Budhimaan

Home » Kahavaten » टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका, अर्थ, प्रयोग (Taka karta, Taka harta, Taka moksh vidhayika)

टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका, अर्थ, प्रयोग (Taka karta, Taka harta, Taka moksh vidhayika)

परिचय: “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” एक प्राचीन हिंदी कहावत है, जिसका उपयोग प्रायः धर्म और कर्मकांड के संदर्भ में किया जाता है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि ‘टका’ (एक प्रकार का सिक्का) के द्वारा किए गए कर्म (कर्ता), उसे नष्ट करने वाले (हर्ता), और मोक्ष प्राप्ति में सहायक (मोक्ष विधायका) सभी एक ही होते हैं। यह कहावत धन की सीमित शक्ति और अंतिम उद्देश्य की ओर इशारा करती है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है, जब यह दर्शाना हो कि धन की शक्ति सीमित है और अंततः सच्चे उद्देश्य की प्राप्ति में इसका अधिक महत्व नहीं होता।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक धनी व्यक्ति अपने धन के बल पर बहुत से कार्य करता है, लेकिन जब वह अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुँचता है, तो उसे यह एहसास होता है कि उसका धन उसे मोक्ष या आत्मिक शांति नहीं दिला सकता। इस स्थिति में, “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” कहावत सार्थक होती है।

समापन: यह कहावत हमें यह सिखाती है कि भौतिक संपत्ति और धन की महत्वाकांक्षा भले ही जीवन में अस्थायी सफलता और संतोष प्रदान कर सकती है, लेकिन वास्तविक और स्थायी शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आत्मिक उन्नति और नैतिक मूल्यों का होना आवश्यक है। यह हमें यह समझाती है कि सच्चे उद्देश्य और मूल्यों का पालन ही अंतिम संतोष और मोक्ष का मार्ग है।

Hindi Muhavare Quiz

टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही धनी व्यापारी रहता था। उसका नाम था सुधीर। सुधीर अपने धन और संपत्ति के बल पर गाँव में बहुत प्रभावशाली माना जाता था। उसने अपने धन से कई मंदिरों का निर्माण करवाया, कई धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया, और गरीबों में दान भी किया।

एक दिन, गाँव के एक बुजुर्ग संत ने सुधीर से कहा, “सुधीर, तुम्हारी सारी दौलत और दान-पुण्य से तुम्हें मोक्ष नहीं मिल सकता। वास्तविक मोक्ष के लिए आत्मिक उन्नति और नैतिक मूल्यों का होना जरूरी है।”

सुधीर ने बुजुर्ग संत की बातें सुनीं, लेकिन उसने उन्हें अनदेखा कर दिया। उसने सोचा, “मेरे पास इतना धन है, मैं जो चाहूँ वह कर सकता हूँ।”

समय बीतता गया, और सुधीर की आयु ढलने लगी। एक दिन, वह बीमार पड़ गया और उसे यह एहसास हुआ कि उसका सारा धन उसके किसी काम नहीं आ रहा है। उसे बुजुर्ग संत की बातें याद आईं, और वह सोचने लगा कि काश उसने उनकी बातें सुनी होतीं।

उसने महसूस किया कि उसका धन “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” की कहावत के अनुसार ही था। वह अपने धन से कुछ भी कर सकता था, लेकिन वह धन उसे मोक्ष नहीं दिला सकता था।

अंत में, सुधीर ने अपने शेष जीवन को आत्मिक उन्नति और नैतिक मूल्यों के अनुसार जीने का निश्चय किया। उसने समझा कि सच्चा संतोष और मोक्ष धन से नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति और नैतिक जीवन से मिलता है।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि धन और संपत्ति भले ही हमें अस्थायी सुख दे सकती है, लेकिन सच्चा मोक्ष और आत्मिक संतुष्टि केवल आत्मिक उन्नति और नैतिक मूल्यों के जरिए ही प्राप्त की जा सकती है।

शायरी:

धन की चमक में, सच की राह खो बैठे,

टका कमाया, टका गँवाया, सब कुछ सोच बैठे।

दौलत की इस दौड़ में, खुद को भूल गए,

आत्मा की पुकार में, गहराईयों में झूल गए।

समझ आया जब वक्त ने, अपनी चाल दिखाई,

“टका कर्ता, टका हर्ता,” इसने राह दिखाई।

मोक्ष की खोज में, धन तो बस एक खिलौना,

आत्मा की सच्चाई में, जीवन का सच्चा कोना।

जीवन की इस यात्रा में, धन से क्या पाया?

