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खून का प्यासा मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Khoon Ka Pyasa)

अर्थ: “खून का प्यासा” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी के प्रति अत्यधिक क्रोध या प्रतिशोध भावना होना। जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक क्रुद्ध होता है और उसका मन किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए करता है, तो उसे ‘खून का प्यासा’ कहा जाता है।

उदाहरण: -> राज अपने प्रतिद्वंद्वी से इतना नाराज था कि वह उसका खून का प्यासा हो गया।

-> जब राम ने सुना कि उसके भाई को किसी ने मारा, वह उस आदमी का खून का प्यासा हो गया।

वाक्य में प्रयोग: मुझे लगा कि अजय मुझे देखकर खून का प्यासा हो गया, क्योंकि मैंने उसकी सलाह नहीं मानी।

विचार: यह मुहावरा हमें यह दर्शाता है कि कितना भी क्रोध हो, हिंसा और प्रतिशोध भावना से कोई भी समस्या हल नहीं होती। असली शौर्य अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में है।

Hindi Muhavare Quiz

खून का प्यासा मुहावरा पर कहानी:

रामपुर गाँव में विजय और समीर दोनों जवान लड़के थे। दोनों का एक ही प्रतिस्पर्धा था – क्रिकेट। विजय गाँव के क्रिकेट टीम का कप्तान था, जबकि समीर उसका प्रतिद्वंद्वी था। दोनों टीमें हर साल एक महामुकाबला खेलती थीं।

एक साल, महामुकाबले के दिन, समीर ने विजय को चोट पहुंचाई, जिससे विजय को मैच में नहीं खेलना पड़ा। समीर की टीम जीत गई और उसने विजय को अपमानित किया। विजय की आँखों में आग भर आई, और वह ‘खून का प्यासा’ बन गया। उसने ठान लिया कि वह समीर से अपनी बेइज्जती का प्रतिशोध लेगा।

महीनों तक विजय अभ्यास करता रहा। उसने अपनी टीम के साथ बहुत मेहनत की और अगले साल के मुकाबले के लिए तैयार हुआ। जब मुकाबले का दिन आया, विजय ने अद्भुत प्रदर्शन किया और समीर की टीम को हराया। उसने समीर को दिखाया कि प्रतिशोध लेने का सही तरीका उसकी मेहनत और प्रतिबद्धता में है, न कि उसे चोट पहुंचाकर।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि जब हमें अन्याय महसूस हो, तो हमें ‘खून का प्यासा’ बनकर प्रतिशोध नहीं लेना चाहिए। बल्कि हमें अपनी मेहनत और संघर्ष से अपनी मजबूती और आत्म-विश्वास दिखाना चाहिए।

शायरी:

खून का प्यासा जो हो जाए,

जीवन में वह संघर्ष पाए।

पर जिसने अपने क्रोध को हारा,

वही दिलों पर राज कर पाया।

 

खून का प्यासा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of खून का प्यासा – Khoon Ka Pyasa Idiom:

Meaning: “Khoon Ka Pyasa” is a popular Hindi idiom, which signifies extreme anger or a desire for revenge towards someone. When someone is very angered and has an inclination to harm another, they are termed as ‘Khoon Ka Pyasa’ in this context.

Examples: -> Raj was so furious with his rival that he became bloodthirsty.

-> When Ram heard that his brother was attacked, he turned bloodthirsty towards the culprit.

Usage in a sentence: I felt that Ajay turned bloodthirsty upon seeing me, because I did not heed his advice

Reflection: This idiom highlights that no matter how angry one gets, violence and revenge are not solutions to any problem. True valor lies in controlling one’s emotions.

I hope you appreciated the insight into the idiom “Khoon Ka Pyasa”. This idiom teaches us to stay away from sentiments of violence and revenge.

Story of Khoon Ka Pyasa idiom in English:

In the village of Rampur, Vijay and Sameer were two young lads. Both had a common rivalry – cricket. Vijay was the captain of the village cricket team, while Sameer was his competitor. Both teams played a grand match every year.

One year, on the day of the grand match, Sameer injured Vijay, preventing him from participating in the game. Sameer’s team won, and he humiliated Vijay. Fire filled Vijay’s eyes, and he became ‘bloodthirsty’ for revenge. He vowed to avenge his dishonor from Sameer.

For months, Vijay practiced diligently. He worked hard with his team and prepared for the match next year. When the day of the contest arrived, Vijay delivered a stellar performance and defeated Sameer’s team. He showed Sameer that the right way to seek revenge is through dedication and commitment, not by inflicting harm.

From this story, we learn that when we feel wronged, we shouldn’t become ‘bloodthirsty’ for revenge. Instead, we should demonstrate our strength and self-belief through hard work and perseverance.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग आधुनिक हिंदी में प्रचलित है?

हां, यह मुहावरा आधुनिक हिंदी में भी प्रचलित है और अक्सर उपयोग में आता है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप में भी हो सकता है?

यह मुहावरा आमतौर पर गंभीर संदर्भों में प्रयोग होता है, व्यंग्यात्मक प्रयोग कम होते हैं।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग साहित्यिक ग्रंथों में भी मिलता है?

हां, यह मुहावरा हिंदी साहित्य की कई रचनाओं में प्रयोग किया गया है, विशेषकर जहां क्रूर और हिंसक चरित्रों का वर्णन किया गया हो।

क्या “खून का प्यासा” मुहावरे की उत्पत्ति का कोई विशेष इतिहास है?

इस मुहावरे की उत्पत्ति का कोई विशेष इतिहास नहीं है, लेकिन यह पुरानी कहानियों और लोककथाओं से प्रचलित हुआ प्रतीत होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल व्यक्तियों के लिए होता है?

ज्यादातर यह मुहावरा व्यक्तियों के संदर्भ में ही प्रयोग किया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे समूह या संगठनों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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