Budhimaan

Kahavaten

ज्यों-ज्यों भीजै कामरी की प्रतीकात्मक तस्वीर, कर्ज के बोझ का चित्रण, वित्तीय संकट की छवि, आर्थिक चुनौतियों का चित्रांकन

ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय, अर्थ, प्रयोग (Jyun-jyun bhije kamri, Tyun-tyun bhari hoye)

परिचय: “ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि जैसे-जैसे मिट्टी की

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ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो कहावत की प्रतीकात्मक छवि, आर्थिक सावधानी का चित्रण, मितव्ययिता की महत्वपूर्ण अवधारणा, बढ़ती आय और खर्च नियंत्रण की छवि

ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो, त्यों-त्यों दुम सिकुड़े, अर्थ, प्रयोग (Jyun-jyun murgi moti ho, Tyun-tyun dum sikude)

परिचय: “ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो, त्यों-त्यों दुम सिकुड़े” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ यह है कि जैसे-जैसे आय

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