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ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना, अर्थ, प्रयोग (Oont bilai le gayi. Haan ji, haan ji kahna)

“ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना” यह हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है जिसका अर्थ है कि जब कोई बड़ा व्यक्ति असंभव या अतिशयोक्तिपूर्ण बात कहता है और दूसरे लोग उसकी हां में हां मिलाते हैं।

परिचय: यह कहावत भारतीय समाज में उस स्थिति का वर्णन करती है जहां लोग अपने से उच्च स्थिति वाले व्यक्ति की बातों का बिना सोचे-समझे समर्थन करते हैं, भले ही वे बातें अविश्वसनीय या असंभव क्यों न हों।

अर्थ: कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि एक ऊंट को एक बिल्ली उठा ले गई, जो कि एक असंभव क्रिया है। इसके माध्यम से यह दर्शाया जाता है कि कैसे लोग किसी प्रभावशाली व्यक्ति के अविश्वसनीय दावों का अंधाधुंध समर्थन करते हैं।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को अन्धानुकरण या अन्धविश्वास के प्रति चेतावनी देनी हो। यह उन परिस्थितियों में भी लागू होता है जहां लोग सत्ता या प्रभाव के आगे अपनी सोचने-समझने की क्षमता को खो देते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक कंपनी के निदेशक ने किसी असंभव परियोजना का प्रस्ताव रखा, और उसके सभी अधीनस्थ कर्मचारी, उनके पद की गरिमा के कारण, उस प्रस्ताव का समर्थन करने लगे बिना यह सोचे कि यह व्यावहारिक है या नहीं। यहाँ “ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना” कहावत सटीक बैठती है।

समापन: इस कहावत के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा विचारशील और तर्कसंगत रहना चाहिए, और किसी भी बात का अंधाधुंध समर्थन नहीं करना चाहिए, भले ही वह बात किसी बड़े या प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा कही गई हो। यह हमें आत्म-निर्णय और सोच-समझकर निर्णय लेने की महत्ता का बोध कराता है।

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ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना कहावत पर कहानी:

एक समय की बात है, एक राज्य में एक बुद्धिमान राजा राज्य करता था। उसके राज्य में सभी प्रजाजन खुश और संतुष्ट थे। राजा के पास कई योग्य और विद्वान मंत्री भी थे, जो हर समस्या का हल खोजने में माहिर थे।

एक दिन राजा ने अपने दरबार में घोषणा की, “मैं चाहता हूँ कि हमारे राज्य में स्वर्णमयी वृक्ष उगाए जाएं, जिनसे सोने के पत्ते गिरें।” यह सुनकर सभी मंत्री चकित रह गए, क्योंकि वे जानते थे कि ऐसा संभव नहीं है। परंतु, राजा के समक्ष उन्होंने विरोध नहीं किया और हां में हां मिलाई।

दरबार से बाहर निकलकर सभी मंत्री आपस में बात करने लगे। एक विद्वान मंत्री ने कहा, “क्या हम राजा को सच्चाई नहीं बता सकते? क्या हमें असंभव बातों का समर्थन करना चाहिए?”

दूसरे मंत्री ने कहा, “हम सब जानते हैं कि स्वर्णमयी वृक्ष उगाना असंभव है। लेकिन राजा की बात का विरोध करना हमारे लिए उचित नहीं होगा।”

इस बीच, राज्य का एक साधारण किसान, जो यह सब सुन रहा था, आगे आया और बोला, “महाराज, मुझे आपकी बात सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ। ‘ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना’ की तरह यह भी एक असंभव बात है।”

राजा ने किसान की बात सुनी और सोच में पड़ गया। उसे समझ आ गया कि वह जो चाह रहा था वह असंभव था और उसके मंत्री केवल उसकी हां में हां मिला रहे थे। राजा ने किसान की प्रज्ञा की सराहना की और अपने मंत्रियों को भी सच बोलने की सलाह दी।

निष्कर्ष

इस कहानी के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमेशा तर्कसंगत और यथार्थवादी बने रहना चाहिए। बड़े लोगों की बात का अंधाधुंध समर्थन करने के बजाय, हमें अपने विवेक का उपयोग करना चाहिए और सच्चाई का सामना करना चाहिए।

शायरी:

इक ऊंट बिलाई ले गई, देख बड़े बड़े चुप रह गए,
हां जी, हां जी की राह में, सच्चाई के लब सिल गए।

