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ढर्रे पर चलना अर्थ, प्रयोग(Dharre par chalna)

“ढर्रे पर चलना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है उसी परंपरागत या स्थापित तरीके का पालन करना जो पहले से चला आ रहा हो। इसका इस्तेमाल अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहां कोई व्यक्ति नवीनता या परिवर्तन की बजाय, पुराने और पारंपरिक तरीकों को अपनाता है।

परिचय: “ढर्रे पर चलना” मुहावरा उन व्यक्तियों या संस्थाओं पर लागू होता है जो नई चीजों को अपनाने में संकोच करते हैं और पुरानी रीति-नीति या पद्धतियों को ही सही मानते हैं। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहां नवाचार की कमी होती है।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – एक निश्चित और स्थापित पथ पर चलना। यह अक्सर संकीर्ण सोच और परंपरा के प्रति अत्यधिक आग्रह को दर्शाता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को पुरानी पद्धतियों या विचारों से चिपके रहने की बात कहनी हो। उदाहरण के लिए, जब कोई संस्था नई तकनीकी या विचारधारा को अपनाने से इनकार करती है तो कहा जा सकता है कि वह “ढर्रे पर चल रही है।”

उदाहरण:

-> हमारी कंपनी हमेशा नए विचारों का स्वागत करती है और कभी भी ‘ढर्रे पर नहीं चलती।’

-> इस स्कूल में शिक्षा के पुराने तरीकों को अपनाया जाता है, यहां ‘ढर्रे पर चलने’ की प्रवृत्ति है।

निष्कर्ष: “ढर्रे पर चलना” मुहावरा उन स्थितियों के लिए प्रयोग होता है जहां परिवर्तन और नवाचार की आवश्यकता होते हुए भी, लोग या संस्थाएं पुरानी परंपराओं और तरीकों को ही अपनाना पसंद करते हैं। यह हमें यह भी सिखाता है कि जबकि परंपराएं महत्वपूर्ण होती हैं, समय के साथ बदलाव और अनुकूलन भी उतना ही आवश्यक है।

Hindi Muhavare Quiz

ढर्रे पर चलना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में ‘सरस्वती शिक्षा संस्थान’ नामक एक विद्यालय था। यह विद्यालय पुरानी शिक्षण पद्धतियों और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध था। विद्यालय के प्रधानाचार्य, श्री सुरेंद्र जी, बहुत ही पारंपरिक विचारों के व्यक्ति थे। उनका मानना था कि पुराने तरीके ही शिक्षा के सबसे अच्छे तरीके हैं। इसलिए, उन्होंने हमेशा नई शैक्षिक तकनीकों और पद्धतियों को अपनाने से मना कर दिया।

एक दिन, विद्यालय में एक नई शिक्षिका, किरन जी, का आगमन हुआ। वह आधुनिक शिक्षण तकनीकों और नवीन विचारों से परिपूर्ण थीं। उन्होंने विद्यालय में डिजिटल शिक्षण औजार, इंटरैक्टिव शिक्षण विधियाँ, और प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा।

पहले तो श्री सुरेंद्र जी ने इसे नकार दिया और कहा, “हमारा विद्यालय हमेशा ‘ढर्रे पर चलता’ आया है, और हमें इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं है।” परंतु, किरन जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने श्री सुरेंद्र जी को दिखाया कि कैसे नए तरीके छात्रों की रुचि और समझ को बढ़ा सकते हैं।

धीरे-धीरे, श्री सुरेंद्र जी ने किरन जी के तरीकों को अपनाना शुरू कर दिया। उन्होंने देखा कि विद्यालय का माहौल बदल रहा था। छात्र अधिक उत्साहित और सक्रिय हो गए थे। उनकी समझ और प्रदर्शन में भी सुधार हुआ।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “ढर्रे पर चलना” हमें नई संभावनाओं से वंचित कर सकता है। नवाचार और परिवर्तन से ही हम बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। सरस्वती शिक्षा संस्थान विद्यालय ने यही सिखाया कि परंपरा और नवाचार का संतुलन ही सच्ची प्रगति की कुंजी है।

शायरी:

