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पूत अपने सब कहँ प्यारी अर्थ, प्रयोग (Poot apne sab kah pyari)

परिचय: “पूत अपने सब कहँ प्यारी” भारतीय हिंदी भाषा का एक प्रसिद्ध मुहावरा है। यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जब किसी को अपने बच्चों में विशेष लगाव और प्यार होता है, भले ही वे कैसे भी हों।

अर्थ: “पूत अपने सब कहँ प्यारी” का अर्थ है कि हर माता-पिता को अपने बच्चे सबसे अधिक प्रिय और महत्वपूर्ण लगते हैं। यह व्यक्त करता है कि माता-पिता अपने बच्चों में कोई भी दोष नहीं देखते और उन्हें हमेशा प्यार करते हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपने बच्चों के प्रति अत्यधिक स्नेह और अनुराग दिखाना हो।

उदाहरण:

-> “चाहे प्रथम ने कितनी भी गलतियाँ क्यों न की हों, उसकी माँ के लिए तो पूत अपने सब कहँ प्यारी ही है।”

-> “अनन्या अपने बेटे की हर एक बात मानती है, वाकई में पूत अपने सब कहँ प्यारी होती है।”

निष्कर्ष: मुहावरा “पूत अपने सब कहँ प्यारी” हमें यह सिखाता है कि माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति अनुराग और स्नेह अतुलनीय होता है। यह मुहावरा माता-पिता के इस अटूट प्रेम और लगाव को व्यक्त करता है।

पूत अपने सब कहँ प्यारी मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में मीना नाम की एक माँ रहती थी। उसका एक बेटा था, अमन, जो अक्सर शरारतें करता था। अमन की हरकतें गाँव वालों के लिए परेशानी का सबब बन गई थीं। लेकिन मीना के लिए उसका बेटा हमेशा प्यारा था।

एक दिन अमन ने खेल-खेल में गाँव के सरपंच की खिड़की तोड़ दी। गाँव वाले अमन की शिकायत लेकर मीना के पास आए। मीना ने उन्हें समझाया, “बच्चे हैं, गलतियाँ तो करते ही हैं।” और फिर उसने अमन को प्यार से समझाया कि गलतियों से सीखना चाहिए।

अमन की शरारतों के बावजूद, मीना ने कभी उसके प्रति अपना प्यार कम नहीं होने दिया। वह हमेशा कहती, “मेरे लिए तो मेरा अमन सबसे अच्छा है। पूत अपने सब कहँ प्यारी होते हैं।”

उसके इस अटूट प्यार और धैर्य ने अमन को एक दिन समझदार और जिम्मेदार बना दिया। वह गाँव का गौरव बन गया, और मीना का अटूट प्यार उसके लिए वरदान साबित हुआ।

यह कहानी “पूत अपने सब कहँ प्यारी” मुहावरे के अर्थ को स्पष्ट करती है। यह हमें बताती है कि माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति प्यार और स्नेह कितना अटूट और अनमोल होता है।

शायरी:

हर माँ-बाप की आँखों में, अपने बच्चे सबसे प्यारे,

पूत अपने सब कहँ प्यारी, ये दिल की बातें सारे।

चाहे नादानियाँ करे वो, या करे शैतानियाँ,

उनकी मासूम हंसी में, छिपी हर माँ की खुशियाँ।

बच्चों की खिलखिलाहट में, हर दुःख का अंत,

पूत अपने सब कहँ प्यारी, हर माँ का यही विश्वास।

करे जो भी भूल वो, माँ-बाप की आँखों में सही,

उनकी गोदी की दुनिया में, वो रहते हमेशा राजा की तरह।

उनके लिए तो हर पल, अपने बच्चों की बातें खास,

पूत अपने सब कहँ प्यारी, यही है हर दिल की आस।

 

पूत अपने सब कहँ प्यारी शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of पूत अपने सब कहँ प्यारी – Poot apne sab kah pyari Idiom:

Introduction: “पूत अपने सब कहँ प्यारी” is a famous idiom in the Indian Hindi language. It is commonly used to express the situation where someone has a special affection and love for their children, regardless of how they are.

Meaning: The meaning of “पूत अपने सब कहँ प्यारी” is that every parent finds their child most dear and important. It expresses that parents do not see any fault in their children and always love them unconditionally.

Usage: This idiom is used when someone wants to show extreme affection and fondness towards their children.

Example:

-> “No matter how many mistakes Pratham makes, for his mother, her child is always the dearest.”

-> “Ananya always agrees with everything her son says, truly the child is dearest to the parent.”

Conclusion: The idiom “पूत अपने सब कहँ प्यारी” teaches us that the love and affection of parents towards their children are incomparable. This idiom expresses the unbreakable love and attachment of parents for their children.

Story of ‌‌Poot apne sab kah pyari Idiom in English:

In a small village, there lived a mother named Meena. She had a son, Aman, who often engaged in mischief. Aman’s antics had become a source of trouble for the villagers. However, for Meena, her son was always dear to her heart.

One day, Aman, while playing, broke the window of the village head. The villagers came to Meena to complain about Aman. Meena explained to them, “Children make mistakes,” and then lovingly taught Aman that one should learn from their errors.

Despite Aman’s mischievous behavior, Meena never let her love for him diminish. She always said, “For me, my Aman is the best. Every child is dearest to their parents.”

Her unwavering love and patience eventually turned Aman into a sensible and responsible person. He became the pride of the village, and Meena’s unbreakable love proved to be a blessing for him.

This story elucidates the meaning of the idiom “पूत अपने सब कहँ प्यारी.” It tells us about the unbreakable and priceless love and affection of parents towards their children.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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