Budhimaan

Home » Kahavaten » जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे विदेश, अर्थ, प्रयोग (Jaise Kanta ghar rahe waise rahe videsh)

जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे विदेश, अर्थ, प्रयोग (Jaise Kanta ghar rahe waise rahe videsh)

“जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” यह हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपने घर और विदेश में समान व्यवहार करना चाहिए। इस कहावत का इस्तेमाल आमतौर पर उस संदर्भ में किया जाता है जब व्यक्ति अपने घर और बाहरी जगह में भिन्न व्यवहार करता है।

परिचय: “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” एक भारतीय मुहावरा है जो व्यक्ति के व्यवहार की स्थिरता पर जोर देता है। यह कहावत व्यक्तिगत आचरण और ईमानदारी के महत्व को दर्शाती है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि एक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने घर में और विदेश में एक समान व्यवहार करे। यह सिखाता है कि चाहे कोई अपने घर में हो या किसी अन्य स्थान पर, उसका आचरण समान होना चाहिए।

उपयोग: यह कहावत तब इस्तेमाल की जाती है जब व्यक्ति अपने घर और बाहरी जगहों पर भिन्न व्यवहार दिखाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति को हर जगह एक समान और संतुलित व्यवहार करना चाहिए।

उदाहरण:

-> यदि कोई व्यक्ति अपने घर में बहुत सज्जन और विनम्र होता है, लेकिन बाहरी जगहों पर असभ्य और अनुचित व्यवहार करता है, तो यह कहावत उसे यह याद दिलाती है कि उसे हर जगह एक समान व्यवहार करना चाहिए।

समापन: “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” कहावत हमें सिखाती है कि एक सज्जन और ईमानदार व्यक्ति का व्यवहार हर जगह समान होना चाहिए। यह व्यक्ति के चरित्र की स्थिरता और एकरूपता को महत्व देती है। इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने व्यवहार में एकरूपता और सज्जनता बनाए रखनी चाहिए, चाहे हम कहीं भी हों।

Hindi Muhavare Quiz

जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक गांव में विकास नाम का एक युवक रहता था। विकास अपने घर में बहुत ही विनम्र और दयालु व्यक्ति था। वह अपने माता-पिता और पड़ोसियों का बहुत सम्मान करता था और हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहता था।

एक दिन, विकास को अपने काम के सिलसिले में एक बड़े शहर में जाना पड़ा। वहां पहुँचकर, विकास का व्यवहार बिलकुल बदल गया। वह अपने सहकर्मियों और आस-पड़ोस के लोगों के साथ अक्सर रूखा और अहंकारी व्यवहार करता। उसने सोचा कि चूंकि यहां कोई उसे नहीं जानता, इसलिए उसका व्यवहार कोई मायने नहीं रखता।

कुछ समय बाद, विकास को एक महत्वपूर्ण काम से अपने गांव वापस जाना पड़ा। गांव वापस आकर उसने फिर से अपना सहयोगी और दयालु स्वभाव दिखाना शुरू कर दिया। लेकिन इस बार, उसके गांव के लोगों ने उसके शहर में अहंकारी व्यवहार के बारे में सुन लिया था। उन्होंने विकास को समझाया कि “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” अर्थात चाहे घर हो या विदेश, व्यक्ति का व्यवहार समान और सज्जन होना चाहिए।

इस घटना से विकास को एक बड़ा सबक मिला। उसने समझा कि चरित्र की एकरूपता महत्वपूर्ण है और इसके लिए वह जहां भी रहे, उसे अपने व्यवहार में स्थिरता और सज्जनता बनाए रखनी चाहिए। इसके बाद, विकास ने अपने आचरण में सुधार किया और हर जगह एक समान और सज्जन व्यवहार करने लगा।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि व्यक्ति को अपने आचरण में स्थिरता और ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए, चाहे वह घर में हो या बाहर, क्योंकि आपका व्यवहार ही आपके चरित्र को दर्शाता है।

शायरी:

