परिचय: हिंदी भाषा की अनेक कहावतों में “आबरू खाक में मिलाना” एक महत्वपूर्ण कहावत है। यह कहावत व्यक्ति की प्रतिष्ठा और सम्मान से जुड़ी हुई है।
अर्थ: “आबरू खाक में मिलाना” का अर्थ होता है अपनी या किसी और की प्रतिष्ठा या सम्मान को नष्ट कर देना। यह आमतौर पर तब इस्तेमाल होता है जब किसी की गलतियों या कुकर्मों के कारण उसकी इज्जत को भारी नुकसान पहुंचता है।
प्रयोग: इस कहावत का उपयोग आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में किया जाता है, जब किसी व्यक्ति की कार्रवाईयाँ उसके या उसके परिवार की इज्जत को कम कर देती हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए, एक व्यवसायी ने अपने व्यापार में धोखाधड़ी की और पकड़ा गया। इससे उसके परिवार की आबरू खाक में मिल गई और उन्हें समाज में शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
निष्कर्ष: “आबरू खाक में मिलाना” कहावत हमें यह सिखाती है कि हमारे कर्मों का प्रभाव सिर्फ हम पर ही नहीं पड़ता, बल्कि हमारे परिवार और समाज पर भी पड़ता है। इसलिए, हमें सदैव सावधानी और नैतिकता के साथ कार्य करना चाहिए।
आबरू खाक में मिलाना मुहावरा पर कहानी:
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में विकास नाम का एक युवक रहता था। विकास का परिवार बहुत ही सम्मानित था और उसके पिता गांव के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।
विकास अपने दोस्तों के साथ मिलकर अक्सर शरारतें करता था। एक दिन, उसने और उसके दोस्तों ने गांव के बाहर एक खेत में आग लगा दी, जिससे बहुत बड़ा नुकसान हो गया। जब यह बात गांव वालों को पता चली, तो सबने विकास और उसके परिवार की निंदा की।
विकास के पिता को इस घटना से बहुत दुःख पहुंचा। उन्होंने विकास से कहा, “तुम्हारी इस हरकत से न सिर्फ तुम्हारी, बल्कि हमारे पूरे परिवार की आबरू खाक में मिल गई है। हमें अब गांव वालों की नजरों में शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।”
विकास को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने पिता से माफी मांगी। उसने वादा किया कि वह आगे से ऐसी कोई गलती नहीं करेगा जिससे उनके परिवार की प्रतिष्ठा पर आंच आए।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमारे कर्मों का प्रभाव सिर्फ हम पर ही नहीं, बल्कि हमारे परिवार और समाज पर भी पड़ता है। इसलिए हमें हमेशा सोच-समझकर और जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए।
शायरी:
गलतियों की एक लहर में, आबरू हो गई फना,
खुद की नजरों में गिर के, दुनिया से क्या गिला।
इक भूल से जो खो दी, परिवार की शान,
आबरू खाक में मिली, कैसे उठाएं अब जुबान।
जिन हाथों ने बनाई थी, महलों की शानदार बुनियाद,
उन्हीं हाथों ने कर दी, इज्जत की बर्बादी आबाद।
शीशा जब एक बार टूटे, तो जुड़ता नहीं फिर से,
‘आबरू खाक में मिली’, सीख यही है जिंदगी के हर पहलू से।
आईने में खुद को देख, पूछता हूँ खुद से यह सवाल,
क्या वह अक्स है वही, जिसे थी दुनिया में उंची चाह।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of आबरू खाक में मिलाना – Aabru khak mein milana Idiom:
Introduction: Among the many proverbs in the Hindi language, “आबरू खाक में मिलाना” is an important one. This proverb is related to a person’s dignity and honor.
Meaning: “आबरू खाक में मिलाना” means to destroy one’s own or someone else’s reputation or honor. It is commonly used when someone’s mistakes or misdeeds cause significant damage to their dignity.
Usage: This proverb is usually used in a negative context, when a person’s actions diminish the respect of themselves or their family.
Example:
Suppose a businessman committed fraud in his business and was caught. This led to his family’s reputation being tarnished, causing them to face humiliation in society.
Conclusion: The proverb “आबरू खाक में मिलाना” teaches us that the impact of our actions is not only on us but also on our family and society. Therefore, we should always act with caution and morality.
Story of Aabru khak mein milana Idiom in English:
Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Vikas. Vikas’s family was highly respected, and his father was the most esteemed person in the village.
Vikas often engaged in mischief with his friends. One day, he and his friends set fire to a field outside the village, causing significant damage. When the villagers found out, they condemned Vikas and his family.
Vikas’s father was deeply saddened by this incident. He said to Vikas, “Your actions have not only tarnished your own reputation, but also the reputation of our entire family. We now have to face embarrassment in the eyes of our fellow villagers.”
Vikas realized his mistake and apologized to his father. He promised that he would not commit such a mistake in the future that could tarnish their family’s reputation.
This story teaches us that the impact of our actions is not only on ourselves but also on our family and society. Therefore, we should always act thoughtfully and responsibly.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
क्या इस मुहावरे का कोई विरोधी अर्थ हो सकता है?
जी हां, इस मुहावरे का विरोधी अर्थ हो सकता है किसी के सम्मान को सुधारना या पुनः स्थापित करना।
इस मुहावरे का उपयोग किसी के खिलाफ अपमान करने के लिए सही है?
नहीं, इस मुहावरे का उपयोग किसी के खिलाफ अपमान करने के लिए सही नहीं है। इसे सत्यापित जानकारी के साथ प्रयोग करना चाहिए।
क्या आबरू खाक में मिलाना का मतलब है?
आबरू खाक में मिलाना का मतलब होता है किसी के गर्व और सम्मान को नष्ट कर देना या उन्हें धूल में मिला देना।
क्या इस मुहावरे का उपयोग कहाँ होता है?
यह मुहावरा आमतौर पर किसी के अपमान को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इस मुहावरे का उदाहरण क्या हो सकता है?
जैसे किसी व्यक्ति की बदनामी के लिए गलतफहमी से उन्हें आबरू खाक में मिलाना, जैसे किसी बिना सबूत के उनके खिलाफ अफवाहें फैलाना।
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