परिचय: हिंदी भाषा की अपनी एक विशेषता है, जो इसके मुहावरों में निहित है। “कंबख्ती का मारा” एक ऐसा ही मुहावरा है जो हिंदी साहित्य में प्रचलित है। यह मुहावरा व्यक्ति के दुर्भाग्य या बदकिस्मती को दर्शाता है।
अर्थ: “कंबख्ती का मारा” मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति का बहुत बदकिस्मत या दुर्भाग्यपूर्ण होना। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां किसी व्यक्ति के साथ लगातार बुरा होता है या वह हमेशा परेशानियों में फंसा रहता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के साथ बार-बार अनुचित या दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटित होती हैं। यह उस व्यक्ति की निरंतर बदकिस्मती का वर्णन करता है।
उदाहरण:
-> सुरेंद्र हमेशा कहता है कि वह “कंबख्ती का मारा” है, क्योंकि जब भी वह कुछ अच्छा करने का प्रयास करता है, कुछ न कुछ गलत हो जाता है।
-> जब अनीता की नौकरी चली गई और उसके बाद उसके साथ कई और बुरी घटनाएं घटीं, तो उसके दोस्तों ने कहा कि वह “कंबख्ती का मारा” हो गई है।
निष्कर्ष: “कंबख्ती का मारा” यह मुहावरा हमें बताता है कि कभी-कभी जीवन में लगातार बुरे दौर आते हैं, जो किसी व्यक्ति को बेहद बदकिस्मत महसूस कराते हैं। यह मुहावरा उन लोगों की भावनाओं को व्यक्त करता है जो लगातार दुर्भाग्य का सामना कर रहे होते हैं। इस प्रकार, यह हिंदी भाषा के लोकप्रिय मुहावरों में से एक है।
कंबख्ती का मारा मुहावरा पर कहानी:
अनुज एक सामान्य व्यक्ति था, जो एक छोटे से गाँव में रहता था। वह अपनी मेहनत और लगन से जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करता रहता था।
अनुज का जीवन हमेशा ही कठिनाइयों से भरा रहा। जब भी वह कोई नया काम शुरू करता, किसी न किसी बाधा का सामना करना पड़ता। उसने खेती करने की सोची, तो अचानक सूखा पड़ गया। जब उसने छोटा व्यापार शुरू किया, तो बाजार में मंदी आ गई।
एक दिन, अनुज ने अपने गाँव में एक छोटी दुकान खोली। वह सोच रहा था कि अब उसकी किस्मत बदलेगी, लेकिन अचानक एक तूफान आया और उसकी दुकान को बहुत नुकसान पहुँचाया।
अनुज ने हार नहीं मानी। वह फिर से उठ खड़ा हुआ और अपनी दुकान को फिर से बनाया। इस बार, वह और भी मजबूती से तैयार हुआ।
अनुज की कहानी हमें बताती है कि “कंबख्ती का मारा” होना सिर्फ एक दौर होता है, यह हमेशा के लिए नहीं होता। अनुज ने अपनी बदकिस्मती को मात देकर दिखाया कि दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। इस प्रकार, यह कहानी हमें सिखाती है कि दुर्भाग्य को भी हम अपने साहस और हिम्मत से बदल सकते हैं।
शायरी:
कंबख्ती में भी, जीने का सलीका सीखा है,
हर ठोकर में, जिंदगी का फलसफा देखा है।
जब जब गिरा, खुद को संभाला है,
“कंबख्ती का मारा” हूँ, पर हर बार उठ खड़ा हुआ है।
बदकिस्मती भी, मुझसे कहती है आजकल,
तेरे हौसले से हमें भी डर लगता है।
कई बार टूटा, पर कभी नहीं रुका,
“कंबख्ती का मारा” हूँ, फिर भी चलता रहा है।
हर शाम को, अपनी तकदीर से बात करता हूँ,
कहता हूँ, ‘तेरी सितम पर भी, प्यार आता है।’
हर बार गिरकर भी, मैं आसमान छूने की चाह रखता हूँ,
“कंबख्ती का मारा” हूँ, पर हिम्मत नहीं हारता हूँ।
जिंदगी, तेरे हर इम्तिहान का शुक्रिया,
तेरी हर मुश्किल से, एक नई राह मिलती है।
“कंबख्ती का मारा” हूँ, पर उम्मीद पर जिंदा हूँ,
हर चुनौती में, खुद को नया बनाता हूँ।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of कंबख्ती का मारा – Kambakhti ka mara Idiom:
Introduction: One unique feature of the Hindi language lies in its idioms. “कंबख्ती का मारा” is one such idiom prevalent in Hindi literature. This phrase highlights a person’s misfortune or bad luck.
