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चौकड़ी भरना, अर्थ, प्रयोग(Chaukadi bharna)

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परिचय: “चौकड़ी भरना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका उपयोग समय-समय पर हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में होता है। इस मुहावरे का उपयोग तेजी से काम करने या किसी कार्य में तेजी लाने के लिए किया जाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य को जल्दी और तेजी से पूरा करना। यहाँ “चौकड़ी” का संकेत तेजी से दौड़ने वाले घोड़ों की चौकड़ी से है।

उदाहरण:

-> प्रोजेक्ट की समय सीमा नजदीक आ रही थी, इसलिए मैनेजर ने टीम से कहा कि वे अब चौकड़ी भरें ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो सके।

-> परीक्षा के सिर्फ दो हफ्ते बाकी थे, अमन ने सोचा कि अब उसे चौकड़ी भरनी होगी ताकि वह सभी विषयों में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।

विस्तार से: “चौकड़ी भरना” अक्सर उस समय का इशारा करता है जब किसी को अपने काम में तेजी लानी होती है। जैसे की एक फुटबॉल खिलाड़ी जब गोल की दिशा में दौड़ता है, या एक व्यक्ति जब अपनी गाड़ी को तेजी से चलाता है। यह उस उत्साह और तेजी का प्रतीक है, जो किसी को उसकी मंजिल तक पहुँचाता है।

निष्कर्ष: “चौकड़ी भरना” हमें यह सिखाता है कि जब हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने में कोई बाधा आती है, तो हमें अपनी कठिनाईयों को पार करने के लिए तेजी से काम करना चाहिए।

चौकड़ी भरना मुहावरा पर कहानी:

अंश एक छोटे गांव में रहता था जिसे दौड़ने का बहुत शौक था। वह हर सुबह और शाम को अपने गांव के मैदान में दौड़ने जाता। लेकिन वह हमेशा अपनी सीमा में ही दौड़ता था और कभी तेजी से दौड़ने का प्रयास नहीं करता था।

एक दिन गांव में एक बड़ा दौड़ने का प्रतियोगिता हुआ। सभी युवक उसमें भाग लेने को उत्सुक थे। अंश ने भी सोचा कि यह अच्छा मौका होगा अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने का।

जब दौड़ शुरू हुई, तो अंश अपनी सामान्य गति से दौड़ने लगा। लेकिन अन्य प्रतिस्पर्धी उससे आगे निकल गए। वह समझ गया कि अगर वह जीतना चाहता है, तो उसे चौकड़ी भरनी होगी।

अंश ने अपनी पूरी ताकत से दौड़ना शुरू किया। वह जैसे तैसे बाकी सभी प्रतिस्पर्धीयों को पार कर दिया और अंत में प्रतियोगिता जीत गया।

उस दिन अंश ने समझा कि जीवन में कभी-कभी हमें अपनी सीमा को पार करके चौकड़ी भरनी पड़ती है। सिर्फ तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष: जीवन की रेस में, अक्सर हमें अपनी पूरी ताकत और तेजी से काम करना पड़ता है ताकि हम अपनी मंजिल तक पहुँच सकें।

शायरी:

जीवन की रेस में हर किसी को दौड़ना पड़ता,

चौकड़ी भरने जैसा जोश हर दिल में होता।

जिसे मंजिल पाने की आग आंखों में जलती,

वही अधूरे ख्वाबों को अकेला पूरा करता।

ज़िंदगी की राह में चाहे कितनी भी मुश्किलें हों,

जो चौकड़ी भरता है, वही सफलता की राह पर होता।

 

चौकड़ी भरना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of चौकड़ी भरना – Chaukdi Bharna Idiom:

Introduction: “चौकड़ी भरना” (“Chaukdi Bharna”) is a renowned Hindi idiom, which is used frequently in both our personal and professional lives. It’s employed to describe working swiftly or instilling pace in a task.

Meaning: The phrase translates to completing a task quickly and efficiently. Here, “चौकड़ी” (“Chaukdi”) refers to a group of horses galloping at speed.

Examples:

-> As the project’s deadline was nearing, the manager told the team to speed things up, implying they needed to “चौकड़ी भरना” to ensure the project’s timely completion.

-> With only two weeks left for the exams, Aman thought he needed to double his efforts, suggesting he had to “चौकड़ी भरना” to score well in all subjects.

Special Note: “चौकड़ी भरना” often signifies those moments when there’s a need to accelerate one’s pace. Like a footballer sprinting towards the goal, or someone driving their car swiftly. It epitomizes that enthusiasm and speed, which leads one to their destination.

Conclusion: The idiom “चौकड़ी भरना” teaches us that when faced with obstacles in achieving our goals, we should work quickly to overcome our challenges.

Story of ‌‌Chaukdi Bharna Idiom in English:

Ansh lived in a small village and had a great passion for running. He would go to run in the village field every morning and evening. However, he always ran within his limits and never attempted to run fast.

One day, a big running competition was organized in the village. All the young men were eager to participate. Ansh thought that this would be a good opportunity to showcase his ability.

When the race started, Ansh began to run at his usual pace. But the other competitors moved ahead of him. He realized that if he wanted to win, he would have to put in extra effort and speed up.

Ansh started to run with all his might. He managed to surpass all the other competitors and eventually won the competition.

That day, Ansh learned that sometimes in life, we need to push our limits and give our best effort to achieve our goals.

Conclusion: In the race of life, we often need to work with all our strength and speed to reach our destination.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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