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फलना फूलना, अर्थ, प्रयोग(Falna fulna)

"अभय की दुकान में ग्राहक", "अभय की सफलता का चित्र", "अभय के व्यापार का विकास","गाँव में अभय की प्रसिद्ध दुकान"

“फलना-फूलना” हिंदी में एक लोकप्रिय मुहावरा है, जिसका सीधा संबंध पौधों और वृक्षों के फल और फूल से है। लेकिन जब इसे व्यक्ति या उसके जीवन से जोड़ा जाता है, तो इसका अर्थ होता है सफलता प्राप्त करना या धन-संपत्ति में वृद्धि होना।

अर्थ: “फलना-फूलना” मुहावरे का अर्थ है – समृद्धि में वृद्धि, सफलता पाना या अच्छा होना।

उदाहरण:

-> सुभाष की व्यापारिक समीक्षा बहुत ही अच्छी हुई, और अब उसका व्यापार “फलने -फूलने” लगा है।

-> पश्चिमी भारत में वृष्टि होने पर किसानों की फसलें अच्छी फल-फूल रहीं हैं।

विस्तार: जैसे किसी पौधे की सेहत अच्छी हो, तो वह अधिक फूल और फल देता है, ठीक वैसे ही जब किसी व्यक्ति की मेहनत और कड़ी मेहनत का परिणाम उसे मिलता है, तो हम कहते हैं कि उसका जीवन “फलना-फूलना” लगा है। यह मुहावरा आमतौर पर समृद्धि, सफलता और विकास की भावना को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है।

निष्कर्ष: “फलना-फूलना” हिंदी मुहावरा समृद्धि, सफलता और प्रगति की ओर संकेत करता है। जब किसी व्यक्ति का काम या प्रयास सफल होता है, तो हम कहते हैं कि वह “फलना-फूलना” लगा है। यह मुहावरा हमें यह भी दिखाता है कि सफलता के पीछे कड़ी मेहनत और समर्थन होता है।

फलना-फूलना मुहावरा पर कहानी:

अभय गाँव का एक साधारण लड़का था। उसका सपना था कि वह अपना खुद का व्यापार शुरू करे और उसे सफल बनाए। परंतु, उसके पास शुरुआत के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी।

एक दिन, उसे गाँव के बुजुर्ग से सुनाई गई एक कहानी में उल्लेख हुआ कि “जिसे सच्ची मेहनत और संकल्प शक्ति हो, उसका काम हमेशा ‘फलना-फूलना’ है।”

अभय ने इस बात को अपने जीवन में अपनाया और थोड़ी-थोड़ी पूंजी इकट्ठी की। वह गाँव में छोटा सा दुकान खोला जिसमें वह गाँववालों के लिए जरूरी सामग्री बेचता। उसने सच्ची मेहनत की और अच्छा सेवा प्रदान की।

धीरे-धीरे, अभय की दुकान की प्रशंसा गाँव में होने लगी। वह ज्यादा समान और विविधता में सामग्री बेचने लगा। गाँववाले उसकी दुकान को पसंद करने लगे और उसका व्यापार ‘फलना-फूलना’ लगा।

समय के साथ, अभय ने अपनी दुकान को और भी बड़ा बनाया और अब वह गाँव के सबसे बड़े व्यापारी में से एक बन गया।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची मेहनत, विश्वास और समर्पण से हम अपने जीवन में ‘फल-फूल’ सकते हैं। अभय का संकल्प और कठिनाई में भी उसका आत्मविश्वास उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँचाया।

शायरी:

फलना-फूलना चाहता हूँ जीवन में जैसे गुलाब,

ज़िंदगी के इस सफर में बिना किसी आवाज़ के सबाब।

ख्वाबों में छुपा लूँ मैं अपने दर्द और आरज़ू,

मेरी किताब में लिखा है, हर बार नया मक़ाम जब भी हूँ खुदा के करीब।

 

फलना-फूलना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of फलना-फूलना – Falna fulna Idiom:

“Falna fulna” is a popular idiom in Hindi, directly related to the fruits and flowers of plants and trees. However, when associated with a person or their life, it signifies achieving success or an increase in wealth and prosperity.

Introduction: The phrase “Falna fulna” signifies growth in prosperity, achieving success, or doing well.

Usage:

-> Subhash’s business review went very well, and now his trade has started to “flourish and prosper.”

-> With the rains in western India, farmers’ crops are bearing good fruit and blossoming.

Detail: Just as a healthy plant yields more flowers and fruit, similarly, when someone’s hard work and perseverance pay off, it’s said that their life has begun to “Falna fulna.” This idiom is typically used to express feelings of prosperity, success, and growth.

Conclusion: The idiom “Falna fulna” in Hindi indicates prosperity, success, and progress. When someone’s effort or work succeeds, it’s said that they have begun to “flourish and prosper.” The idiom also emphasizes that behind success, there’s hard work and support.

Story of ‌‌Falna fulna Idiom in Hindi:

Abhay was a simple boy from the village. He dreamt of starting his own business and making it successful. However, he lacked the initial capital to get started.

One day, he heard a story from the village elder that said, “Those who truly work hard and have the power of determination always see their endeavors ‘flourish and prosper’.”

Taking this to heart, Abhay started saving bit by bit. He opened a small shop in the village, where he sold essential items for the villagers. He worked with genuine dedication and provided excellent service.

Gradually, word of Abhay’s shop spread throughout the village. He began offering a broader range of items and more variety. The villagers took a liking to his shop, and his business began to “flourish and prosper.”

Over time, Abhay expanded his shop even further and soon became one of the biggest traders in the village.

This story teaches us that with true hard work, faith, and dedication, we can “bear fruits” in our lives. Abhay’s determination and unwavering confidence, even in the face of challenges, took him to the heights of success.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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