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डींग हांकना, अर्थ, प्रयोग(Ding hakna)

Vishal showing his fish at the village fair., Anuj smiling at Vishal's ordinary fish., Villagers gathered around Vishal's stall., Illustration of the idiom "डींग हांकना".

परिचय: भारतीय भाषा में और संस्कृति में मुहावरे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज हम “डींग हांकना” इस मुहावरे के बारे में चर्चा करेंगे।

अर्थ: “डींग हांकना” का अर्थ है – अधिक डींग मारना, अधिक अभिमान दिखाना या व्यर्थ में शेखी बघारना।

प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब कोई अधिक प्रशंसा या अधिक शेखी बघारता है, जबकि उसके पास ऐसी कोई विशेष बात नहीं होती जो वह दिखा रहा हो।

उदाहरण:

-> अभय अपनी नई गाड़ी के बारे में बार-बार डींग हांक रहा था, हालांकि वह गाड़ी किराए पर ली गई थी।

-> विशाल अक्सर अपनी सफलताओं की डींग हांकता रहता है, जबकि सभी जानते हैं कि उसने वह सफलता अपनी मेहनत से नहीं पाई।

विशेष टिप्पणी: अक्सर लोग अपनी वास्तविक स्थिति से अधिक डींग हांकते हैं, जिससे उन्हें आस्तित्व में नहीं होने वाली पहचान या महत्वपूर्णता प्राप्त हो। इसलिए, जब भी हमें लगे कि कोई व्यर्थ में डींग हांक रहा है, हमें चाहिए कि हम उस पर ध्यान न दें और अपनी वास्तविकता में रहें।

निष्कर्ष: “डींग हांकना” एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है जो व्यक्ति के व्यर्थ की शेखी या अधिक प्रशंसा को दर्शाता है। इसे समझकर ही चाहिए कि किसी भी शेखी या अधिक प्रशंसा में न बहके और अपनी असली पहचान और क्षमताओं को समझे।

डींग हांकना मुहावरा पर कहानी:

विशाल और अनुज दोनों एक ही गाँव में रहते थे। विशाल का स्वभाव थोड़ा शेखी मारने वाला था। वह हमेशा अपनी बातों को बड़ा चढ़ाकर सुनाता था और खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश करता था।

एक दिन गाँव में मेला लगा। विशाल ने सुना दिया कि उसने एक बहुत बड़ी मछली पकड़ ली है और वह उसे मेले में सबको दिखाएगा। उसकी बातों को सुनकर गाँववाले भी उत्सुक हो गए।

मेले के दिन, जब लोग विशाल के पास उस बड़ी मछली को देखने पहुँचे, तो उन्हें देखने को मिला कि वह मछली तो बिलकुल सामान्य थी, जैसी की गाँव में आमतौर पर पकड़ी जाती है। विशाल की बड़ी बड़ी बातों का कोई असर नहीं दिखाई दिया।

अनुज ने मुस्कराते हुए कहा, “विशाल भैया, आप हमेशा अपनी छोटी-छोटी बातों को बड़ा चढ़ाकर सुनाते हैं। आप तो अकेले ‘डींग हांकने’ में माहिर हो!”

गाँववाले समझ गए कि विशाल ने उन्हें व्यर्थ में डींग हांक दिखाई थी। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अधिक प्रशंसा या अधिक शेखी बघारने से कोई भी बड़ा नहीं हो जाता। असली महत्व तो किसी के काम में है, न की उसकी बड़ी-बड़ी बातों में।

शायरी:

डींग हांकने चले थे वह आसमां तक, ख्वाब अपने छुपा रखे थे दिल की ज़ुबां तक।

शहर की रोशनी में भी ढले अंधेरे, जिन्हें लगा अपनी बातों में है सवेरा।

आँखों में था गुरूर, दिल में थी उड़ान, पर खेला ज़िंदगी उससे ऐसा मान।

अब जो बड़ी-बड़ी बातें थीं लिपटी, सिर्फ चुप्प रह गई, ज़ुबां पर बैठी।

 

डींग हांकना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of डींग हांकना – Taar taar hona Idiom:

Introduction: In Indian language and culture, idioms play a significant role. Today, we will discuss the idiom “डींग हांकना.”

Meaning: “डींग हांकना” means to boast excessively, to show off pride unnecessarily, or to brag in vain.

Usage: This idiom is used when someone is excessively praising themselves or bragging, even though they don’t possess any particular qualities or achievements to show off.

Examples:

-> Abhay was continuously boasting about his new car, even though it was rented. 

-> Vishal often brags about his successes, while everyone knows he hasn’t achieved that success through his own hard work.

Special Comment: Often, people tend to boast beyond their actual status to gain recognition or importance that they do not really have. Therefore, whenever we feel that someone is bragging in vain, we should choose not to pay attention and stay true to our own reality.

Conclusion: “डींग हांकना” is an ancient Hindi idiom that represents a person’s unnecessary boasting or excessive praise. It is important to understand that one should not get carried away by such bragging and should recognize their own true identity and capabilities.

Story of ‌‌Taar taar hona Idiom in English:

Vishal and Anuj both lived in the same village. Vishal had a boastful nature. He always exaggerated his stories and tried to make himself appear greater than he actually was.

One day, a fair was set up in the village. Vishal announced that he had caught a very large fish and would show it off at the fair. Hearing this, the villagers grew curious.

On the day of the fair, when people approached Vishal to see this large fish, they found that the fish was entirely ordinary, just like the ones typically caught in the village. Vishal’s grand claims fell flat.

Anuj, with a smile, remarked, “Vishal, you always amplify your minor achievements. You truly are an expert in ‘bragging in vain!'”

The villagers realized that Vishal had merely been showing off without reason. This story teaches us that mere bragging or showing off doesn’t make one great. Real value lies in one’s actions, not in their exaggerated words.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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