ढर्रे पर चलने की आदत ने, हर नयी राह को छोड़ा है,

हर इक ख्वाब को दबाया है, हर इक उड़ान को तोड़ा है।

नई सोच की बातें करें, पुराने ख्याल से दूर रहें,

क्यों ढर्रे पर चलें हम, जब खुद की मंजिल है मजबूर रहें।

सोच के दायरे तोड़ने का, वक़्त आ गया है दोस्तों,

चल पड़ें नयी राहों पर, जब तकदीर का इशारा है रोशन।

ढर्रे की इस दुनिया में, खुद को पहचानने की बात करें,

नए ख्वाबों के पंख लगाकर, असीम आकाश में उड़ान भरें।

जिंदगी के सफर में, नए रंग भरने की बात करें,

“ढर्रे पर चलना” छोड़, खुद की राह बनाने की बात करें।

 

ढर्रे पर चलना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ढर्रे पर चलना – Dharre par chalna Idiom:

“ढर्रे पर चलना” is a popular Hindi idiom, which means to follow the same traditional or established method that has been followed since the past. It is often used in situations where a person, instead of embracing innovation or change, prefers old and traditional methods.

Introduction: The phrase “ढर्रे पर चलना” applies to individuals or institutions who are hesitant to adopt new things and consider old customs and methods to be correct. It represents situations where there is a lack of innovation.

Meaning: The literal meaning of this idiom is – to walk on a certain and established path. It often signifies a narrow mindset and an excessive insistence on tradition.

Usage: This idiom is used when one wants to talk about sticking to old methods or ideas. For example, when an institution refuses to adopt new technology or ideology, it can be said that it is “walking on the old path.”

Example:

-> Our company always welcomes new ideas and never ‘walks on the old path.’

-> This school adopts old methods of education, here is a tendency to ‘walk on the old path.’

Conclusion: The idiom “ढर्रे पर चलना” is used for situations where, despite the need for change and innovation, people or institutions prefer to follow old traditions and methods. It also teaches us that while traditions are important, adaptation and change with time are equally necessary.

Story of ‌‌Dharre par chalna Idiom in English:

In a small village, there was a school named ‘Saraswati Shiksha Sansthan’. This school was famous for its old teaching methods and traditions. The principal, Mr. Surendra, was a person of very traditional thoughts. He believed that old methods were the best ways to teach. Therefore, he always refused to adopt new educational technologies and methods.

One day, a new teacher, Ms. Kiran, joined the school. She was full of modern teaching techniques and innovative ideas. She proposed the introduction of digital teaching tools, interactive teaching methods, and project-based learning in the school.

Initially, Mr. Surendra rejected this idea and said, “Our school has always followed the old ways, and there is no need to change it.” However, Ms. Kiran did not give up. She showed Mr. Surendra how new methods could increase students’ interest and understanding.

Gradually, Mr. Surendra started adopting Ms. Kiran’s methods. He noticed that the atmosphere of the school was changing. The students became more enthusiastic and active. There was also an improvement in their understanding and performance.

This story teaches us that “sticking to the old ways” can deprive us of new opportunities. Innovation and change are the steps towards a better future. Saraswati Shiksha Sansthan taught us that the key to true progress is balancing tradition with innovation.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या ‘ढर्रे पर चलना’ का उपयोग केवल प्रोफेशनल संदर्भों में होता है?

नहीं, ढर्रे पर चलना का उपयोग सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत संदर्भों में भी किया जा सकता है।

क्या ‘ढर्रे पर चलना’ का उपयोग कैसे किया जाता है?

यह मुहावरा अक्सर ऐसे संदर्भों में प्रयोग होता है जब किसी को किसी काम के नतीजे की चिंता नहीं होती।

क्या है ‘ढर्रे पर चलना’ का अर्थ?

ढर्रे पर चलना का अर्थ होता है किसी कार्य को अनिश्चितता या अनावश्यक चिंता के बिना करना।

क्या ‘ढर्रे पर चलना’ और ‘सो जाना’ में अंतर है?

हां, ढर्रे पर चलना और सो जाना दोनों ही मुहावरे हैं, लेकिन उनके अर्थ एक-दूसरे से अलग हैं।

क्या ‘ढर्रे पर चलना’ का अर्थ हमेशा पोजिटिव होता है?

नहीं, ढर्रे पर चलना का अर्थ जब कभी-कभी नकारात्मक संदर्भों में भी होता है, जैसे किसी कार्य के परिणाम की अनिश्चितता से चिंता न करना।

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