Meaning: The meaning of the idiom “कंबख्ती का मारा” is to be extremely unfortunate or ill-fated. It represents situations where a person continuously encounters bad luck or is always caught up in troubles.
Usage: This idiom is used when a person repeatedly faces unfair or unfortunate incidents. It describes the continuous misfortune of that person.
Example:
-> Surendra always says that he is “कंबख्ती का मारा” because whenever he tries to do something good, something wrong happens.
-> When Anita lost her job and then faced several other misfortunes, her friends said she had become “कंबख्ती का मारा.”
Conclusion: The idiom “कंबख्ती का मारा” tells us that sometimes life brings a series of bad phases, making a person feel extremely unlucky. This idiom expresses the emotions of those who are continuously facing bad luck. Thus, it is one of the popular idioms in the Hindi language.
Story of Kambakhti ka mara Idiom in English:
Anuj was an ordinary man living in a small village. He constantly strived to progress in life through hard work and dedication.
Anuj’s life was always filled with difficulties. Whenever he started something new, he faced some obstacle or the other. When he thought of farming, a sudden drought hit. When he started a small business, the market went into a slump.
One day, Anuj opened a small shop in his village. He thought his luck would change, but suddenly a storm came and caused significant damage to his shop.
Anuj did not give up. He stood up again and rebuilt his shop, this time even more robustly prepared.
Anuj’s story tells us that being “struck by misfortune” is just a phase, not a permanent state. By overcoming his bad luck with determination and hard work, Anuj showed that any obstacle can be overcome. Thus, this story teaches us that even misfortune can be transformed with courage and resilience.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से किया जाता है?
यह मुहावरा आमतौर पर किसी की कठिनाइयों या परेशानियों का विवरण करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जहां कोई व्यक्ति या स्थिति विपरीत परिस्थितियों में पड़ी होती है।
इस मुहावरे का उत्पत्ति से संबंध क्या है?
यह मुहावरा ‘कंबख्त’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है दुर्भाग्यशाली या बदनसीब। ‘कंबख्ती का मारा’ वाक्यांश में, ‘मारा’ शब्द का उपयोग किया गया है जो इसे और भी अधिक भावुक बनाता है।
इस मुहावरे का उत्पत्ति से संबंध क्या है?
कंबख्ती का मारा” एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है वह व्यक्ति या चीज़ जो बड़ी बड़ी मुश्किलों या संघर्षों का सामना करता है।
इस मुहावरे के कुछ उदाहरण क्या हैं?
“उसको आज कंबख्ती का मारा है, एक साथ तीन मुश्किलें सामने आ गई हैं।” “मैंने सोचा था कि मैं कंबख्ती का मारा हूँ, लेकिन आखिर में सब ठीक हो गया।”
क्या इस मुहावरे का कोई साहित्यिक उपयोग है?
हां, यह मुहावरा कई साहित्यिक कामों में पाया जाता है, जहां लेखक अपने पात्रों को बड़ी चुनौतियों या आपात स्थितियों का सामना करते हुए इसका उपयोग करते हैं।
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