सच्चाई की राह में, मन को आईना दिखाया।

टका बना न मोक्ष का द्वार, नैतिकता से राह बनाई,

जीवन की इस धारा में, सच की नैया खुद चलाई।

 

टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका – Taka karta, Taka harta, Taka moksh vidhayika Proverb:

Introduction: “Taka karta, Taka harta, Taka moksh vidhayika” is an ancient Hindi proverb commonly used in the context of religion and rituals.

Meaning: The meaning of this proverb is that the “टका” (a type of coin) used in performing rituals (कर्ता) is the same as the one lost or spent (हर्ता), and it also assists in attaining liberation (मोक्ष विधायका). This proverb signifies the limited power of wealth and points towards the ultimate goal.

Usage: This proverb is used when emphasizing that the power of wealth is limited, and in the end, it holds less significance in achieving true goals.

Examples:

-> Imagine a wealthy person who performs numerous rituals using their wealth. However, when they reach the final stage of life, they realize that their wealth cannot bring them liberation or spiritual peace. In this situation, the proverb “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” becomes meaningful.

Conclusion: This proverb teaches us that the pursuit of material wealth and possessions may provide temporary success and contentment in life, but true inner growth and moral values are essential for achieving lasting peace and liberation. It reminds us that following genuine goals and values is the path to ultimate contentment and liberation.

Story of Taka karta, Taka harta, Taka moksh vidhayika Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a very wealthy businessman named Sudhir. Sudhir was highly respected in the village due to his wealth and possessions. He used his wealth to construct several temples, organize various religious events, and provide charity to the poor.

One day, an elderly saint in the village approached Sudhir and said, “Sudhir, all your wealth and acts of charity cannot grant you salvation. True salvation requires spiritual growth and moral values.”

Sudhir listened to the words of the saint but chose to ignore them. He thought, “I have so much wealth; I can do whatever I want.”

Time passed, and Sudhir’s age began to catch up with him. One day, he fell ill, and he realized that all his wealth was of no use to him. He remembered the words of the saint and started contemplating that he should have heeded their advice.

He realized that his wealth was in line with the proverb “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका.” He could do anything with his wealth, but it couldn’t grant him salvation.

In the end, Sudhir made a decision to live the remainder of his life in accordance with spiritual growth and moral values. He understood that true contentment and salvation come not from wealth but from spiritual development and ethical living.

This story teaches us that while material wealth and possessions may provide us with temporary happiness, true salvation and inner peace can only be attained through spiritual growth and moral values. It reminds us that genuine contentment and salvation come not from wealth but from spiritual and ethical advancement.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

कहावत “टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” का क्या सांस्कृतिक महत्व है?

इस कहावत का सांस्कृतिक महत्व यह है कि यह भारतीय समाज में धन के प्रति दृष्टिकोण और उसके विभिन्न आयामों को दर्शाती है।

क्या यह कहावत धन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण की ओर इशारा करती है?

हां, यह कहावत धन के प्रति एक संतुलित और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण की ओर संकेत करती है।

“टका कर्ता, टका हर्ता, टका मोक्ष विधायका” कहावत का व्यक्तिगत जीवन में क्या महत्व है?

व्यक्तिगत जीवन में, यह कहावत धन के प्रति जागरूकता और समझदारी बरतने के महत्व को बताती है।

इस कहावत का व्यापार और अर्थशास्त्र में क्या अर्थ है?

व्यापार और अर्थशास्त्र में, यह कहावत धन के निर्माण, उपयोग, और उसकी अवधारणा के महत्व को दर्शाती है।

क्या इस कहावत का आध्यात्मिक या धार्मिक संदर्भ में भी महत्व है?

आध्यात्मिक या धार्मिक संदर्भ में, यह कहावत धन के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति की संभावना और धन के सही उपयोग की महत्ता को बताती है।

इस कहावत से युवा पीढ़ी को क्या सीख मिल सकती है?

युवा पीढ़ी को इस कहावत से धन के प्रति जिम्मेदार और समझदार रवैया अपनाने की सीख मिल सकती है, साथ ही यह उन्हें धन का सदुपयोग करने की प्रेरणा भी देती है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।