जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम, अर्थ, प्रयोग (Jo Tattoo jite sangram, To kyun kharchen turki daam)
“जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम” यह हिंदी की एक प्रचलित कहावत है, जिसका संदर्भ है कि
“जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम” यह हिंदी की एक प्रचलित कहावत है, जिसका संदर्भ है कि
परिचय: “जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है” यह हिंदी की एक प्राचीन कहावत
परिचय: “जो धन दीखे जात, आधा दीजे बाँट” यह हिंदी की एक प्राचीन कहावत है, जो वित्तीय संयम और विवेकपूर्ण
परिचय: “जो धावे सो पावे, जो सोवे सो खोवे” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है जो कर्म और प्रयत्न की महत्ता
परिचय: “जो पूत दरबारी भए, देव पितर सबसे गए” यह हिंदी की एक पारंपरिक कहावत है, जो व्यक्ति की सामाजिक
“जो गुड़ खाय वही कान छिदावे” यह एक प्रचलित हिंदी कहावत है जो जीवन के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत को दर्शाती
“जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि यदि
“जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच” यह हिंदी की एक
“जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई” यह हिंदी की एक प्रचलित कहावत है, जिसका अर्थ है
“जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” यह एक हिंदी कहावत है, जिसका संबंध वित्तीय सतर्कता और लेखा-जोखा
“जो गंवार पिंगल पढ़ै, तीन वस्तु से हीन, बोली, चाली, बैठकी, लीन विधाता छीन” यह हिंदी की एक प्रचलित कहावत
परिचय: “जैसी चले बयार, तब तैसी दीजे ओट” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जो समयानुकूल व्यवहार और निर्णयों के महत्व
परिचय: “जैसी औढ़ी कामली वैसा ओढ़ा खेश” एक पारंपरिक हिंदी कहावत है, जो व्यक्ति की स्थिति या क्षमता के अनुसार
“जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत” यह एक प्रचलित हिंदी कहावत है। इस कहावत का अर्थ है कि जैसा व्यवहार
“जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” यह हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति को
“जैसे को तैसा मिले, मिले डोम को डोम, दाता को दाता मिले, मिले सूम को सूम” यह एक प्रचलित हिंदी
“जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार” यह एक हिंदी कहावत है जिसका अर्थ है कि जैसा व्यक्ति स्वयं
“जैसा कन भर वैसा मन भर” एक लोकप्रिय हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ अक्सर इस रूप में व्याख्यायित किया जाता
“जैसा काछ काछे वैसा नाच नाचे” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपने पहनावे या
“जैसा तेरा ताना-बाना वैसी मेरी भरनी” यह हिंदी कहावत व्यक्ति के व्यवहार और उसके प्रतिफल के संबंध को दर्शाती है।