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औकात बसर करना अर्थ, प्रयोग (Aukat basar karna)

“औकात बसर करना” एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है अपनी स्थिति या सामर्थ्य के अनुसार जीवन यापन करना। यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि वह अपनी आर्थिक या सामाजिक स्थिति के हिसाब से ही अपने जीवन शैली को निर्धारित करे।

परिचय: भारतीय समाज में मुहावरे का बहुत महत्व है। यह न केवल भाषा को समृद्ध बनाते हैं बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी सूक्ष्मता से प्रकट करते हैं। “औकात बसर करना” ऐसा ही एक मुहावरा है जो व्यावहारिक ज्ञान और समझदारी की ओर इशारा करता है।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, अपनी स्थिति या सामर्थ्य के अनुरूप जीवन यापन करना। यह व्यक्ति को यह सलाह देता है कि वह अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझे और उसी के अनुसार अपने जीवन की योजनाएं बनाए।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक गार्गी से अधिक खर्च कर रहा हो या अपने सामर्थ्य से बढ़कर जीवनशैली अपना रहा हो।

उदाहरण:

-> विशाल अक्सर महंगी चीजें खरीदता है जबकि उसकी आमदनी सीमित है। उसे चाहिए कि वह ‘औकात बसर करना’ सीखे और अपने खर्चों पर नियंत्रण रखे।

-> गार्गी के पिता ने उसे समझाया कि वह अपनी छात्रवृत्ति के अनुसार ही खर्च करे और ‘औकात बसर करना’ का पालन करे।

निष्कर्ष: ‘औकात बसर करना’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें हमेशा अपनी वित्तीय गार्गीओं का सम्मान करना चाहिए और उसके अनुसार ही जीवन यापन करना चाहिए। यह जीवन की व्यावहारिकता और वित्तीय समझदारी का महत्वपूर्ण पाठ है, जो हमें अनावश्यक समस्याओं से बचाता है और हमारे जीवन को संतुलित बनाए रखता है।

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औकात बसर करना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में सुधीर नाम का एक किसान रहता था। सुधीर बहुत ही साधारण व्यक्ति था, लेकिन उसके सपने बड़े थे। वह हमेशा अमीरों की तरह जीवन जीने की कल्पना करता और उन्हें देखकर खुद को उनकी तरह बनाने की सोचता।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा त्योहार आया। सुधीर ने सोचा कि यह सुनहरा मौका है खुद को सबसे अलग और शानदार दिखाने का। उसने अपनी सारी बचत और कुछ कर्ज लेकर एक महंगी पोशाक और जेवरात खरीदे। त्योहार के दिन वह बहुत खुश था क्योंकि सब उसकी तारीफ कर रहे थे। लेकिन त्योहार खत्म होते ही सुधीर की खुशियाँ भी खत्म हो गईं। उसे अहसास हुआ कि वह कर्ज में डूब गया है और उसके पास अपने खेतों की देखभाल के लिए भी पैसे नहीं हैं।

इसी बीच, उसके पड़ोसी विनीत ने उसे समझाया, “सुधीर, तुम्हें अपनी ‘औकात बसर करना’ सीखना चाहिए। अपनी सामर्थ्य के अनुसार जीना ही सबसे बड़ी समझदारी है।” सुधीर ने विनीत की बात समझी और उसने फैसला किया कि वह आगे से अपनी क्षमता के अनुसार ही जीवन यापन करेगा। धीरे-धीरे उसने अपना कर्ज चुकाया और साधारण जी

वन जीने की खुशियों को महसूस किया। उसने सीखा कि असली संतुष्टि और खुशी बड़े दिखावे में नहीं, बल्कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार जीवन जीने में है।

सुधीर की कहानी हमें यह सिखाती है कि “औकात बसर करना” का अर्थ है अपनी वास्तविक स्थिति को समझना और उसी के अनुरूप जीवन जीना। यह हमें यह भी बताता है कि जीवन में सच्ची खुशियाँ और संतोष तब ही मिलता है जब हम अपनी सीमाओं को पहचानते हैं और उनके भीतर ही अपनी जिंदगी को संवारते हैं।

शायरी:

