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मुँह की बात छीनना अर्थ, प्रयोग (Munh ki baat chhinna)

परिचय: “मुँह की बात छीनना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जो व्यक्त करता है कि किसी ने वही कहा या किया जो आप सोच रहे थे या कहने वाले थे। यह उस स्थिति का वर्णन करता है जब कोई व्यक्ति आपके मन की बात को पहले ही जाहिर कर देता है।

अर्थ: “मुँह की बात छीनना” मुहावरे का अर्थ है किसी के विचारों या भावनाओं को उससे पहले ही व्यक्त कर देना, जिससे वह व्यक्ति अभिव्यक्त करने का मौका खो देता है।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर सकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति आपके विचारों या भावनाओं को समझकर उन्हें शब्दों में व्यक्त कर देता है। हालांकि, कभी-कभी यह नकारात्मक संदर्भ में भी प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण:

-> अनुभव और लक्ष्मी एक ही गाने के बारे में सोच रहे थे और जैसे ही अनुभव ने वह गाना गुनगुनाना शुरू किया, लक्ष्मी ने कहा, “अरे! तुमने तो मेरे मुँह की बात छीन ली।”

निष्कर्ष: “मुँह की बात छीनना” मुहावरा हमें दिखाता है कि कैसे हमारे विचार और भावनाएं कभी-कभी इतनी समान होती हैं कि दूसरे लोग उन्हें व्यक्त कर देते हैं इससे पहले कि हम खुद उन्हें व्यक्त कर पाएं। यह एक दूसरे के प्रति समझ और सहानुभूति की गहराई को भी दर्शाता है। इस मुहावरे का प्रयोग हमारी दैनिक बातचीत में आपसी समझ और संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

मुँह की बात छीनना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में दो दोस्त रहते थे, विशाल और अभय। दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे के मन की बात बिना कहे ही समझ जाते थे। एक दिन, गाँव में मेला लगा। मेले में खेल, खाने-पीने की दुकानें और तरह-तरह के मनोरंजन के साधन थे। विशाल और अभय भी मेले में जाने का प्लान बना रहे थे।

अभय ने विशाल से कहा, “यार, मेले में जाने से पहले मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।” इससे पहले कि अभय कुछ और कह पाता, विशाल बोल पड़ा, “तुम कहना चाहते हो कि हमें मेले में जाकर वो नया जादू शो देखना चाहिए, है ना?” अभय हैरान रह गया और बोला, “बिल्कुल! तुमने तो मेरे मुँह की बात छीन ली। मैं यही कहने वाला था।”

विशाल और अभय की इस घटना ने गाँव वालों को भी चकित कर दिया। उनकी इस घटना से सभी ने सीखा कि कैसे अच्छी दोस्ती और समझदारी से लोग एक दूसरे के मन की बात को बिना कहे ही समझ सकते हैं।

इस कहानी के माध्यम से, “मुँह की बात छीनना” मुहावरे का अर्थ स्पष्ट होता है। यह दर्शाता है कि किसी की अनकही बातों को भी समझकर और उन्हें व्यक्त करके किसी के दिल को छू लिया जा सकता है। यह घटना विशाल और अभय की गहरी दोस्ती और एक दूसरे के प्रति उनकी समझदारी को भी प्रदर्शित करती है।

शायरी:

दोस्ती की राह में जब बातें बिन कहे समझ जाएँ,

मुँह की बात छीन लेना, ये कला सबको ना आए।

अनकहे लफ्ज़ जब हवा में तैरने लगें,

मिल जाए जवाब बिन पूछे, रिश्तों की ये गहराई कहें।

इक नज़र में बातों को पढ़ लेना, इक अदा है प्यारी,

मुँह की बात छीनने वाला, बन जाता दिल से यारी।

जब दिल से दिल की बातें हों, लफ्ज़ों की क्या ज़रूरत,

मुँह की बात छीन लेने का हुनर, बनाए रिश्तों में मिठास भरपूर।

ये दुनिया कहती रहे जो भी, दिल की बातें तो दिल से हों,

मुँह की बात छीन लेने वाले, सच्चे दोस्त के नाम वो हों।

 

मुँह की बात छीनना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of मुँह की बात छीनना – Munh ki baat chhinna Idiom:

Introduction: “Munh ki baat chhinna” is a popular Hindi idiom that expresses when someone says or does exactly what you were thinking or about to say. It describes the situation where a person articulates your thoughts before you do.

Meaning: The idiom “Munh ki baat chhinna” means to express someone’s thoughts or feelings before they have the chance to do so themselves, resulting in the person losing the opportunity to express themselves.

Usage: This idiom is often used in a positive context when someone understands your thoughts or feelings and expresses them in words before you can. However, it can sometimes be used in a negative context as well.

Example:

-> Anubhav and Lakshmi were thinking about the same song, and as soon as Anubhav began to hum it, Lakshmi said, “Wow! You just stole the words right out of my mouth. That’s exactly what I was going to say.”

Conclusion: The idiom “Munh ki baat chhinna” shows how our thoughts and feelings can sometimes be so similar that others express them before we get the chance. It also illustrates the depth of understanding and empathy towards each other. Using this idiom in our daily conversations can help enhance mutual understanding and sensitivity.

Story of ‌‌Munh ki baat chhinna Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a person named Abhay. Abhay led a simple life but always harbored the desire to become wealthy. One day, his luck turned around, and he won a large lottery. Overnight, Abhay became wealthy and began living the life of his dreams.

Abhay purchased expensive cars, built a large house, and spent lavishly on luxury items, showcasing his newfound wealth at every opportunity. However, Abhay did not manage his wealth wisely nor planned for the future.

As time passed, Abhay’s wealth gradually diminished. The businesses he started also failed because he had not invested in them wisely. Eventually, the day came when Abhay had to sell his large house and expensive cars. He returned to the simple life he had started from.

The villagers, upon witnessing Abhay’s story, remarked, “Abhay was ‘wealthy like a shorn sheep.'” His wealth was temporary, and he failed to retain it.

This story teaches us the importance of managing wealth wisely and preserving it. Temporary wealth cannot bring satisfaction and lasting prosperity. True wealth is in wisely earned and saved money, not in transient riches.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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