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जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच, अर्थ, प्रयोग (Jaise ko taisa mile, Mile neech mein neech, Pani mein pani mile, Mile keech mein keech)

“जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच” यह हिंदी की एक प्रचलित कहावत है, जो यह दर्शाती है कि प्रत्येक व्यक्ति या वस्तु अपने जैसे ही स्वभाव या गुणवत्ता वाले अन्य व्यक्ति या वस्तुओं के साथ मेल खाती है।

परिचय: इस कहावत का उपयोग उस समय किया जाता है जब दो समान स्वभाव या गुणवत्ता वाले व्यक्ति या वस्तुएं आपस में मिलते हैं। इसमें व्यक्तित्व, आचरण, या सामाजिक स्थिति के समानता की बात की जाती है।

अर्थ: इस कहावत का सीधा अर्थ है कि समान गुणवत्ता या स्वभाव वाले लोग या चीजें आपस में आकर्षित होते हैं। यह उस सिद्धांत को दर्शाता है जिसमें कहा गया है कि ‘समान वस्तुएं एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं।’

उपयोग: यह कहावत अक्सर तब प्रयोग की जाती है जब कोई देखता है कि दो समान स्वभाव वाले लोग या वस्तुएं एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह से मेल खा रहे होते हैं।

उदाहरण:

-> यदि दो व्यक्ति जो बहुत धनी हैं और उनके पास समान रुचियाँ और आदतें हैं, वे एक-दूसरे के अच्छे मित्र बन जाते हैं, तो इसे “जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच” कहावत से व्याख्यायित किया जा सकता है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि समानता वाले व्यक्ति या चीजें आपस में अधिक अच्छी तरह से मेल खाते हैं और एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसलिए, जीवन में हमें यह समझना चाहिए कि हमारे आसपास के लोग और परिस्थितियाँ हमारे अपने स्वभाव और गुणों का प्रतिबिंब होते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच कहावत पर कहानी:

एक छोटे से शहर में अनुभव और मुनीश नाम के दो व्यापारी रहते थे। अनुभव एक ईमानदार और सम्मानित व्यापारी था, जबकि मुनीश धोखाधड़ी और बेईमानी में लिप्त था। अनुभव के व्यापार में सदा सत्यता और पारदर्शिता रहती थी, इसलिए उसके ग्राहक और सहयोगी उस पर पूर्ण विश्वास करते थे। दूसरी ओर, मुनीश का व्यापार अनैतिक तरीकों से चलता था, जिसके कारण उसके साथ काम करने वाले भी अक्सर बेईमानी और छल से भरे होते थे।

एक दिन, शहर में एक बड़ा व्यापार मेला आयोजित हुआ। अनुभव ने अपने स्टॉल पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद प्रदर्शित किए और उसके सभी सौदे ईमानदारी और निष्ठा के साथ किए गए। मुनीश ने भी अपना स्टॉल लगाया, लेकिन उसने अपने उत्पादों की गुणवत्ता और मूल्य में हेरफेर किया।

मेले के अंत तक, अनुभव के स्टॉल की लोकप्रियता और बिक्री चरम पर थी, और उसने कई नए और वफादार ग्राहक बनाए। इसके विपरीत, मुनीश के अनैतिक व्यापार प्रथाओं के कारण, उसके स्टॉल की बिक्री बहुत कम थी, और उसके अधिकांश सौदे असफल रहे।

इस कहानी से हमें “जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच” कहावत का अर्थ समझ में आता है। यह कहावत हमें बताती है कि जैसा व्यवहार या कर्म हम करते हैं, वैसा ही परिणाम हमें मिलता है। अनुभव की ईमानदारी और निष्ठा ने उसे सफलता दिलाई, जबकि मुनीश की बेईमानी ने उसे असफलता की ओर धकेला।

शायरी:

