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ठोकर खाना, अर्थ, प्रयोग(Thokar khana)

परिचय: हर भाषा और संस्कृति में कुछ ऐसे शब्द और वाक्यांश होते हैं जो उस संस्कृति की गहराई और समृद्धि को दर्शाते हैं। हिंदी में मुहावरे भी इसी प्रकार की संस्कृति की अद्वितीयता को प्रकट करते हैं। आज हम “ठोकर खाना” इस मुहावरे पर चर्चा करेंगे।

अर्थ: “ठोकर खाना” का अर्थ होता है किसी प्रकार की हानि या नुकसान का सामना करना। यह मुहावरा आमतौर पर किसी असफलता, धोखा या अनावश्यक परेशानी को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है।

उदाहरण:

-> व्यापार में नुकसान होने पर – “मैंने अपने नए व्यापार में भारी ठोकर खाई।”

-> किसी धोखाधड़ी में पड़ने पर – “अभय अपने दोस्त के झूठे वादे में आकर ठोकर खा बैठा।”

-> असफलता में – “परीक्षा में असफल होने पर अनुज को लगा कि उसने जीवन की सबसे बड़ी ठोकर खाई है।”

विशेष टिप्पणी: हर ठोकर से हमें कुछ न कुछ सिखने को मिलता है। इसलिए, अगर आप भी कभी ठोकर खाएं, तो उसे अनुभव के रूप में लें और उससे सिखें।

निष्कर्ष: “ठोकर खाना” एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है जो व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इस मुहावरे के जरिए हम समझ सकते हैं कि जीवन में हर किसी को कभी न कभी ठोकर खानी ही पड़ती है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम उस ठोकर से कितना सिखते हैं और अगले कदम कैसे बढ़ाते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

ठोकर खाना मुहावरा पर कहानी:

अनुज एक साधारण सा आदमी था जिसने हाल ही में अपना व्यापार शुरू किया था। वह मोबाइल फोन की दुकान खोलने का सोच रहा था। उसके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी, इसलिए उसने अपने मित्र विकास से ऋण लिया। विकास ने उसे पैसा दिया और अनुज ने अपनी दुकान खोल दी।

शुरुवात में सब कुछ ठीक था, लेकिन जल्द ही अनुज को समझ में आया कि उसने बिना किसी अनुभव या तैयारी के व्यापार शुरू किया। उसने अधिक मात्रा में स्टॉक खरीद लिया था और वह अधिक मुद्रा में वसूल नहीं हो रही थी।

एक दिन, एक व्यक्ति अनुज के पास आया और उससे बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन खरीदने की बात की। वह व्यक्ति अनुज को एक बड़े आदान-प्रदान की आशा दिखाई और अनुज उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। लेकिन जब समय आया तो वह व्यक्ति पैसा देने के बजाय गायब हो गया। अनुज ने उस व्यक्ति पर भरोसा किया और अब वह धोखा खा गया।

अनुज ने अपनी गलतियों को समझा और समझा कि वह जीवन की एक बड़ी ठोकर खा चुका है। उसने समझा कि व्यापार में सिर्फ पैसे ही सब कुछ नहीं होते, अनुभव और सही जानकारी भी जरूरी है।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हमें कई बार ठोकरें खानी पड़ती हैं, लेकिन हर ठोकर हमें कुछ नया सिखाती है। धोखा खाने या नुकसान होने पर भी हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए, बल्कि हमें उससे सिखकर आगे बढ़ना चाहिए।

शायरी:

जिंदगी के रंग में ठोकरें ही तो चर्चा लाई हैं,

हर धोखे में एक दर्द, हर दर्द में एक आहंग पाई हैं।

आसानी से जो पाया, वो मोहब्बत नहीं होती,

ठोकरों से ही तो जीवन की गहराई जानी हैं।

आंखों में जज्बात के मोती सजाए फिरते हैं,

जिंदगी तो अक्सर अजनबी ठोकरें दिखाई हैं।

 

ठोकर खाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ठोकर खाना – Thokar Khana Idiom:

Introduction: Every language and culture have certain words and phrases that reflect the depth and richness of that culture. In Hindi, idioms, known as “muhavare,” serve to showcase this unique cultural richness. Today, we will discuss the idiom “ठोकर खाना” (Thokar Khana).

Meaning: “ठोकर खाना” (Thokar Khana) translates to facing some kind of harm or loss. It is commonly used to denote a setback, deceit, or an unforeseen inconvenience.

Examples:

-> In the context of a business loss – “I faced a major setback in my new venture.” 

-> When deceived – “Abhay was cheated after believing his friend’s false promises.” 

-> In failure – “After failing the exam, Anuj felt he has faced the biggest setback of his life.”

Special Note: Every setback teaches us something. Therefore, if you ever face a “thokar,” consider it a learning experience and grow from it.

Conclusion: “ठोकर खाना” (Thokar Khana) is an ancient Hindi idiom that reflects the ups and downs in a person’s life. Through this idiom, we understand that everyone faces setbacks in life at some point or the other. What’s crucial is what we learn from these setbacks and how we proceed thereafter.

Story of ‌‌Thokar Khana Idiom in English:

Anuj was an ordinary man who had recently started his own business. He was considering opening a mobile phone store. However, he didn’t have enough capital, so he borrowed money from his friend, Vikas. Vikas lent him the money, and Anuj went ahead and opened his store.

In the beginning, everything seemed fine, but soon Anuj realized he had jumped into the business without any prior experience or preparation. He had overstocked his inventory, and the returns on his investments were not as he had anticipated.

One day, a man approached Anuj, expressing interest in buying mobile phones in bulk. This man gave Anuj hopes of a significant deal, and Anuj readily accepted the offer. However, when the time came for the payment, the man disappeared without a trace. Anuj had trusted the individual and ended up being deceived.

Reflecting on his actions, Anuj understood that he had faced a significant setback in life. He realized that in business, it’s not just about money; experience and the right knowledge are equally important.

From this story, we learn that in life, we often face setbacks. However, every setback teaches us something new. Even when deceived or facing losses, we should not lose hope. Instead, we should learn from our experiences and move forward.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“ठोकर खाना” मुहावरे का अंग्रेजी में क्या अनुवाद होता है?

इस मुहावरे का अंग्रेजी में अनुवाद “to stumble” या “to face setbacks” होता है, जो जीवन में असफलताओं या बाधाओं का सामना करने को दर्शाता है।

क्या “ठोकर खाना” मुहावरे का कोई आधुनिक संदर्भ है?

हाँ, आधुनिक संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्तिगत या पेशेवर जीवन में आने वाली असफलताओं और चुनौतियों को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है।

“ठोकर खाना” मुहावरे से हमें क्या सीखने को मिलता है?

इस मुहावरे से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में असफलताएँ और चुनौतियाँ अनिवार्य हैं, लेकिन हमें उनसे सीखने और आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

“ठोकर खाना” मुहावरे का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

यह मुहावरा समाज में यह संदेश देता है कि असफलताओं और चुनौतियों को जीवन के अनिवार्य हिस्से के रूप में स्वीकार करना चाहिए और उनसे उबरने की कोशिश करनी चाहिए।

क्या “ठोकर खाना” मुहावरे का कोई ऐतिहासिक महत्व है?

इस मुहावरे का कोई विशेष ऐतिहासिक महत्व तो नहीं है, लेकिन यह लंबे समय से भारतीय समाज में प्रचलित है और जीवन की असफलताओं और चुनौतियों के प्रति व्यक्तियों के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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