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लातो के भूत बातों से नहीं मानते, अर्थ, प्रयोग(Laaton ke bhoot baaton se nahi mante)

अर्थ: ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है कि कुछ लोग शांतिपूर्वक दिए गए सुझाव या सलाह से नहीं मानते, उन्हें सख्त उपायों से ही समझाना पड़ता है।

विवरण: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन लोगों के लिए होता है जो सामान्य बातों या समझाने से नहीं मानते और जिन्हें सख्ती से ही अनुशासन में लाया जा सकता है।

जैसा कि कहते हैं, “दुराचारी लोग सजा की भाषा को ही समझते हैं।” यह एक उदाहरण है कि कैसे बुरे या दुष्ट लोग सजा के बिना समझते नहीं हैं।

उदाहरण:

-> अखिल ने अपने छोटे भाई को बार-बार समझाया कि उसे देर रात तक बाहर नहीं रहना चाहिए, पर जब उसने अपने भाई को घर की चाबी देने से मना कर दिया, तभी उसने समझा। यहाँ कहा जा सकता है कि ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते।’

-> अध्यापक ने अंश को कई बार समझाया कि वह कक्षा में बड़बड़ न करे, पर जब उसे स्कूल के प्रधानाचार्य के पास भेजा गया, तभी उसने समझा।

निष्कर्ष: ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि कई बार लोगों को उनकी गलतियों का अहसास सख्त तरीकों से ही होता है। इसलिए, अगर किसी को समझाने के बावजूद वह समझता नहीं है, तो कभी-कभी उसे सख्ती से समझाना पड़ता है।

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Hindi Muhavare Quiz

एक कहानी: लातो के भूत बातों से नहीं मानते

शहर के एक मोहल्ले में दो प्रिय मित्र रहते थे – अंश और शुभ। शुभ बहुत ही शरारती और जिद्दी प्रकृति का था। हर बार जब अंश उसे किसी बुरी आदत से बचने के लिए सलाह देता, शुभ उसकी बातों को नकार देता और मजाक उड़ाता।

एक दिन, शुभ ने एक उच्च इमारत की छत से कूदने की सोची। वह सोच रहा था कि वह बिना किसी समस्या के पूल की तरह उदान भर सकता है। अंश ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन शुभ ने उसकी बातों को अनदेखा किया। अंश ने समझाया, “यह बहुत खतरनाक है, तुम्हें चोट आ सकती है।” लेकिन शुभ ने उसकी बातों को ताल दिया।

अगले ही पल, जब शुभ उछला, अंश ने उसे जल्दी से पकड़ लिया और उसे नीचे खींच लिया। शुभ डर से कांप रहा था, और तभी उसे समझ में आया कि अंश की चेतावनी कितनी महत्वपूर्ण थी।

अंश ने उसे देखते हुए कहा, “क्या अब समझ में आया? लातों के भूत बातों से नहीं मानते।” शुभ ने सिर झुकाया और माफी मांगी। वह समझ गया कि कुछ बार अनुभव ही हमें सच्चाई का अहसास कराता है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी-कभी लोग शांतिपूर्वक दी गई सलाह को नकार देते हैं, और उन्हें सख्ती से ही सही रास्ते पर लाया जा सकता है।

शायरी – Shayari

लातों के भूत को समझाए कैसे बातें,

जिंदगी में जो चुप चाप से जीते हैं मौतें।

अकेला वो जो समझे ज़ख्मों की जुबां,

बातों की मिठास से, फिर भी बुझे न वो जलते चिराग।

 

लातों के भूत बातों से नहीं मानते शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of लातों के भूत बातों से नहीं मानते – Laaton ke bhoot baaton se nahi mante
Idiom:

Meaning: The idiom ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ is a prominent Hindi saying that means some people do not heed to gentle suggestions or advice, and they need to be made to understand through stricter means.

Description: This idiom is often used for those who do not yield to regular talks or persuasion and can only be disciplined through stern measures.

As it’s said, “Wicked people understand the language of punishment.” This is an example of how malevolent or errant individuals do not comprehend without reprimand.

Usage:

-> Akhil repeatedly advised his younger brother not to stay out late, but only when he denied him the house key did he understand. Here, it can be said that ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’.

-> The teacher explained to Ansh multiple times not to chatter in class, but he understood only when sent to the school principal.

Conclusion: The idiom ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ teaches us that often people realize their mistakes only when dealt with sternly. Therefore, if someone doesn’t understand despite explaining, sometimes they need to be made to understand forcefully.

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Story of ‌‌लातों के भूत बातों से नहीं मानते – Laaton ke bhoot baaton se nahi mante Idiom:

In a neighborhood of the city, there lived two dear friends – Ansh and Shubh. Shubh was very mischievous and stubborn by nature. Every time Ansh advised him to avoid a bad habit, Shubh would reject his words and mock him.

One day, Shubh thought of jumping from the roof of a tall building. He believed he could fly like diving into a pool without any issues. Ansh tried to reason with him, but Shubh ignored him. Ansh warned, “This is very dangerous, you could get hurt.” But Shubh brushed him off.

The very next moment, as Shubh leaped, Ansh swiftly grabbed him and pulled him down. Shubh was trembling with fear, and that’s when he realized the importance of Ansh’s warning.

Looking at him, Ansh said, “Do you understand now? Ghosts of the whip don’t listen to words.” Shubh bowed his head and apologized. He realized that sometimes experience alone makes us aware of the truth.

This story teaches us that sometimes people disregard advice given peacefully, and they need to be corrected through stern means.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई सिंगल शब्द में अनुवाद हो सकता है?

नहीं, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते” का कोई सिंगल शब्द में अनुवाद नहीं होता है।

क्या “लातों के भूत बातों से नहीं मानते” का कोई समानार्थी अर्थ हो सकता है?

हां, इस मुहावरे के समानार्थी अर्थ हो सकते हैं, जैसे कि “सच की प्रतिष्ठा करना,” “सत्य का पर्वचन करना,” या “फ़ैक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करना”।

“लातों के भूत बातों से नहीं मानते” का क्या सामाजिक संदर्भ हो सकता है?

सामाजिक संदर्भ में, इस मुहावरे का उपयोग किसी सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, या समाचार रिपोर्टिंग के संदर्भ में किया जा सकता है, जब लोग सत्य की ओर ध्यान देने की मांग करते हैं और फैक्ट्स को अहमता देते हैं।

“लातों के भूत बातों से नहीं मानते” मुहावरे का क्या संदेश हो सकता है साहित्यिक रचनाओं में?

साहित्यिक रचनाओं में, इस मुहावरे का उपयोग किसी चरित्र के व्यवहार या निर्णय के संदर्भ में किया जा सकता है, जब उनका व्यवहार और निर्णय सच्चाई की ओर इशारा करते हैं।

क्या “लातों के भूत बातों से नहीं मानते” का कोई इतिहासिक महत्व होता है?

नहीं, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते” का कोई विशेष इतिहासिक महत्व नहीं होता है, यह एक सामान्य हिंदी मुहावरा होता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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