जैसे को तैसा मिले, ये दुनिया का उसूल,

नीच मिले नीच से, ये है फितरत का कूल।

पानी में मिले जैसे पानी, बहती है ये रवानी,

जिंदगी की इस दौड़ में, हर किसी की अपनी कहानी।

कीच में मिले कीच, ये कुदरत का खेल,

जो बोया वही काटेंगे, ये है जीवन का मेल।

जिसकी जैसी सोच, वैसा उसका संसार,

जो फैलाए खुशबू, उसे मिले बहार।

ये कहावत सिखाती, जीवन का असली फंडा,

जैसे कर्म करोगे, वैसा भरोगे झोली का डंडा।

 

जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच – Jaise ko taisa mile, Mile neech mein neech, Pani mein pani mile, Mile keech mein keech Proverb:

“Jaise ko taisa mile, Mile neech mein neech, Pani mein pani mile, Mile keech mein keech” is a common Hindi proverb that illustrates how each person or object matches with others of similar nature or quality.

Introduction: This proverb is used when two individuals or objects of similar nature or quality come together. It speaks of the similarity in personality, behavior, or social status.

Meaning: The direct meaning of this proverb is that people or things with similar qualities or natures are attracted to each other. It demonstrates the principle that ‘like attracts like.’

Usage: This proverb is often used when it is observed that two people or things of similar nature are getting along well together.

Examples:

-> If two people who are wealthy and have similar interests and habits become good friends, it can be explained by the proverb “जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच.”

Conclusion: This proverb teaches us that individuals or things with similarities get along well and attract each other. Therefore, in life, we should understand that the people and circumstances around us are a reflection of our own nature and qualities.

Story of Jaise ko taisa mile, Mile neech mein neech, Pani mein pani mile, Mile keech mein keech Proverb in English:

In a small city, there were two merchants named Anubhav and Munish. Anubhav was an honest and respected merchant, while Munish was involved in deceit and dishonesty. Anubhav’s business always maintained truthfulness and transparency, hence his customers and associates completely trusted him. On the other hand, Munish’s business operated through unethical means, leading his associates to often be filled with dishonesty and deception.

One day, a big trade fair was organized in the city. Anubhav displayed high-quality products at his stall and conducted all his deals with honesty and commitment. Munish also set up his stall but manipulated the quality and price of his products.

By the end of the fair, Anubhav’s stall gained immense popularity and sales, and he acquired many new and loyal customers. In contrast, due to Munish’s unethical business practices, his stall witnessed very low sales, and most of his deals failed.

This story helps us understand the meaning of the proverb “जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच.” The proverb tells us that the kind of behavior or actions we engage in, we receive similar outcomes. Anubhav’s honesty and dedication brought him success, while Munish’s dishonesty led to his failure.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या यह कहावत सकारात्मक और नकारात्मक दोनों परिस्थितियों में लागू होती है?

हां, यह कहावत सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की परिस्थितियों में लागू होती है।

क्या इस कहावत का उपयोग बच्चों को सिखाने में किया जा सकता है?

हां, बच्चों को अच्छे कर्म करने और सकारात्मक संगत चुनने की शिक्षा देने के लिए इस कहावत का उपयोग किया जा सकता है।

क्या इस कहावत का कोई धार्मिक या नैतिक संदेश है?

हां, इस कहावत में नैतिकता और कर्म के सिद्धांत का संदेश है।

क्या इस कहावत का उपयोग बच्चों को सिखाने में किया जा सकता है?

हां, बच्चों को अच्छे कर्म करने और सकारात्मक संगत चुनने की शिक्षा देने के लिए इस कहावत का उपयोग किया जा सकता है।

क्या इस कहावत का कोई विदेशी समकक्ष है?

इसका अंग्रेजी में समकक्ष हो सकता है “Birds of a feather flock together” या “As you sow, so shall you reap.”

क्या यह कहावत सामाजिक संबंधों पर बल देती है?

हां, यह कहावत सामाजिक संबंधों और व्यक्तिगत व्यवहार के परिणामों पर बल देती है।

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