सैनिक: आपका स्वागत है! हम “My Non-Violence (मेरी अहिंसा)” नामक अद्भुत पुस्तक के एक और अध्याय का संक्षेप प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे महात्मा गांधी जी ने लिखा है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत तक ले जाएंगे, और उनकी गहन शिक्षाओं को साझा करेंगे। हर अध्याय में उनके अनमोल विचारों को समझाने का हमारा प्रयास रहेगा।
परिचय:
“मेरा अहिंसा” के पांचवें अध्याय का सारांश में आपका स्वागत है। इस अध्याय में, गांधी जी सेनिकों की भविष्यवाणी और स्वराज के अंतर्गत उनकी स्थिति पर चर्चा करते हैं।
अध्याय 5 से प्रमुख बिंदु:
- सेनिक और उनका पेशा: गांधी जी मानते हैं कि हर सेनिक बुनकर और कार्डर बन सकता है। वे इसे सेनिक के पेशे से अधिक सम्मानजनक मानते हैं।
- स्वराज और सेनिक: स्वराज के दौरान, सेनिक भाड़े के सिपाही नहीं बनेंगे, बल्कि वे राष्ट्रीय मिलिशिया का हिस्सा बनेंगे जो केवल समर्थन और सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए होगा।
- सेनिकों की स्वीकृति: सेनिकों को उनके देश के मामलों में एक आवाज़ मिलेगी और वे कभी भी अन्य देशों पर हमला करने के लिए नहीं भेजे जाएंगे।
निष्कर्ष:
इस अध्याय में गांधी जी ने सेनिकों की भविष्यवाणी और स्वराज के अंतर्गत उनकी स्थिति पर गहरी चर्चा की है। वे हमें प्रेरित करते हैं कि सेनिक अपने देश के लिए सच्चे सिपाही और मुक्तिदाता बन सकते हैं।
अगले अध्याय में और भी ज्ञानवर्धक जानकारियाँ हैं। हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप अगले अध्याय को भी पढ़ें और महात्मा गांधी जी के अद्वितीय विचारों को समझें।
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