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जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की, अर्थ, प्रयोग (Jo kare likhne mein galti, Uski thaili hogi halki)

“जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” यह एक हिंदी कहावत है, जिसका संबंध वित्तीय सतर्कता और लेखा-जोखा में सावधानी से है। यह कहावत विशेष रूप से उन स्थितियों के लिए प्रयोग की जाती है जहां लेखा-जोखा में गलती करने से आर्थिक हानि हो सकती है।

परिचय: व्यापार और वित्तीय लेन-देन में लेखा-जोखा का सही तरीके से रखा जाना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस कहावत का उपयोग तब होता है जब लेखा-जोखा में गलतियां करने के परिणामों की चेतावनी दी जाती है।

अर्थ: इस कहावत का सामान्य अर्थ है कि यदि कोई व्यापार या वित्तीय लेखा-जोखा में गलती करता है, तो उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह व्यापारिक सावधानी और सटीकता की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग आमतौर पर व्यापारिक या वित्तीय संदर्भ में होता है, जहां सटीकता और सावधानी बहुत जरूरी होती है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक व्यापारी ने अपने खातों में गलती की और उसे बाद में अपने ग्राहकों और आपूर्तिकर्ताओं को अधिक पैसे देने पड़े। इस स्थिति में “जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” कहावत का प्रयोग किया जा सकता है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि व्यापार और वित्तीय लेन-देन में सटीकता और सावधानी अत्यंत आवश्यक हैं। लेखा-जोखा में थोड़ी सी भी गलती बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है।

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जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे शहर में सुभाष नाम का एक व्यापारी रहता था। सुभाष एक सफल व्यापारी था और उसका कारोबार अच्छा चल रहा था। लेकिन सुभाष को अपने खातों की बुक कीपिंग में रुचि नहीं थी, इसलिए वह इस काम को हमेशा टालता रहता था।

एक दिन, सुभाष ने अपने खातों की समीक्षा करने का निर्णय लिया। जब उसने अपने खातों को देखा, तो उसे पता चला कि उसके कर्मचारियों ने कई गलतियां की हैं। गलतियों की वजह से उसके खातों में कई लेन-देन गलत दर्ज किए गए थे, जिसकी वजह से सुभाष को बड़ा नुकसान हो गया।

इस घटना से सुभाष बहुत दुखी हुआ और उसने समझा कि “जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” कहावत का क्या महत्व है। उसने महसूस किया कि लेखा-जोखा में लापरवाही उसके व्यापार के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।

इस अनुभव के बाद, सुभाष ने अपने खातों की देखभाल में और अधिक सावधानी बरतने का निर्णय लिया। उसने एक प्रोफेशनल अकाउंटेंट को नियुक्त किया और सुनिश्चित किया कि उसके खातों का सही ढंग से रख-रखाव हो। इस बदलाव ने उसके व्यापार में स्थिरता लाई और सुभाष ने फिर से अपने व्यापार को सफलता की ओर अग्रसर किया।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि व्यापार में सावधानी और सटीकता कितनी महत्वपूर्ण हैं। एक छोटी सी गलती भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है, इसलिए लेखा-जोखा की सही देखभाल और समय पर समीक्षा अत्यंत आवश्यक है।

शायरी:

जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की,

जीवन की इस बाजी में, हर गलती का अपना मोल है।

लिखते हाथ जब डगमगाए, तो सपने भी डोलें,

गलतियों की ये कहानी, हर व्यापारी की भूल है।

हर अंक का मोल होता है, जब हिसाब में भूल जाए,

लापरवाही की ये डगर, अक्सर नुकसान का रास्ता बन जाए।

थैली की ये हल्कापन, सीख देता हर बार,

जिंदगी की इस किताब में, हर गलती का हिसाब सार।

अपने हर शब्द, हर अंक को संभाले रखिए,

जो गलतियों से सीखे, वही सफलता के पथ पर चले।

 

जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की – Jo kare likhne mein galti, Uski thaili hogi halki Proverb:

“Jo kare likhne mein galti, Uski thaili hogi halki” is a Hindi proverb related to financial vigilance and accuracy in accounting. This proverb is particularly used in situations where mistakes in accounting can lead to financial loss.

Introduction: Accurate bookkeeping in business and financial transactions is crucial. This proverb is used to warn about the consequences of making errors in accounting.

Meaning: The general meaning of this proverb is that if someone makes a mistake in business or financial accounting, they may suffer financial losses. It highlights the importance of caution and precision in business.

Usage: This proverb is commonly used in business or financial contexts where accuracy and caution are essential.

Examples:

-> Suppose a merchant makes a mistake in his accounts and later has to pay more to his customers and suppliers. In this situation, the proverb “जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” can be applied.

Conclusion: This proverb teaches us that accuracy and caution are extremely necessary in business and financial transactions. Even a small mistake in accounting can lead to significant financial losses.

Story of Jo kare likhne mein galti, Uski thaili hogi halki Proverb in English:

Once, there was a merchant named Subhash in a small town. Subhash was a successful businessman, and his business was doing well. However, Subhash was not interested in bookkeeping for his accounts, so he always postponed this task.

One day, Subhash decided to review his accounts. Upon checking, he discovered that his employees had made several mistakes. Due to these errors, many transactions in his accounts were recorded incorrectly, leading to significant losses for Subhash.

Distressed by this event, Subhash realized the importance of the proverb “जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की” (Those who make mistakes in writing, will find their wallets lighter). He understood that negligence in accounting could pose a great risk to his business.

After this experience, Subhash decided to be more cautious with his accounts. He appointed a professional accountant and ensured that his accounts were properly maintained. This change brought stability to his business, and Subhash steered his business back towards success.

This story teaches us the importance of caution and accuracy in business. Even a small mistake can lead to significant losses, making proper care and timely review of accounts extremely crucial.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का शिक्षा क्षेत्र में क्या उपयोग हो सकता है?

शिक्षा क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग यह बताने में हो सकता है कि छात्रों को अपने अध्ययन में सावधानी बरतनी चाहिए।

इस कहावत के अनुसार, छोटी गलतियों का क्या प्रभाव हो सकता है?

छोटी गलतियों का प्रभाव भी बड़ा हो सकता है, जैसा कि इस कहावत से संकेत मिलता है।

इस कहावत के अनुसार, छोटी गलतियों का क्या प्रभाव हो सकता है?

छोटी गलतियों का प्रभाव भी बड़ा हो सकता है, जैसा कि इस कहावत से संकेत मिलता है।

इस कहावत का समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

समाज पर इस कहावत का प्रभाव यह हो सकता है कि यह लोगों को अपने काम में जिम्मेदार और सतर्क रहने की प्रेरणा देती है।

इस कहावत का नैतिक शिक्षा में क्या महत्व है?

नैतिक शिक्षा में इस कहावत का महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमारे कार्यों के परिणाम होते हैं और हमें उनके प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।

यह कहावत किस प्रकार के लोगों को प्रेरित कर सकती है?

यह कहावत उन लोगों को प्रेरित कर सकती है जो अपने कार्यों में अधिक सावधानी और सटीकता बरतना चाहते हैं।

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