Budhimaan

Home » Books » Chapter 4 – THE FRONTIER FRIENDS (सीमा के मित्र)

Chapter 4 – THE FRONTIER FRIENDS (सीमा के मित्र)

सीमा के मित्र: आपका स्वागत है! हम “My Non-Violence (मेरी अहिंसा)” नामक अद्भुत पुस्तक के एक और अध्याय का संक्षेप प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे महात्मा गांधी जी ने लिखा है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत तक ले जाएंगे, और उनकी गहन शिक्षाओं को साझा करेंगे। हर अध्याय में उनके अनमोल विचारों को समझाने का हमारा प्रयास रहेगा।

परिचय:

“मेरा अहिंसा” के चौथे अध्याय का सारांश में आपका स्वागत है। इस अध्याय में, गांधी जी सीमा प्रदेश की सुरक्षा और उसके लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर चर्चा करते हैं।

अध्याय 4 से प्रमुख बिंदु:

  1. सीमा प्रदेश की सुरक्षा: गांधी जी मानते हैं कि अगर हमें सीमा प्रदेश की जिम्मेदारी होती, तो हम अवश्य असशस्त्र जनता की सुरक्षा के लिए मरते।
  2. जनता की स्व-रक्षा: वे यह भी मानते हैं कि जरूरत पड़ने पर हमें जनता को स्व-रक्षा के लिए सशस्त्र करना पड़ता।
  3. आत्म-सम्मान और विश्वास: गांधी जी का मानना है कि हमें अपने पड़ोसियों पर विश्वास करना चाहिए और उन्हें असभ्य मानकर उनसे डरना नहीं चाहिए।
  4. ब्रिटिश सुरक्षा पर निर्भरता: गांधी जी मानते हैं कि ब्रिटिश गोली पर निर्भर रहना राष्ट्रीय आत्महत्या का मार्ग है।

निष्कर्ष:

इस अध्याय में गांधी जी ने सीमा प्रदेश की सुरक्षा और उसके लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर गहरी चर्चा की है। वे हमें प्रेरित करते हैं कि हमें अपने पड़ोसियों पर विश्वास करना चाहिए और उनके साथ सहयोग करना चाहिए।

अगले अध्याय में और भी ज्ञानवर्धक जानकारियाँ हैं। हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप अगले अध्याय को भी पढ़ें और महात्मा गांधी जी के अद्वितीय विचारों को समझें।

3 टिप्पणियाँ

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश कहावत पर आधारित चित्र", "आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम का प्रतीकात्मक चित्रण", "हिंदी कहावतों का संग्रह - बुद्धिमान.कॉम", "व्यक्तिगत विकास की प्रेरणादायी छवि"
Kahavaten

आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश, अर्थ, प्रयोग(Aap miyan mangte darwaje khada darvesh)

परिचय: “आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है जो व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालती है। यह कहावत

Read More »
"आम खाने से काम मुहावरे का चित्रण", "व्यावहारिकता पर जोर देती कहावत का चित्र", "हिंदी मुहावरों का संकलन - बुद्धिमान.कॉम", "परिणामों पर फोकस करता बागवानी का चित्र"
Kahavaten

आम खाने से काम, पेड़ गिनने से क्या काम?, अर्थ, प्रयोग(Aam khane se kaam, Ped ginne se kya kaam?)

परिचय: “आम खाने से काम, पेड़ गिनने से क्या काम?” यह हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है, जो व्यावहारिकता और परिणामों पर फोकस करने की

Read More »
"आठों पहर चौंसठ घड़ी कहावत विश्लेषण", "भारतीय किसान मेहनत का प्रतीक", "अनुज की प्रेरणादायक कहानी","सफलता की ओर अग्रसर युवक"
Kahavaten

आठों पहर चौंसठ घड़ी, अर्थ, प्रयोग(Aathon pahar chausath ghadi)

“आठों पहर चौंसठ घड़ी” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है “हर समय, निरंतर”. इस कहावत का उपयोग अक्सर उस स्थिति में किया जाता

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।