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जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है, अर्थ, प्रयोग (Jo doosron ke liye gadda khodta hai uske liye kuan taiyaar rahta hai)

परिचय: “जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है” यह हिंदी की एक प्राचीन कहावत है, जो नैतिकता और न्याय की बात करती है।

अर्थ: इस कहावत का मूल अर्थ है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए बुराई या नुकसान की योजना बनाता है, अक्सर वह स्वयं उसका शिकार बन जाता है। यह जीवन के न्याय और कर्म के सिद्धांत को दर्शाता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग सामाजिक जीवन, नैतिक शिक्षा और न्याय के संदर्भ में किया जाता है। यह व्यक्ति को दूसरों के प्रति बुराई करने से रोकने का एक प्रबल संदेश देती है।

उदाहरण:

-> किसी व्यक्ति ने अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए धोखाधड़ी की योजना बनाई, लेकिन अंत में वह स्वयं उसी योजना का शिकार हो गया। यहाँ पर यह कहावत सटीक बैठती है।

समापन: इस कहावत से हमें सीखने को मिलता है कि हमें कभी भी दूसरों के लिए नुकसान या बुराई की योजना नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि अंततः वह हमारे लिए ही नुकसानदेह सिद्ध हो सकती है। यह कहावत हमें नैतिकता और सच्चाई का पालन करने का संदेश देती है।

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जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक गांव में विनीत नाम का एक चतुर लेकिन ईर्ष्यालु व्यक्ति रहता था। विनीत को अपने पड़ोसी प्रेमचंद्र की सफलता से बहुत जलन होती थी। प्रेमचंद्र अपनी मेहनत और ईमानदारी से सबका सम्मान प्राप्त कर चुका था। विनीत ने प्रेमचंद्र को नीचा दिखाने के लिए एक योजना बनाई।

उसने गांव के सरपंच को झूठी शिकायत की कि प्रेमचंद्र अवैध रूप से धन कमा रहा है। सरपंच ने इस शिकायत की जांच की, लेकिन पाया कि प्रेमचंद्र बिल्कुल निर्दोष था। जांच में उलटे विनीत की ही कुछ पुरानी गलतियां सामने आ गईं। उसने कुछ समय पहले गांव के कल्याणकारी कोष से धन की हेराफेरी की थी।

इस घटना के बाद, विनीत को गांव से निकाल दिया गया और उसकी सारी साख मिट्टी में मिल गई। उस दिन विनीत ने समझा कि “जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है”। उसे एहसास हुआ कि दूसरों को नीचा दिखाने की उसकी योजना ने उसे ही सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि दूसरों के लिए बुराई करने का परिणाम हमेशा अच्छा नहीं होता। जो लोग दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदते हैं, अक्सर वे स्वयं उसमें गिर जाते हैं।

शायरी:

जो खोदता है गड्ढ़ा औरों के लिए,

वो न जाने किस दिन, खुद में समा जाए।

दूसरों की गिराने में लगा जो बेवजह,

वो खुद अपनी खुदाई में फंसा जाए।

बुराई की राह में चलने वाले भूल जाते,

कि ज़िंदगी का खेल, फेर बदला जाए।

जिनकी नज़रें बस दूसरों पर ही टिकीं,

उनकी किस्मत का सितारा भी घटा जाए।

जैसे गड्ढ़ा खोदे कोई दूजे के लिए,

कुआँ उसके लिए भी गहरा जाए।

जिन्दगी की यही तो रीत है दोस्तों,

जो बोया है, वही तो काटा जाए।

 

जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है – Jo doosron ke liye gadda khodta hai uske liye kuan taiyaar rahta hai Proverb:

Introduction: “Jo doosron ke liye gadda khodta hai uske liye kuan taiyaar rahta hai” is an ancient Hindi proverb that speaks of morality and justice.

Meaning: The core meaning of this proverb is that a person who schemes harm or misfortune for others often ends up being the victim of their own plans. It illustrates the principles of justice and karma in life.

Usage: This proverb is used in social life, moral education, and in contexts of justice. It serves as a strong message to deter individuals from committing harm or ill-will towards others.

Examples:

-> If a person plots a fraud against a rival but ends up being trapped in their own scheme, this proverb aptly applies.

Conclusion: This proverb teaches us that we should never plan harm or malice against others, as it can ultimately prove to be detrimental to ourselves. It conveys the message of adhering to morality and truth.

Story of Jo doosron ke liye gadda khodta hai uske liye kuan taiyaar rahta hai Proverb in English:

Once upon a time in a village, there lived a cunning but envious man named Vineet. Vineet was jealous of his neighbor Premchandra’s success, who had earned everyone’s respect through his hard work and honesty. Vineet plotted to undermine Premchandra by falsely accusing him to the village headman of earning money illegally. The headman investigated but found Premchandra innocent. Instead, Vineet’s past misdeeds, including embezzlement from the village welfare fund, were uncovered.

Following this incident, Vineet was expelled from the village, and his reputation was destroyed. That day, Vineet realized the meaning of “जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है” (He who digs a pit for others ends up preparing a well for himself). He understood that his plan to belittle others had caused him the greatest loss.

This story teaches us that the outcome of harming others is never positive. Those who dig pits for others often fall into them themselves.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का उपयोग किन परिस्थितियों में किया जा सकता है?

जब कोई व्यक्ति दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है और बदले में खुद ही नुकसान उठाता है, तब इस कहावत का उपयोग किया जा सकता है।

क्या यह कहावत कर्म के सिद्धांत पर आधारित है?

हां, यह कहावत कर्म के सिद्धांत पर आधारित है, जिसके अनुसार बुरे कर्मों का फल भी बुरा होता है।

क्या इस कहावत का उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना है?

हां, इस कहावत का उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना और उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाना है।

क्या इस कहावत का कोई विदेशी समकक्ष है?

हां, इस कहावत का अंग्रेजी में समकक्ष है “He who digs a pit for others will fall into it himself.”

इस कहावत का उपयोग बच्चों को कैसे सिखाया जा सकता है?

बच्चों को इस कहावत के माध्यम से यह सिखाया जा सकता है कि दूसरों के लिए बुरा सोचना या करना अंततः खुद के लिए भी हानिकारक होता है।

क्या इस कहावत का कोई व्यावहारिक उदाहरण है?

व्यावहारिक उदाहरण में ऐसे व्यक्ति का उल्लेख किया जा सकता है जो दूसरों के खिलाफ साजिश रचता है लेकिन अंत में खुद ही उस साजिश का शिकार हो जाता है।

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