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गर्दिश ए जमाना अर्थ, प्रयोग (Gardish E jamana)

परिचय: “गर्दिश-ए-जमाना” एक गहरा हिंदी मुहावरा है जो अक्सर समय के चक्रवाती प्रभाव को व्यक्त करता है। यह जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव और अनिश्चितताओं को दर्शाता है, जिसे अक्सर किस्मत या भाग्य का खेल माना जाता है।

अर्थ: “गर्दिश-ए-जमाना” का शाब्दिक अर्थ होता है “समय का बुरा दौर” या “विपत्ति का समय”। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों और संकटों का सामना कर रहा होता है।

प्रयोग: यह मुहावरा जीवन के उन फेज को बयान करता है जहाँ चीजें अनुकूल नहीं होतीं और व्यक्ति को लगता है कि सारी कायनात उसके विरुद्ध हो गई है। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में होता है जहाँ व्यक्ति को अपने जीवन में कई बाधाओं और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

उदाहरण:

-> अभय की नौकरी छूट जाने के बाद से ही उसकी जिंदगी में गर्दिश-ए-जमाना आ गया है।

-> लक्ष्मी ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से गर्दिश-ए-जमाना चल रहा है, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी।”

निष्कर्ष: “गर्दिश-ए-जमाना” एक ऐसा मुहावरा है जो जीवन की अनिश्चितताओं और चुनौतियों को दर्शाता है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में बुरे दौर आते हैं, लेकिन ये क्षणिक होते हैं और समय के साथ बदल जाते हैं। इस मुहावरे के माध्यम से हम सीखते हैं कि कठिनाइयों का सामना करने में धैर्य और साहस महत्वपूर्ण हैं।

Hindi Muhavare Quiz

गर्दिश-ए-जमाना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में, अभय नाम का एक किसान रहता था। अभय अपनी मेहनत और लगन से खेती करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।

एक वर्ष, अभय के गाँव में अचानक सूखा पड़ गया। उसके खेत सूख गए, और फसलें नष्ट हो गईं। अभय के लिए यह समय “गर्दिश-ए-जमाना” था।

अभय ने अपने जीवन के सबसे कठिन समय में संघर्ष किया। उसके पास अपने परिवार को खिलाने के लिए पर्याप्त धन नहीं था। हर दिन, वह अपने खेतों में काम करता, लेकिन प्रकृति की मार से बच नहीं पाता।

इस कठिन समय में, अभय ने हार नहीं मानी। उसने अपने खेती के तरीकों में बदलाव किया, सिंचाई के लिए नए तरीके अपनाए, और गाँव के अन्य किसानों के साथ मिलकर सहयोग किया।

अभय की कड़ी मेहनत और दृढ़ता ने फल दिया। अगले वर्ष, बारिश हुई और उसकी फसलें फिर से लहलहा उठीं। उसने न केवल अपनी स्थिति सुधारी, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन गया।

अभय की कहानी हमें सिखाती है कि “गर्दिश-ए-जमाना” जीवन का एक अस्थायी चरण है। यह हमें याद दिलाता है कि कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ हमें मजबूत बनाती हैं और हमें नई दिशाओं में सोचने का मौका देती हैं। अभय की तरह, हमें भी धैर्य और साहस के साथ समस्याओं का सामना करना चाहिए और निरंतर प्रयास से सफलता प्राप्त करनी चाहिए।

शायरी:

गर्दिश-ए-जमाना में भी, अपने इरादे न भूलें,

हर रात के बाद सवेरा, ये बात याद रखें हम।

आंधियों में भी दिये जलते रहे, हौसले बुलंद थे,

जब भी आए वक्त की मार, हमने वक्त से कहा, “तू क्या है?”

