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शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर अर्थ, प्रयोग (Shakl se Mohan, Kartoot se kafir)

“शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर” यह एक हिंदी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता है जो बाहर से तो बहुत अच्छे दिखते हैं लेकिन उनके कार्य और व्यवहार उनके बाहरी रूप से मेल नहीं खाते। इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी का बाहरी रूप और आंतरिक गुण अक्सर अलग-अलग होते हैं।

परिचय: “शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर” यह मुहावरा दो अलग-अलग तत्वों को जोड़ता है। ‘मोहन’ शब्द का प्रयोग भारतीय समाज में अक्सर सुंदरता और आकर्षण के लिए किया जाता है, वहीं ‘काफिर’ शब्द का प्रयोग नकारात्मक अर्थ में होता है, जिसका अर्थ होता है विश्वासघाती या धोखेबाज।

अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि कोई व्यक्ति बाहर से तो बहुत सुंदर और आकर्षक लगता है, लेकिन उसकी करतूतें या कार्य धोखाधड़ी और बेईमानी से भरी होती हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी व्यक्ति की बाहरी छवि और उसके वास्तविक चरित्र में भारी अंतर हो। यह अक्सर उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो दिखावे के लिए कुछ और होते हैं और असलियत में कुछ और।

उदाहरण:

-> “अनुभव ने अपने सहकर्मी को धोखा दिया। वह शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर निकला।”

निष्कर्ष: यह मुहावरा हमें सिखाता है कि किसी व्यक्ति के बाहरी रूप पर पूरी तरह से विश्वास न करें और उसके व्यवहार और कार्यों को भी समझने का प्रयास करें। यह हमें यह भी बताता है कि अक्सर लोग जैसे दिखते हैं, वैसे होते नहीं हैं। इसलिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और लोगों की असलियत को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अभय नाम का एक युवक रहता था। उसका रूप इतना मनमोहक था कि गाँव के हर व्यक्ति उसे ‘गाँव का मोहन’ कहते थे। उसकी मुस्कान में ऐसी जादू थी कि हर कोई उसकी ओर आकर्षित हो जाता था। लेकिन अभय का दिल उसके चेहरे जितना साफ नहीं था।

अभय को पैसे की बहुत लालच थी और वह हमेशा आसानी से पैसा कमाने के उपाय ढूंढता रहता था। एक दिन उसने गाँव के कुछ लोगों को एक निवेश योजना में पैसे लगाने के लिए मना लिया। उसने उनसे वादा किया कि वे बहुत जल्दी अमीर बन जाएंगे। लोगों ने अभय की बातों पर भरोसा किया और अपनी मेहनत की कमाई उसे सौंप दी।

कुछ ही हफ्तों में, अभय गाँव छोड़कर भाग गया, और साथ में लोगों का सारा पैसा भी ले गया। जब लोगों को इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने समझा कि अभय केवल शक्ल से मोहन था, लेकिन करतूत से काफिर। उसकी सुंदरता ने सभी को धोखा दिया था।

इस घटना के बाद, गाँववाले हमेशा सतर्क रहने लगे और यह समझ गए कि किसी के बाहरी रूप पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता। उन्होंने सीखा कि असली चरित्र व्यक्ति के कर्मों से जाना जा सकता है, न कि केवल उसके चेहरे से।

और इस तरह, अभय के धोखे ने गाँववालों को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया।

शायरी:

शक्ल पे नूर था, चेहरे पे चमक भी,

बातों में मिठास थी, आँखों में दमक भी।

पर दिल की गलियों में, चुपके से फसाने थे,

शक्ल से मोहन थे, करतूत में काफिराने थे।

दुनिया को दिखा बस चेहरा रोशन,

पर दिल की गलियाँ थीं अंधेरे का बोस्तान।

शक्ल ओ बशर से, वो मासूम सा लगता,

इरादे लेकिन, उसके थे राज़ाने बगावत।

हंसी उसकी फूलों जैसी, दिल बाग़बां था,

मगर इस बहार में, छुपा काँटों का जहान था।

बाहर से नज़र आता मोहन का दर्पण,

पर अंदर से वो, एक काफिर का कारवां।

ज़माने ने देखा उसे, आँखों के तराजू में,

भारी पड़ गई शक्ल, करतूतों के मिजाजू में।

वो शक्ल से था मोहन, दिल से काफिराना,

बाहरी चमक में छुपा, अंदर का अफसाना।

दिलों को बहकाने का हुनर था उसमें यारों,

पर छिपे थे उसके दिल में, दर्द के सितारों।

उसकी शक्ल मोहन, करतूत काफिर सी थी,

आँखों में जन्नत, दिल में बस बरबादी थी।

 

शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर – Shakl se Mohan, Kartoot se kafir Idiom:

“Beautiful in appearance, deceitful in deeds” is a Hindi idiom often used to describe people who appear very nice on the outside but their actions and behavior do not match their outward appearance. This idiom means that a person’s external appearance and inner qualities are often different.

Introduction: “Beautiful in appearance, deceitful in deeds” combines two distinct elements. The term ‘Mohan’ is often used in Indian society to denote beauty and charm, while ‘Kaafir’ is used in a negative sense, meaning traitor or deceiver.

Meaning: The direct meaning of this idiom is that a person may appear very beautiful and attractive on the outside, but their actions or deeds are filled with deceit and dishonesty.

Usage: This idiom is used in situations where there is a significant difference between a person’s external image and their actual character. It is often used for people who are something else for show and something else in reality.

Example:

-> “Anubhav deceived his colleague. He turned out to be beautiful in appearance, deceitful in deeds.”

Conclusion: This idiom teaches us not to completely trust a person’s outward appearance and to try to understand their behavior and actions. It also tells us that people often are not what they seem to be. Therefore, we should always be vigilant and try to understand the reality of people.

Story of ‌‌Shakl se Mohan, Kartoot se kafir Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Abhay. His appearance was so captivating that everyone in the village called him ‘the charm of the village’. His smile had such magic that everyone was drawn to him. However, Abhay’s heart was not as pure as his face.

Abhay had a great greed for money and was always looking for ways to make easy money. One day, he convinced some villagers to invest money in a scheme, promising them quick wealth. The people trusted Abhay’s words and handed over their hard-earned money to him.

Within a few weeks, Abhay left the village, taking all the people’s money with him. When the villagers discovered the deceit, they were deeply saddened. They realized that Abhay was only ‘beautiful in appearance, deceitful in deeds’. His beauty had deceived everyone.

After this incident, the villagers became more cautious and understood that one cannot completely trust a person’s external appearance. They learned that true character is known by a person’s actions, not just by their face.

And thus, Abhay’s betrayal taught the villagers an important lesson.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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