घर में हो या परदेस में, एक सा रहे व्यवहार,

“जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” ये है संसार।

चेहरे बदले नहीं करते, जज्बातों का कारोबार,

ईमानदारी से जीना, हर जगह बने आधार।

दो चेहरे जिंदगी में, ना बनाएं कभी असर,

जो दिल में हो, वही जुबां पर, हो सच्चाई का सफर।

घर की गली हो या विदेशी डगर, रहे एक सी तकदीर,

आदमी का आदमी से है वही प्यार और तक़दीर।

इस दुनिया में जो भी हो, रहे व्यवहार में स्थिर,

“जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” कहती है ये नज़्म अमीर।

 

जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे विदेश – Jaise Kanta ghar rahe waise rahe videsh Proverb:

“Jaise Kanta ghar rahe waise rahe videsh” is a famous Hindi proverb, which means that a person should behave consistently at home and abroad. This proverb is commonly used in contexts where a person exhibits different behaviors at home and in foreign places.

Introduction: “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” is an Indian proverb emphasizing the consistency of one’s behavior. It highlights the importance of personal conduct and honesty.

Meaning: The proverb means that a person should maintain the same behavior both at home and abroad. It teaches that whether someone is at their home or in another place, their conduct should remain consistent.

Usage: This proverb is used when a person shows different behaviors at home and in external places. It symbolizes that a person should maintain the same, balanced behavior everywhere.

Examples:

-> If a person is very gentlemanly and polite at home, but behaves rudely and inappropriately in other places, this proverb reminds them that they should behave consistently everywhere.

Conclusion: The proverb “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश” teaches us that the behavior of a gentle and honest person should be the same everywhere. It values the stability and uniformity of a person’s character. This proverb teaches us that we should maintain consistency and gentleness in our behavior, no matter where we are.

Story of Jaise Kanta ghar rahe waise rahe videsh Proverb in English:

Once there was a young man named Vikas living in a village. At home, Vikas was very polite and kind. He respected his parents and neighbors greatly and was always ready to help them.

One day, Vikas had to go to a big city for work. Upon reaching there, his behavior completely changed. He often behaved rudely and arrogantly with his colleagues and the people around him. He thought that since nobody knew him there, his behavior didn’t matter.

After some time, Vikas had to return to his village for an important task. Back in the village, he started showing his cooperative and kind nature again. However, this time, the villagers had heard about his arrogant behavior in the city. They explained to Vikas that “जैसे कन्ता घर रहे, वैसे रहे विदेश,” meaning whether at home or abroad, a person’s behavior should be consistent and gentlemanly.

This incident was a significant lesson for Vikas. He realized the importance of consistency in character and that he should maintain stability and gentleness in his behavior wherever he is. Following this, Vikas improved his conduct and began to behave consistently and kindly everywhere.

This story teaches us that a person should maintain stability and honesty in their conduct, whether at home or outside, as your behavior reflects your character.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का व्यक्तिगत जीवन में क्या महत्व है?

व्यक्तिगत जीवन में इस कहावत का महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमें अपने मूल स्वभाव और नैतिकता को हर जगह बनाए रखना चाहिए।

यह कहावत सामाजिक संबंधों में कैसे लागू होती है?

सामाजिक संबंधों में यह कहावत लागू होती है क्योंकि यह बताती है कि हमें अपने आचरण और व्यवहार में स्थिरता और समानता बनाए रखनी चाहिए।

इस कहावत का शिक्षा क्षेत्र में क्या उपयोग हो सकता है?

शिक्षा क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग यह है कि यह शिक्षकों और छात्रों को सिखाती है कि वे अपनी शिक्षा के मूल्यों को हर जगह समान रूप से अपनाएं।

इस कहावत का नैतिक शिक्षा में क्या महत्व है?

नैतिक शिक्षा में इस कहावत का महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमें अपनी नैतिकता और अच्छे आचरण को हर जगह बनाए रखना चाहिए।

इस कहावत का आत्म-सुधार में क्या उपयोग है?

आत्म-सुधार में इस कहावत का उपयोग यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमें अपने आचरण और व्यवहार में सुसंगत और एकरूपता बनाए रखनी चाहिए।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।