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ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके, अर्थ, प्रयोग(Oont ko nigal liya aur dum ko hichke)

परिचय: “ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके” यह हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति बड़े काम तो आसानी से कर लेता है, लेकिन छोटे कामों में अटक जाता है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि कभी-कभी लोग बड़ी और कठिन चुनौतियों को तो हल कर लेते हैं, लेकिन उन्हें छोटी और आसान बाधाओं पर हिचकिचाहट होती है। यह अक्सर विरोधाभासी लगता है।

उपयोग: इस कहावत का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी को बड़े कार्य को आसानी से करने के बाद छोटे कार्य में अटकते हुए देखा जाता है। यह इंगित करता है कि कभी-कभी हम छोटी बाधाओं को अधिक महत्व दे देते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक व्यक्ति ने बड़ी परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया, लेकिन वह रोजमर्रा की छोटी जिम्मेदारियों में उलझ जाता है, तो उसे कहा जा सकता है कि “ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके।”

निष्कर्ष: यह कहावत हमें यह सिखाती है कि जीवन में हमें हर कार्य को समान महत्व देना चाहिए। बड़े कामों के साथ-साथ छोटे कामों को भी समान रूप से संजीदगी से लेना चाहिए। “ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके” कहावत हमें बताती है कि हमें हर पहलू पर ध्यान देना चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।

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ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में ‘विकास’ नाम का एक युवक रहता था। विकास एक उद्यमी था जो बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स को संभालने में माहिर था। उसने अपनी कंपनी को कई बड़ी सफलताएँ दिलाईं और अपने गाँव का नाम रोशन किया। लेकिन जब भी छोटे और साधारण काम की बात आती, विकास को हमेशा कठिनाई होती।

एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला लगा। विकास ने मेले के लिए एक विशाल पंडाल की व्यवस्था की और उसे बहुत ही शानदार बनाया। सब लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे। लेकिन जब बात आई मेले में छोटे-छोटे स्टॉल्स की व्यवस्था की, तो विकास ने उसे बहुत हल्के में लिया। नतीजतन, मेले के दिन कुछ स्टॉल्स बिना किसी व्यवस्था के रह गए, जिससे गाँव वालों में निराशा फैल गई।

गाँव के एक बुजुर्ग ने विकास को समझाते हुए कहा, “बेटा, तुमने तो ऊँट को तो निगल लिया, लेकिन दुम को हिचके लग गए। बड़े काम को तो तुमने खूबसूरती से किया, लेकिन छोटे कामों में तुम लापरवाह बन गए।”

इस घटना से विकास को एहसास हुआ कि बड़े कार्यों के साथ-साथ छोटे कार्यों का भी समान महत्व होता है। उसने सीखा कि हर कार्य को समान रूप से महत्व देना चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके” कहावत का तात्पर्य है कि बड़े कामों के साथ छोटे कामों को भी समान रूप से महत्व देना चाहिए।

शायरी:

बड़े ख्वाबों की चाह में, छोटी बातों को न भूल,

ऊँट निगले बन्दे ने, पर दुम में अटके हैं फूल।

जिंदगी के रंग में, कभी खुशियाँ कभी ग़म,

बड़े कामों का जश्न है, छोटी गलतियों का भी दम।

हर छोटी बात में, छुपा होता है एक सबक,

ऊँट को निगल गया, पर दुम की बात है अजब।

कदम कदम पर सीख है, जीवन की ये अद्भुत राह,

बड़ी उपलब्धियों का है, छोटी बातों में भी चाह।

छोटे कामों की भी, बड़ी होती है कीमत यार,

ऊँट निगलने वाले को, दुम से मिलता सबक हमार।

 

ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of ऊँट को निगल लिया और दुम को हिचके – Oont ko nigal liya aur dum ko hichke Proverb:

Introduction: “Oont ko nigal liya aur dum ko hichke” is a popular Hindi proverb, often used in situations where someone easily accomplishes big tasks but gets stuck in smaller ones.

Meaning: The proverb means that sometimes people solve big and difficult challenges easily, but they hesitate or struggle with small and easy obstacles. It often seems paradoxical.

Usage: This proverb is used when someone is seen struggling with small tasks after easily accomplishing a large task. It indicates that sometimes we give undue importance to minor obstacles.

Examples:

-> For instance, if a person successfully completes a major project but gets entangled in daily small responsibilities, it can be said, “Oont ko nigal liya aur dum ko hichke.”

Conclusion: This proverb teaches us that in life, we should give equal importance to every task. Along with big tasks, small tasks should also be taken seriously. “Oont ko nigal liya aur dum ko hichke” teaches us to pay attention to every aspect, whether big or small.

Story of Oont ko nigal liya aur dum ko hichke Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young entrepreneur named Vikas. He was an expert in handling big projects and had brought many significant successes to his company, bringing fame to his village. However, Vikas always struggled with smaller, mundane tasks.

One day, a grand fair was organized in the village. Vikas arranged for a massive and splendid canopy for the fair, earning praise from everyone. But when it came to managing the small stalls at the fair, Vikas took it lightly. Consequently, on the day of the fair, some stalls were left without proper arrangements, leading to disappointment among the villagers.

An elder of the village explained to Vikas, “Son, you swallowed the camel but choked on its tail. You did the big task beautifully, but you were careless with the small tasks.”

This incident made Vikas realize that small tasks are equally important as the big ones. He learned that every task should be given equal importance, regardless of its size.

The story teaches us that the proverb “Oont ko nigal liya aur dum ko hichke” means that both big and small tasks should be given equal importance.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत से एक सबक सिखना चाहिए?

हाँ, इसका सबक है कि हमें समस्याओं का समाधान करते समय सावधानी बरतनी चाहिए ताकि नए परेशानियाँ उत्पन्न ना हों।

क्या यह कहावत केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही लागू होती है?

नहीं, यह सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों के संदर्भ में भी लागू हो सकती है।

क्या यह कहावत अधिकतर किस प्रकार के निर्णयों पर लागू हो सकती है?

यह अधिकतर जीवन के महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण निर्णयों पर लागू हो सकती है।

क्या यह कहावत विवादित स्थितियों में भी लागू हो सकती है?

हाँ, यह विवादित स्थितियों में सही निर्णय लेने की महत्वपूर्णता पर ध्यान दिलाती है।

क्या इस कहावत में कोई अन्य सार्थक भी है?

जी हाँ, इसके अलावा यह यह भी सिखाती है कि किसी समस्या का समाधान केवल स्थानीय या सामान्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण परिस्थितियों के संदर्भ में भी होना चाहिए।

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