ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय, अर्थ, प्रयोग (Jyun-jyun bhije kamri, Tyun-tyun bhari hoye)
परिचय: “ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि जैसे-जैसे मिट्टी की
परिचय: “ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि जैसे-जैसे मिट्टी की
परिचय: “झड़बेरी के जंगल में बिल्ली शेर” एक लोकप्रिय हिंदी कहावत है जो यह दर्शाती है कि छोटे या सीमित
परिचय: “झूठ के पांव नहीं होते” एक लोकप्रिय हिंदी कहावत है, जो यह बताती है कि झूठ, चाहे कितना भी
परिचय: “झूठ बोलने में सरफ़ा क्या” एक हिंदी कहावत है जो यह बताती है कि झूठ बोलने में किसी प्रकार
परिचय: हिंदी कहावत “झूठे को घर तक पहुँचाना चाहिए” विवाद या तर्क-वितर्क के संदर्भ में प्रयुक्त होती है। इस कहावत
परिचय: “टंटा विष की बेल है” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जो झगड़ों और विवादों के नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश
परिचय: “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” एक प्राचीन हिंदी कहावत है, जिसका उपयोग प्रायः धर्म और कर्मकांड के
परिचय: “ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो, त्यों-त्यों दुम सिकुड़े” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ यह है कि जैसे-जैसे आय
परिचय: “ज्यों नकटे को आरसी, होत दिखाए क्रोध” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि जब किसी
परिचय: “झगड़े की तीन जड़, जन, जमीन, जर” एक प्राचीन हिंदी कहावत है जो कहती है कि दुनिया में अधिकांश
परिचय: हिंदी कहावत “झट मँगनी पट ब्याह” का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहां कोई काम या
परिचय: “झटपट की धानी, आधा तेल आधा पानी” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जो जल्दबाजी में किए गए काम की
परिचय: “जोगी जुगत जानी नहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि केवल
परिचय: “जोगी जोगी लड़ पड़े, खप्पड़ का नुकसान” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि जब बड़े लोग
परिचय: “जोरू चिकनी मियाँ मजूर” एक पारंपरिक हिंदी कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि पत्नी सुंदर हो सकती है,
जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी शायरी
परिचय: “जोरू न जांता, अल्लाह मियां से नाता” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका आशय है कि जिस व्यक्ति का
परिचय: “जोगी काके मीत, कलंदर किसके भाई” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि जोगी या संन्यासी किसी
परिचय: जो सुख छज्जू के चौबारे में, सो न बलख बुखारे में, यह कहावत अपने घर के सुख और आनंद
परिचय: “जो बोले सो कुंडा खोले” यह हिंदी की एक पारंपरिक कहावत है, जो कार्य और जिम्मेदारी के बीच के