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जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी, अर्थ, प्रयोग(Joru tatole gathri, Maa tatole antadi)

परिचय: “जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका आशय है कि पत्नी अपने पति की संपत्ति और धन की चिंता करती है, जबकि माँ अपने बेटे की सेहत और भूख की। यह कहावत दो अलग-अलग रिश्तों की प्राथमिकताओं को दर्शाती है।

अर्थ: इस कहावत का मतलब है कि एक पत्नी अपने पति के आर्थिक संसाधनों में रुचि रखती है, जबकि एक माँ की पहली चिंता उसके बेटे की भौतिक और शारीरिक भलाई होती है।

उपयोग: यह कहावत आमतौर पर तब प्रयोग की जाती है जब पारिवारिक संबंधों और उनमें निहित प्राथमिकताओं की चर्चा होती है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक व्यक्ति अपने काम से थक कर घर आता है। उसकी पत्नी उससे पहला सवाल करती है कि उसने आज कितना कमाया, जबकि उसकी माँ उसके खाने और स्वास्थ्य की जाँच करती है।

समापन: “जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी” कहावत हमें बताती है कि पारिवारिक रिश्तों में विभिन्न लोगों की प्राथमिकताएं और चिंताएं अलग-अलग होती हैं। यह हमें रिश्तों की गहराई और उनमें निहित मूल्यों को समझने की ओर प्रेरित करती है।

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जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी कहावत पर कहानी:

एक छोटे शहर में विकास नामक एक युवक रहता था। वह शहर से दूर एक बड़ी कंपनी में काम करता था। उसकी माँ और पत्नी शहर में ही रहती थीं।

एक दिन, विकास ने अचानक अपने घर वापस आने का फैसला किया। उसकी पत्नी अंजलि और माँ दोनों उसके आने की खबर से खुश हुईं।

जब विकास घर पहुंचा, अंजलि ने पहला सवाल यह किया कि उसने इस महीने कितनी कमाई की। वहीं, उसकी माँ ने पहले उसे गले लगाया और फिर पूछा कि उसने रास्ते में खाना खाया या नहीं।

विकास ने महसूस किया कि उसकी माँ की चिंता उसके स्वास्थ्य और भूख की ओर थी, जबकि अंजलि की प्राथमिकता उसकी कमाई थी। यह ठीक “जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी” कहावत के अनुरूप था।

इस कहानी के माध्यम से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में अलग-अलग रिश्तों की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं। एक माँ का प्यार और चिंता हमेशा अपने बच्चे की भलाई के प्रति होती है, जबकि एक पत्नी अपने पति की आर्थिक स्थिरता की ओर देखती है।

शायरी:

जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी,

एक चाहे दौलत, दूजी की चिंता बरकरार।

माँ की ममता में बसती, बच्चे की हर भूख,

पत्नी ढूंढती रहती, पति की जेब का सुख।

एक की आँखों में बसी, प्यार की भूख,

दूजे की नज़र में छिपी, दुनिया की जरूरत की खोज।

माँ की दुआओं में छुपा, बच्चे का हर सुकून,

पत्नी की आशाओं में बसा, धन-दौलत का जूनून।

माँ का प्यार अनमोल, नहीं कोई तोल,

पत्नी की चाहत में बसती, दुनिया की ये रोल।

जोरू की चाहत में चमकता, सोने का हार,

माँ के प्यार में मिलता, जीवन का आधार।

 

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी – Joru tatole gathri, Maa tatole antadi Proverb:

Introduction: “Joru tatole gathri, Maa tatole antadi” is a prevalent Hindi proverb, implying that a wife is concerned about her husband’s wealth and finances, while a mother is concerned about her son’s health and hunger. This proverb illustrates the different priorities in two distinct relationships.

Meaning: The proverb means that a wife is interested in her husband’s financial resources, while a mother’s primary concern is her son’s physical and material well-being.

Usage: This proverb is commonly used when discussing family relationships and the inherent priorities within them.

Examples:

-> Imagine a man returning home tired from work. His wife’s first question is about how much he earned that day, while his mother checks if he has eaten and inquires about his health.

Conclusion: The proverb “जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी” tells us that in family relationships, different people have different priorities and concerns. It encourages us to understand the depth and inherent values in relationships.

Story of Joru tatole gathri, Maa tatole antadi Proverb in English:

In a small town lived a young man named Vikas, who worked in a large company far from the city. His mother and wife resided in the town.

One day, Vikas suddenly decided to return home. Both his wife, Anjali, and his mother were happy to hear of his return.

When Vikas reached home, Anjali’s first question was about how much he had earned that month. Meanwhile, his mother first hugged him and then asked if he had eaten on the way.

Vikas realized that his mother was concerned about his health and hunger, whereas Anjali was primarily interested in his earnings. This was in line with the proverb “जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी.”

This story teaches us that different relationships in life have different priorities. A mother’s love and concern are always for her child’s well-being, while a wife looks towards her husband’s financial stability.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का आज के समय में क्या महत्व है?

आधुनिक समय में इस कहावत का महत्व यह है कि यह रिश्तों में विभिन्न भूमिकाओं और प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

क्या इस कहावत का सामाजिक जीवन पर भी कोई प्रभाव पड़ता है?

हाँ, इस कहावत का सामाजिक जीवन पर प्रभाव यह है कि यह समाज में विभिन्न रिश्तों की प्राथमिकताओं और देखभाल के तरीकों को उजागर करती है।

इस कहावत को लिंग भूमिकाओं के संदर्भ में कैसे देखा जा सकता है?

लिंग भूमिकाओं के संदर्भ में यह कहावत पारंपरिक भूमिकाओं को दर्शाती है, जहां माँ और पत्नी की भूमिकाएँ उनके देखभाल करने के तरीके में परिलक्षित होती हैं।

क्या इस कहावत का सामाजिक नैतिकता और मूल्यों पर कोई प्रभाव पड़ता है?

हाँ, इस कहावत का सामाजिक नैतिकता और मूल्यों पर प्रभाव यह है कि यह समाज में महिलाओं की भूमिकाओं और उनके द्वारा किए जाने वाले त्याग और देखभाल के महत्व को दर्शाती है।

क्या इस कहावत को आधुनिक समाज में बदलती भूमिकाओं के संदर्भ में समझा जा सकता है?

हाँ, आधुनिक समाज में बदलती भूमिकाओं के संदर्भ में इस कहावत को यह दर्शाते हुए समझा जा सकता है कि अब पुरुष और महिलाएँ दोनों ही घर और बाहर दोनों जगहों पर विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं।

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