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टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में, अर्थ, प्रयोग (Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein)

“टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में” यह हिंदी कहावत समाज में धन के प्रभाव और उसकी महत्वपूर्णता पर प्रकाश डालती है। इस कहावत के माध्यम से, हम धन और सामाजिक स्थिति के बीच के गहरे संबंध को समझ सकते हैं।

परिचय: इस कहावत का आशय है कि समाज में व्यक्ति की पहचान और उसका सम्मान उसके धन और संपत्ति के आधार पर होता है। यह कहावत धन के महत्व को रेखांकित करती है और यह बताती है कि कैसे धनी लोगों को समाज में अधिक महत्व और आदर प्राप्त होता है।

अर्थ: “टका” यानी पैसा या मुद्रा, और इस कहावत का अर्थ है कि जिसके पास धन होता है, वह समाज में उच्च स्थान पर माना जाता है। धन के आधार पर ही व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा और उसकी जाति का निर्धारण होता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है जब हम समाज में धन की महत्वपूर्णता और उसके प्रभाव को व्यक्त करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से तब प्रासंगिक होता है जब धन के आधार पर किसी व्यक्ति की सामाजिक पहचान और स्थिति की बात हो।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक गाँव में एक धनी व्यक्ति रहता है। उसकी संपत्ति और धन के कारण गाँव के लोग उसे बहुत आदर और सम्मान देते हैं। इसके विपरीत, एक गरीब व्यक्ति को वही सम्मान और आदर नहीं मिलता, भले ही उसके चरित्र और गुण अच्छे हों।

समापन: यह कहावत हमें समाज में धन के महत्व और इसके आधार पर बनने वाली सामाजिक पहचान को समझने में मदद करती है। यह हमें यह भी सोचने के लिए प्रेरित करती है कि क्या सच में धन ही समाज में एक व्यक्ति की पहचान और सम्मान का एकमात्र मापदंड होना चाहिए।

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टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नाम का एक गरीब लेकिन ईमानदार और मेहनती किसान रहता था। उसके पास ज्यादा धन नहीं था, परन्तु वह नेक दिल और सच्चे स्वभाव वाला था। दूसरी ओर, उसी गाँव में मुनीश नामक एक अमीर व्यक्ति भी रहता था, जिसके पास बहुत सारी संपत्ति और धन था।

प्रेमचंद्र को गाँव के लोग सम्मान तो देते थे, लेकिन उसकी बातों का अधिक महत्व नहीं देते थे। वहीं, मुनीश को गाँव वाले हमेशा आदर और प्राथमिकता देते थे, चाहे उसके विचार और निर्णय कितने भी गलत क्यों न हों।

एक दिन गाँव में बड़ी समस्या आ गई। पानी की कमी के कारण फसलें सूख रही थीं। प्रेमचंद्र ने गाँव वालों को सुझाव दिया कि वे सभी मिलकर एक तालाब खोदें, जिससे पानी की समस्या हल हो सके। लेकिन गाँव वालों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया।

उसी समय, मुनीश ने भी एक सुझाव दिया कि वे सभी मिलकर एक नई फसल की खेती करें। गाँव वालों ने बिना सोचे-समझे उसके सुझाव को मान लिया। परिणामस्वरूप, नई फसल की खेती भी विफल रही और गाँव की समस्या और बढ़ गई।

अंत में, गाँव वालों को समझ आया कि प्रेमचंद्र का सुझाव ही सही था। उन्होंने महसूस किया कि वे मुनीश की बात को इसलिए मान रहे थे क्योंकि वह अमीर था, न कि उसके सुझाव की वजह से।

यह कहानी “टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में” कहावत का सार है। यह बताती है कि कैसे समाज में धन के आधार पर व्यक्ति को महत्व दिया जाता है, चाहे उसके पास ज्ञान और अच्छाई की कमी क्यों न हो।

शायरी:

