है जहाँ किसी काम को बिना किसी परिणाम या उद्देश्य के किया जा रहा हो।

परिचय: “उलटी माला फेरना” मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य को ऐसे करना जिसमें न तो कोई फायदा हो और न ही कोई सार्थक परिणाम निकले। यह व्यर्थ और निरर्थक प्रयासों को दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का मुख्य अर्थ है किसी ऐसे कार्य को करना जिसका कोई उद्देश्य न हो या जिससे कोई लाभ न हो। यह व्यर्थ प्रयासों और निष्फल परिश्रम को दर्शाता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या समूह द्वारा किए गए काम से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता है।

उदाहरण:

-> अमन ने अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत समय बर्बाद किया लेकिन अंत में कुछ भी याद नहीं रहा, जैसे उसने “उलटी माला फेरी” हो।

-> कंपनी ने नए प्रोजेक्ट पर काफी निवेश किया लेकिन वह फेल हो गया, जैसे उन्होंने “उलटी माला फेरी” हो।

निष्कर्ष: “उलटी माला फेरना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपने प्रयासों को उचित दिशा में लगाना चाहिए और ऐसे कामों से बचना चाहिए जिनसे कोई सार्थक परिणाम न निकले। यह हमें यह भी बताता है कि कठिन परिश्रम के साथ-साथ सही दिशा और योजना भी महत्वपूर्ण है।

Hindi Muhavare Quiz

उलटी माला फेरना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे गांव में राजू नाम का एक किसान रहता था। राजू बहुत मेहनती और लगनशील था, लेकिन उसमें एक कमी थी – वह बिना सोचे-समझे काम करता था।

एक दिन राजू ने सुना कि बाजार में आलू की बहुत डिमांड है। बिना ज्यादा जानकारी एकत्र किए और बिना मौसम की सही जानकारी के, उसने अपने खेत में आलू बो दिए। उसने दिन-रात एक करके अपने खेत की देखभाल की।

कुछ महीने बाद, जब फसल तैयार हुई, तो राजू ने देखा कि आलू ठीक से नहीं उगे थे। गांव के अन्य किसानों ने बताया कि उस मौसम में आलू बोना सही नहीं था और उसे पहले ही इसकी जानकारी ले लेनी चाहिए थी।

राजू को समझ में आया कि उसने “उलटी माला फेरी” है। उसकी सारी मेहनत और समय व्यर्थ गया, क्योंकि उसने बिना सोचे-समझे और बिना उचित योजना के काम किया था।

इस अनुभव से राजू को यह सिखने को मिला कि किसी भी काम को करने से पहले उचित जानकारी और योजना जरूरी है। इस कहानी के माध्यम से हमें भी यही सिख मिलती है कि “उलटी माला फेरना” यानी बिना सोचे-समझे काम करना सिर्फ समय और ऊर्जा की बर्बादी है।

शायरी:

बिना सोचे समझे जो चला, उसने “उलटी माला फेरी”,

ख्वाबों की दुनिया में खोया, हकीकत से थी दूरी तेरी।

जैसे बहती नदी में बहा, पत्थर बिना ठिकाने का,

“उलटी माला फेरता” गया, तू बिना मंजिल जाने का।

हर कदम पर तूने जल्दी की, बिना दिशा के चल पड़ा,

उलटी माला के फेर में, अपनी ही मेहनत जला दी।

जिंदगी के सफर में तू, “उलटी माला फेरता” रहा,

बिना सोचे की गलतियों में, अपना वक्त गंवाता रहा।

“उलटी माला फेरने” का अंजाम, हर किसी को सिखाता है,

सोच-समझकर कदम बढ़ा, जो चाहे सो पाता है।

 

उलटी माला फेरना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of उलटी माला फेरना – Ulti mala ferna Idiom:

“उलटी माला फेरना” is a prevalent Hindi idiom often used in situations where an action is being performed without any result or purpose.

Introduction: The idiom “उलटी माला फेरना” means to engage in an activity that neither yields any benefit nor produces any meaningful outcome. It represents futile and meaningless efforts.

Meaning: The primary meaning of this idiom is to undertake a task that has no purpose or from which no benefit is derived. It signifies vain efforts and fruitless labor.

Usage: This idiom is used when the actions of an individual or a group lead to no meaningful results.

Usage:

-> Aman wasted a lot of time preparing for his exam but remembered nothing in the end, as if he had “उलटी माला फेरी” (reversed the rosary beads in vain).

-> The company invested heavily in a new project, but it failed, as if they had “उलटी माला फेरी” (engaged in a futile effort).

Conclusion: The idiom “उलटी माला फेरना” teaches us that we should direct our efforts in the right direction and avoid tasks that yield no meaningful results. It also tells us that hard work, along with the right direction and planning, is important.

Story of ‌‌Ulti mala ferna Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a farmer named Raju. Raju was hardworking and dedicated, but he had one flaw – he worked without thinking things through.

One day, Raju heard that there was a high demand for potatoes in the market. Without gathering much information and without knowing the right season for planting, he sowed potatoes in his field. He tirelessly tended to his field day and night.

Months later, when the crop was ready, Raju found that the potatoes had not grown properly. The other farmers in the village told him that it wasn’t the right season for planting potatoes, and he should have gathered this information beforehand.

Raju realized that he had made a mistake by “उलटी माला फेरना” (reversing the rosary beads in vain). All his hard work and time were wasted because he acted without thinking and without proper planning.

From this experience, Raju learned that proper information and planning are essential before undertaking any task. This story teaches us the same lesson that “उलटी माला फेरना” (acting without thinking) is merely a waste of time and energy.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल वित्तीय परिस्थितियों में होता है?

नहीं, इसका उपयोग किसी भी परिस्थिति में, जहां कुछ विशेष स्थिति का पलटना हो, किया जा सकता है।

उलटी माला फेरना मुहावरा का उपयोग कब होता है?

यह मुहावरा उधारी का समाप्ति का समय या किसी स्थिति के पलटने की स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

उलटी माला फेरना मुहावरा का मतलब क्या है?

इस मुहावरे का मतलब है किसी स्थिति या परिस्थिति को बिल्कुल उलटा करना या बदल देना।

क्या यह मुहावरा केवल नके पैसे या उधारी के संदर्भ में ही प्रयुक्त होता है?

नहीं, इसका उपयोग किसी भी स्थिति को विपरीत रूप से पलटने के लिए हो सकता है, न कि केवल वित्तीय संदर्भ में ही।

उलटी माला फेरना मुहावरा का विपरीत मुहावरा क्या है?

उसका विपरीत मुहावरा “सीधी माला पहिनना” है, जिसका अर्थ होता है स्थिति को सीधा करना या सामान्यत: बनाए रखना।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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