दुनिया की ये रीत है, गर्दिश में भी जीत है,

जो थाम ले हर तूफान को, वो ही सच्चा मीत है।

गर्दिश की इन राहों में, हर कदम पे इम्तिहान है,

फिर भी चलते रहे हम, क्योंकि जीत हमारी आन है।

वक्त की इस करवट में, कुछ तो सबक सीखा है,

गर्दिश-ए-जमाना भी कहता है, “आगे बढ़, तेरा रास्ता देखा है।”

 

गर्दिश-ए-जमाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of खुद लिखे खुदा बांचे – Gardish E jamana Idiom:

Introduction: “गर्दिश-ए-जमाना” is a profound Hindi idiom often used to express the cyclical nature of time. It depicts the ups and downs and uncertainties in life, often attributed to fate or destiny.

Meaning: Literally, “गर्दिश-ए-जमाना” means “a bad phase of time” or “a time of adversity.” The idiom is used when a person faces difficulties and crises in life.

Usage: This idiom describes phases in life where things do not go as planned, and one feels as if the entire universe is against them. It is used in situations where a person faces multiple obstacles and difficulties in life.

Example:

-> Since Abhay lost his job, he has been going through a “गर्दिश-ए-जमाना” in his life.

-> Lakshmi said, “I have been facing a ‘गर्दिश-ए-जमाना’ for the past few months, but I will not give up.”

Conclusion: “गर्दिश-ए-जमाना” is an idiom that illustrates the uncertainties and challenges in life. It reminds us that bad phases come in life, but they are temporary and change over time. Through this idiom, we learn that patience and courage are essential in facing difficulties.

Story of ‌‌Gardish E jamana Idiom in English:

In a small village, there lived a farmer named Abhay. Abhay sustained his family through his hard work and dedication in farming.

One year, a sudden drought struck Abhay’s village. His fields dried up, and the crops were destroyed. For Abhay, this period was a time of “गर्दिश-ए-जमाना” (adversity of the times).

Abhay struggled through the toughest phase of his life. He did not have enough money to feed his family. Every day, he worked in his fields, but couldn’t escape the wrath of nature.

During these hard times, Abhay did not give up. He changed his farming methods, adopted new irrigation techniques, and collaborated with other farmers in the village.

Abhay’s hard work and perseverance paid off. The following year, it rained, and his crops flourished once again. He not only improved his situation but also became an inspiration to other farmers.

Abhay’s story teaches us that “गर्दिश-ए-जमाना” is a temporary phase in life. It reminds us that hardships and challenges strengthen us and provide opportunities to think in new directions. Like Abhay, we should also face problems with patience and courage and achieve success through persistent efforts.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का उपयोग कैसे किया जाता है?

गर्दिश-ए-जमाना” का उपयोग किसी व्यक्ति, स्थिति या घटना को उसके समय की महत्वपूर्णता के साथ संबद्ध करने के लिए किया जाता है। यह समय की अहमियत को उजागर करने में मदद करता है।

इस मुहावरे का उपयोग कहाँ होता है?

गर्दिश-ए-जमाना” का उपयोग व्यक्तियों या घटनाओं को उनके समय के साथ संबद्ध करने के लिए किया जाता है, जिससे उनका महत्व और प्रभाव समझा जा सके।

क्या है “गर्दिश-ए-जमाना” का मतलब?

गर्दिश-ए-जमाना” का मतलब होता है उस समय का प्रभाव या महत्व, जब कोई व्यक्ति या वस्तु ऐतिहासिक या सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण होती है।

क्या कोई उपयोगी उदाहरण बताएं जिसमें “गर्दिश-ए-जमाना” का उपयोग किया गया है?

एक उदाहरण के रूप में, “उसकी रचना ने उस समय के लेखन को एक नई गर्दिश-ए-जमाना दी” – इसमें उनके काम को उस समय के लेखन के साथ जोड़कर उसकी महत्वपूर्णता को दिखाया जा रहा है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास है?

जी हां, “गर्दिश-ए-जमाना” का उपयोग उर्दू और हिंदी साहित्य में अत्यधिक प्रचलित है, जब भी किसी व्यक्ति या वस्तु को उसके समय के साथ संबद्ध करने की बात होती है।

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