इस दौर में बड़ों की बात, है कई बार बेमानी सी,
सच को छुपाए बैठे हैं, झूठी बातों की रवानी सी।

अंधविश्वास के इस बाजार में, सबने अक्ल को बेच दिया,
जिसने सच कहा सामने, उसको अपना दुश्मन ठेच दिया।

ऊंट और बिलाई की यह कहानी, अक्स बन गई है जमाने में,
बड़ों की हां में हां मिलाने वाले, हर शहर में हैं अफसाने में।

लेकिन याद रहे, हर उसूल पे, जो आंख मूंदे हां कह दे,
वो खुद को भी खो बैठता है, जब सच की डगर से बहक दे।

 

ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना – Oont bilai le gayi. Haan ji, haan ji kahna Proverb:

The Hindi proverb “ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना” translates to “A camel was carried away by a cat, yes sir, yes sir.” This proverb is used when a person of higher status makes an impossible or exaggerated statement, and others agree with them without any thought or question.

Introduction: This proverb describes a scenario in Indian society where people blindly support the words of someone in a higher position, regardless of how unbelievable or impossible those words may be.

Meaning: The literal translation of this proverb is that a cat carried away a camel, which is an impossible act. It illustrates how people blindly support the unbelievable claims of a powerful person.

Usage: This proverb is commonly used to warn against blind imitation or superstition. It applies to situations where people lose their ability to think or reason in the face of authority or influence.

Examples:

-> Imagine a company director proposing an impossible project, and all his subordinates, due to the dignity of his position, start supporting the proposal without considering its practicality. Here, the proverb “A camel was carried away by a cat, yes sir, yes sir” fits perfectly.

Conclusion: This proverb teaches us that we should always be thoughtful and rational, and not blindly support any statement, even if it is made by someone in a higher or influential position. It emphasizes the importance of making informed and considered decisions.

Story of Oont bilai le gayi. Haan ji, haan ji kahna Proverb in English:

Once upon a time, in a kingdom, there reigned a wise king. All the people in his realm were happy and content. The king had many capable and learned ministers, who were experts in solving any problem.

One day, the king announced in his court, “I wish for trees of gold to be grown in our kingdom, from which golden leaves shall fall.” Hearing this, all the ministers were astonished, as they knew this was impossible. However, in the presence of the king, they did not object and simply agreed with him.

After leaving the court, the ministers started discussing among themselves. One learned minister said, “Shouldn’t we tell the king the truth? Should we support something that is impossible?”

Another minister said, “We all know that growing trees of gold is impossible. But it would not be appropriate for us to oppose the king’s words.”

Meanwhile, an ordinary farmer of the kingdom, who had overheard all this, stepped forward and said, “Your Majesty, I am surprised to hear your words. Just like ‘A camel being carried away by a cat, yes sir, yes sir,’ this too is an impossible thing.”

The king heard the farmer and was deep in thought. He realized that what he desired was impossible and that his ministers were merely agreeing with everything he said. The king appreciated the farmer’s wisdom and advised his ministers to also speak the truth.

Conclusion

This story teaches us that we should always remain rational and realistic. Instead of blindly supporting the words of influential people, we should use our discretion and face the truth.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत में व्यंग्यात्मकता होती है?

हां, इस कहावत में व्यंग्यात्मकता होती है जो अंधविश्वास और अतार्किक स्वीकार्यता पर प्रकाश डालती है।

इस कहावत का व्यावहारिक जीवन में क्या महत्व है?

व्यावहारिक जीवन में इस कहावत का महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमें हर बात को बिना सोचे-समझे नहीं मान लेना चाहिए।

इस कहावत का शिक्षा क्षेत्र में क्या उपयोग है?

शिक्षा क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग छात्रों को तर्कसंगत सोच और आलोचनात्मक विचारशीलता का महत्व समझाने के लिए किया जा सकता है।

इस कहावत का नैतिक या सामाजिक संदेश क्या है?

नैतिक या सामाजिक संदेश यह है कि समाज में हर व्यक्ति को तर्कसंगत सोच और स्वतंत्र विचार धारणा का महत्व समझना चाहिए।

क्या यह कहावत बच्चों को सिखाने के लिए उपयुक्त है?

हां, यह कहावत बच्चों को सिखाने के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इससे उन्हें तर्कसंगत सोच और आलोचनात्मक विचारशीलता का महत्व समझ में आता है।

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