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जो बोले सो कुंडा खोले, अर्थ, प्रयोग(Jo bole so kunda khole)

परिचय: “जो बोले सो कुंडा खोले” यह हिंदी की एक पारंपरिक कहावत है, जो कार्य और जिम्मेदारी के बीच के संबंध को रेखांकित करती है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि जो व्यक्ति किसी कार्य को करने का तरीका बताता है, उसे उस कार्य की जिम्मेदारी भी सौंप दी जाती है। यह उस विचार को दर्शाता है कि जिसके पास किसी कार्य के लिए विचार या योजना है, उसे ही उसे क्रियान्वित करना चाहिए।

उपयोग: यह कहावत विभिन्न संदर्भों में उपयोगी होती है, जैसे कि कार्यस्थल पर, परियोजना प्रबंधन में, और सामाजिक एवं पारिवारिक संगठनों में, जहां लोगों को उनकी सुझावों के आधार पर कार्य सौंपे जाते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक कर्मचारी ने अपनी कंपनी के लिए एक नई विपणन रणनीति का सुझाव दिया। उसके बाद, प्रबंधन ने उसे इस रणनीति को लागू करने की जिम्मेदारी सौंप दी। इस परिस्थिति में, “जो बोले सो कुंडा खोले” कहावत लागू होती है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम किसी कार्य के लिए सुझाव देते हैं, तो हमें उस कार्य को संपन्न करने की जिम्मेदारी भी स्वीकार करनी चाहिए। यह हमें सोच-समझकर और जिम्मेदारी के साथ बोलने का महत्व समझाती है।

Hindi Muhavare Quiz

जो बोले सो कुंडा खोले कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में अर्जुन नाम का एक युवक रहता था। अर्जुन अपने नवीन विचारों और उत्साही स्वभाव के लिए प्रसिद्ध था। गांव में एक समस्या थी – गांव के तालाब का पानी सूख रहा था, और इससे खेती और पशुओं के लिए पानी की कमी हो गई थी।

एक दिन गांव की पंचायत ने इस समस्या के समाधान के लिए बैठक बुलाई। बैठक में अर्जुन ने एक उत्कृष्ट योजना पेश की। उसने सुझाव दिया कि नजदीकी नदी से एक नहर बनाकर तालाब तक पानी पहुंचाया जा सकता है। उसका यह सुझाव सभी को बहुत पसंद आया, और तब पंचायत ने फैसला किया कि अर्जुन को ही इस योजना को अमल में लाने की जिम्मेदारी दी जाए।

अर्जुन ने उत्साहपूर्वक इस चुनौती को स्वीकार किया। उसने अपनी योजना के अनुसार काम शुरू किया और कई महीनों की मेहनत के बाद नहर बनकर तैयार हो गई। इससे तालाब में पानी आ गया, और गांव की समस्या हल हो गई।

इस घटना से अर्जुन और गांववालों ने सीखा कि “जो बोले सो कुंडा खोले” का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति किसी कार्य के लिए सुझाव देता है, तो उसे ही उस कार्य को संपन्न करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अर्जुन ने अपने विचार को कार्यान्वित करके न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाई, बल्कि गांव की बड़ी समस्या का समाधान भी किया।

शायरी:

जो बोले सो कुंडा खोले, यही जीवन की रीत है,

खुद के बोले को साकार करना, यही सच्ची प्रीत है।

सपनों की दुनिया में बस ख्वाब नहीं, उन्हें हकीकत में बदलना है,

जो चुनौती के बीज बोये, उसे ही फल अपने हाथों में पालना है।

बातों का क्या है, हवा में उड़ जाती हैं,

कर्म ही तो पहचान है, जो धरा पर बिखर जाती है।

जो बोले वही तो दरवाजे खोले, नई राहों पर चल पड़े,

कर्म की धारा में बहकर, जीवन को नई दिशा दे।

अपने ही सपनों का कारीगर बन, उन्हें आकार दे जा,

‘जो बोले सो कुंडा खोले’, इस सिद्धांत को अपना बना जा।

 

जो बोले सो कुंडा खोले शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जो बोले सो कुंडा खोले – Jo bole so kunda khole Proverb:

Introduction: “Jo bole so kunda khole” is a traditional Hindi proverb that highlights the relationship between action and responsibility.

Meaning: The proverb means that the person who suggests a way to do some work is also entrusted with the responsibility of executing that task. It reflects the idea that whoever has a plan or idea for a task should be the one to implement it.

Usage: This proverb is useful in various contexts, such as in the workplace, project management, and in social and family organizations, where people are assigned tasks based on their suggestions.

Examples:

-> Suppose an employee suggests a new marketing strategy for their company. Subsequently, the management assigns him the responsibility to implement this strategy. In this situation, the proverb “जो बोले सो कुंडा खोले” applies.

Conclusion: This proverb teaches us that when we suggest something for a task, we should also be ready to take on the responsibility to complete it. It emphasizes the importance of speaking thoughtfully and with responsibility.

Story of Jo bole so kunda khole Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Arjun. Arjun was known for his innovative ideas and enthusiastic nature. The village was facing a problem – the water in the village pond had dried up, causing a shortage of water for farming and livestock.

One day, the village council called a meeting to find a solution to this problem. In the meeting, Arjun presented an excellent plan. He suggested that a canal could be constructed from the nearby river to channel water into the village pond. His idea was well-received by everyone, and the council decided to entrust Arjun with the responsibility of implementing this plan.

Arjun enthusiastically accepted the challenge. He began working according to his plan, and after months of hard work, the canal was constructed and ready. This brought water back to the village pond, solving the village’s problem.

From this event, Arjun and the villagers learned the meaning of the proverb “जो बोले सो कुंडा खोले” – it means that the person who suggests a way to do some work should also take on the responsibility of doing that work. Arjun not only fulfilled his responsibility but also solved a significant issue in the village through his idea and hard work.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत का सामाजिक जीवन पर भी कोई प्रभाव पड़ता है?

हाँ, इस कहावत का सामाजिक जीवन पर प्रभाव यह है कि यह संवाद के महत्व को उजागर करती है और यह बताती है कि कैसे सही शब्द संबंधों को मजबूत कर सकते हैं।

इस कहावत का व्यक्तिगत जीवन और खुशियों पर क्या प्रभाव है?

व्यक्तिगत जीवन और खुशियों पर इस कहावत का प्रभाव यह है कि सकारात्मक और प्रेरणादायक शब्द व्यक्ति की मनोदशा को सुधार सकते हैं और उसे आनंदित कर सकते हैं।

इस कहावत को आधुनिक समाज में कैसे लागू किया जा सकता है?

आधुनिक समाज में इस कहावत को यह बताते हुए लागू किया जा सकता है कि संचार कौशल और उचित बातचीत व्यक्तिगत और पेशेवर स्तर पर अनेक द्वार खोल सकते हैं।

क्या इस कहावत का नेतृत्व और प्रबंधन में भी कोई संदेश है?

हाँ, नेतृत्व और प्रबंधन में इस कहावत का संदेश यह है कि एक अच्छा नेता या प्रबंधक वह होता है जो सही शब्दों के माध्यम से प्रेरणा देता है और संघर्षों को हल करता है।

इस कहावत का शैक्षिक क्षेत्र में क्या महत्व है?

शैक्षिक क्षेत्र में, इस कहावत का महत्व यह है कि शिक्षकों के सही शब्द और उचित मार्गदर्शन छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

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