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तारीफ के पुल बाँधना अर्थ, प्रयोग(Taarif ke pul bandhna)

परिचय: “तारीफ के पुल बाँधना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका प्रयोग अक्सर संवाद में होता है। यह मुहावरा संवाद को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए काम आता है।

अर्थ: “तारीफ के पुल बाँधना” का अर्थ है किसी की अत्यधिक प्रशंसा करना या किसी की बहुत तारीफ करना। इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की खूबियों का बखान करता है।

प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी की प्रशंसा में कुछ अतिरिक्त बोला जाए। इसका उपयोग सकारात्मक संदर्भ में हो सकता है, जब हम किसी की वास्तविक उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे होते हैं, या व्यंग्यात्मक रूप से भी, जब हम अतिशयोक्ति के साथ किसी की तारीफ कर रहे होते हैं।

उदाहरण:

-> जब अमन ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो उसके शिक्षक ने उसकी तारीफ के पुल बाँध दिए।

-> काव्या की पेंटिंग देखकर, उसके दोस्तों ने उसकी कला की तारीफ के पुल बाँध दिए।

निष्कर्ष: “तारीफ के पुल बाँधना” मुहावरा हिंदी भाषा की अभिव्यक्ति की समृद्धि को दर्शाता है। यह भाषा को न केवल विविधतापूर्ण बनाता है बल्कि संवाद में गहराई और प्रभाव भी जोड़ता है। इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में हो सकता है, जो इसे एक उपयोगी और लोकप्रिय अभिव्यक्ति बनाता है।

Hindi Muhavare Quiz

तारीफ के पुल बाँधना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में गौरी नाम की एक लड़की रहती थी। उसे पेंटिंग का शौक था, और वह अपने स्कूल में इस कला में बहुत प्रतिभाशाली मानी जाती थी।

एक दिन स्कूल में पेंटिंग प्रतियोगिता हुई। गौरी ने भी अपनी एक खूबसूरत पेंटिंग बनाई। उसकी पेंटिंग को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।

जब प्रतियोगिता के निर्णायकों ने गौरी की पेंटिंग देखी, तो उन्होंने गौरी की तारीफ में जमकर पुल बाँधे। उन्होंने कहा कि गौरी की पेंटिंग न केवल तकनीकी दृष्टि से उत्कृष्ट है, बल्कि इसमें भावनाओं की गहराई भी है।

गौरी को प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला। उसके साथी छात्रों और शिक्षकों ने भी उसकी कला की तारीफ की और उसके लिए तारीफ के पुल बाँध दिए।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि प्रतिभा और मेहनत का सही मूल्यांकन होने पर, लोग स्वाभाविक रूप से तारीफ के पुल बाँधते हैं। गौरी की कला ने न केवल उसे पहचान दिलाई, बल्कि उसे उसके साथियों और शिक्षकों की प्रशंसा और समर्थन भी मिला। यह मुहावरा हमें यह भी बताता है कि सच्ची प्रतिभा और कड़ी मेहनत की सराहना होती है, और यह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

शायरी:

चित्र बनाकर गौरी ने, जब दिलों को छू लिया,

लोगों ने उसकी तारीफ में, पुल सजा दिया।

जैसे बहारों ने बाग में, रंग भर दिया,

उसकी कला के आगे, हर किसी ने सिर झुका दिया।

उसकी पेंटिंग में थी, एक अजीब सी बात,

हर एक रंग में छिपी, जिंदगी की सौगात।

जब भी वो कैनवस पर, ब्रश फेरती थी,

लगता था जैसे चाँदनी, रात में उतर आई हो जैसे।

कहते हैं कला में जादू होता है,

जो दिलों को छू जाता है, रूह को कोटा है।

गौरी की कला ने भी, ऐसा ही असर किया,

जिसने देखा, उसने तारीफ के पुल बाँध दिया।

इस कला की दुनिया में, गौरी एक मिसाल है,

उसकी पेंटिंग बताती है, जिंदगी क्या कमाल है।

उसके हाथों की कला, जिसने भी देखा,

तारीफ के पुल बाँधे बिना, नहीं रह सका।

 

तारीफ के पुल बाँधना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of तारीफ के पुल बाँधना – Taarif ke pul bandhna Idiom:

Introduction: “तारीफ के पुल बाँधना” is a prevalent Hindi idiom, often used in conversation. This idiom serves to make the dialogue attractive and effective.

Meaning: The literal meaning of “तारीफ के पुल बाँधना” is to excessively praise someone or to shower someone with compliments. This idiom is used when a person extols the virtues of another person.

Usage: This idiom is generally used when someone speaks highly in praise of someone else. It can be used in a positive context when we are genuinely praising someone’s real achievements, or it can also be used sarcastically, when we are exaggerating someone’s praises.

Example:

-> When Aman secured the first position in the competition, his teacher showered him with high praises.

-> Upon seeing Kavya’s painting, her friends lavished praise on her artistic skills.

Conclusion: The idiom “तारीफ के पुल बाँधना” reflects the richness of expression in the Hindi language. It not only diversifies the language but also adds depth and impact to the conversation. This idiom can be used in various contexts, making it a useful and popular expression.

Story of ‌‌Taarif ke pul bandhna Idiom in English:

In a small village lived a girl named Gauri. She had a passion for painting and was considered very talented in this art at her school.

One day, a painting competition was held at school. Gauri created a beautiful painting. Everyone who saw her painting was mesmerized.

When the judges of the competition saw Gauri’s painting, they lavished high praise on her. They said that Gauri’s painting was not only technically excellent but also deep in emotions.

Gauri won the first prize in the competition. Her fellow students and teachers also praised her artistic skill, showering her with compliments.

This story teaches us that when talent and hard work are rightly appreciated, people naturally lavish praise. Gauri’s art not only brought her recognition but also the admiration and support of her peers and teachers. This idiom also tells us that true talent and hard work are appreciated, and they can be a source of inspiration for everyone.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग नकारात्मक रूप में भी किया जा सकता है?

हां, कभी-कभी यह मुहावरा नकारात्मक रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, जैसे किसी की कमियों को छिपाने के लिए।

इस मुहावरे का उपयोग किस संदर्भ में किया जाता है?

यह मुहावरा अक्सर किसी की तारीफ करते समय या किसी की गलती को छिपाने के लिए उपयोग किया जाता है।

क्या है “तारीफ के पुल बाँधना” मुहावरा का अर्थ?

“तारीफ के पुल बाँधना” मुहावरा का अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या उसकी उपेक्षा करना।

यह मुहावरा किस प्रकार के वाक्यों में प्रयोग हो सकता है?

इस मुहावरे को प्रशंसा करते हुए या नकारात्मक संदेश छिपाते हुए वाक्यों में प्रयोग किया जा सकता है।

इस मुहावरे का प्रयोग किस भाषा में होता है?

यह मुहावरा हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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