धन के दरबार में हर आदमी शाह होता है,
“टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में” यह राह होता है।

मोहब्बत, इंसानियत यहाँ पैसों में तौली जाती है,
गरीब की दास्ताँ में, अक्सर यह बात खोली जाती है।

अमीर की गलती भी यहाँ, सही कहलाती है,
गरीब का सच भी, झूठ में ढल जाता है।

धन की चकाचौंध में, सच का चेहरा छुप जाता है,
गरीबी की राह में, हर रिश्ता रुक जाता है।

ये दुनिया धन की पूजा करती है, बिना सोचे समझे,
इंसानियत की बातें यहाँ, बस किताबों में रह जाती हैं।

 

टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में – Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein Proverb:

The Hindi proverb “Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein” sheds light on the influence and importance of money in society. Through this proverb, we can understand the deep connection between wealth and social status.

Introduction: This proverb implies that a person’s identity and respect in society are based on their wealth and property. It underscores the importance of money and states how wealthy people are given more importance and respect in society.

Meaning: “टका” means money or currency, and the proverb signifies that those who possess wealth are considered high in society. A person’s social prestige and their caste are determined based on their wealth.

Usage: This proverb is used when we want to express the significance of money and its impact in society. It is particularly relevant when discussing someone’s social identity and status based on their wealth.

Examples:

-> Consider a village where a wealthy person lives. Due to his property and wealth, the villagers give him a lot of respect and honor. In contrast, a poor person does not receive the same respect and honor, even if his character and qualities are good.

Conclusion: This proverb helps us understand the importance of money in society and how social identity is formed based on it. It also prompts us to think whether indeed wealth should be the sole criterion for a person’s identity and respect in society.

Story of Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a poor but honest and hardworking farmer named Premchandra. He didn’t have much wealth, but he was kind-hearted and genuine. On the other hand, there was also a wealthy man named Munish in the same village, who had a lot of property and money.

Premchandra was respected by the villagers, but his opinions were not given much importance. Meanwhile, Munish was always treated with respect and priority by the villagers, regardless of how flawed his views and decisions were.

One day, a major problem arose in the village. The crops were drying up due to a shortage of water. Premchandra suggested that all the villagers should come together to dig a pond, which could solve the water problem. However, the villagers ignored his suggestion.

At the same time, Munish proposed that they all should start cultivating a new crop. Without much thought, the villagers agreed to his suggestion. As a result, the cultivation of the new crop also failed, and the village’s problem worsened.

In the end, the villagers realized that Premchandra’s suggestion was the right one. They understood that they were following Munish’s words just because he was rich, not because of the merit of his suggestions.

This story embodies the essence of the proverb “टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में.” It illustrates how in society, importance is given to a person based on wealth, regardless of their lack of knowledge and goodness.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का सामाजिक प्रभाव क्या है?

यह कहावत सामाजिक वर्ग विभाजन और धन के प्रति लोगों की मान्यताओं पर प्रकाश डालती है।

इस कहावत का युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ता है?

युवा पीढ़ी पर इस कहावत का प्रभाव उनके मूल्यों और समाज में धन के महत्व को समझने के नजरिये पर पड़ता है।

क्या इस कहावत का कोई नैतिक संदेश है?

इस कहावत का नैतिक संदेश यह है कि समाज में धन की अधिकता अक्सर नैतिकता और चरित्र के मानदंडों को प्रभावित करती है।

क्या इस कहावत का कोई आधुनिक उदाहरण है?

आधुनिक समाज में, धनी व्यक्तियों को अक्सर अधिक सम्मान और प्रभाव के साथ देखा जाता है।

इस कहावत का वर्तमान समाज पर क्या असर है?

आज के समाज में भी धन के प्रभाव को विभिन्न रूपों में देखा जा सकता है, जैसे कि सामाजिक वर्ग विभाजन, नौकरी के अवसरों में असमानता, और सामाजिक मान्यताओं में धन की भूमिका।

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