जिन्दगी की राहों में यह सबक सीखा है,
अपनी औकात में रहना एक फन सीखा है।
ख्वाब बुने हैं बस वही, जो हकीकत में ढल सकें,
उम्मीदों के आसमां में, हमने सितारों को चुना है।

जिसने भी खुद को पहचाना, वही सिकंदर कहलाया,
जो अपनी हद में रहकर जीता, उसने जहाँ भी पाया।
ज़िन्दगी की इस बाज़ी में, हर कदम पे इम्तिहान है,
अपनी औकात में जीना ही, असल में इंसान की शान है।

दौलत और शोहरत की इस दुनिया में,
सच्चाई का दामन थामे, एक अलग पहचान बनाना।
‘औकात बसर करना’ ही तो, जिंदगी का सबसे बड़ा गहना है,
इसी में समझदारी है, इसी में जीवन का सपना है।

 

औकात बसर करना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of औकात बसर करना – Aukat basar karna Idiom:

“औकात बसर करना” is a Hindi idiom meaning to live life according to one’s status or capability. This idiom is often used in situations where a person is advised to align their lifestyle with their economic or social status.

Introduction: Idioms play a significant role in Indian society. They not only enrich the language but also subtly reflect various aspects of life. “औकात बसर करना” is one such idiom that indicates practical wisdom and sensibility.

Meaning: The literal meaning of this idiom is to live life in accordance with one’s status or capability. It advises individuals to understand their economic and social status and plan their life accordingly.

Usage: This idiom is commonly used when a person is spending more than their financial means or adopting a lifestyle beyond their capability.

Example:

-> Vishal often buys expensive items even though his income is limited. He should learn to ‘औकात बसर करना’ and control his expenses.

-> Gargi’s father advised her to spend according to her scholarship and follow the principle of ‘औकात बसर करना’.

Conclusion: The idiom ‘औकात बसर करना’ teaches us to always respect our financial limits and live life accordingly. It is an important lesson in practicality and financial prudence, protecting us from unnecessary problems and maintaining balance in our lives.

Story of ‌‌Aukat basar karna Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a farmer named Sudhir. Sudhir was a very ordinary person, but his dreams were big. He always fantasized about living a life like the rich and often thought of making himself like them upon seeing them.

One day, a big festival arrived in the village. Sudhir thought this was a golden opportunity to show himself as unique and magnificent. He spent all his savings and even borrowed some money to buy an expensive outfit and jewelry. On the day of the festival, he was very happy as everyone was praising him. However, as soon as the festival ended, Sudhir’s happiness also faded away. He realized that he was drowned in debt and did not have enough money even to take care of his fields.

Meanwhile, his neighbor Vineet explained to him, “Sudhir, you should learn to ‘live within your means’. Living according to your capability is the greatest wisdom.” Sudhir understood Vineet’s words and decided that he would henceforth live his life according to his capacity. Gradually, he paid off his debt and experienced the joys of living a simple life. He learned that real satisfaction and happiness do not lie in grandeur, but in living life according to one’s capability.

Sudhir’s story teaches us that “living within your means” means understanding your real situation and living life accordingly. It also tells us that true happiness and contentment in life come only when we recognize our limits and shape our lives within them.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या ‘औकात बसर करना’ का उपयोग उपहास के लिए भी हो सकता है?

हां, कभी-कभी लोग इस मुहावरे को उपहास के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन यह उपयोग उदाहरणात्मक होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग व्यक्तिगत जीवन में होता है?

हां, ‘औकात बसर करना’ का उपयोग व्यक्तिगत जीवन में भी होता है, जैसे किसी को अपनी सीमाओं में रहने की या अपने स्थिति को समझने की सीख देने के लिए।

क्या है ‘औकात बसर करना’ का अर्थ?

औकात बसर करना’ का अर्थ होता है किसी व्यक्ति की स्थिति या दर्जा को समझना और उसके अनुसार व्यवहार करना।

इस मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है?

यह मुहावरा आमतौर पर किसी के असली या सामाजिक स्थिति को समझने या स्वीकार करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

क्या ‘औकात बसर करना’ का उपयोग नकारात्मक होता है?

नहीं, यह मुहावरा नकारात्मक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सच्चाई और अनुशासन की एक अच्छी उपलब्धि को स्वीकार करने का तरीका है।

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