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जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए, अर्थ, प्रयोग (Jo gud dene se mare use vish kyun diya jaye)

“जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति या समस्या सकारात्मक या सौम्य उपाय से हल हो सकती है, तो उसके लिए कठोर या नकारात्मक उपाय का इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है।

परिचय: यह कहावत संघर्ष या विवाद के समाधान में सौम्यता और सकारात्मकता की महत्वपूर्णता को रेखांकित करती है। इसका इस्तेमाल उन परिस्थितियों में होता है जहां विवाद या समस्या का समाधान सरल और सौम्य तरीके से संभव हो।

अर्थ: इस कहावत का सीधा अर्थ है कि यदि किसी विवाद या समस्या को मधुर वचन या सकारात्मक प्रलोभन से हल किया जा सकता है, तो फिर कठोर उपायों का प्रयोग क्यों किया जाए।

उपयोग: यह कहावत व्यापार, पारिवारिक जीवन, या सामाजिक संबंधों में उपयोगी होती है, जहां समस्याओं को हल करने के लिए सौम्य और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया जा सकता है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक व्यापारी का अपने ग्राहक के साथ मतभेद हो गया। उस व्यापारी ने समझदारी से काम लेते हुए, ग्राहक को कुछ विशेष छूट और सौजन्यता प्रदान की, जिससे विवाद सुलझ गया। इस स्थिति में, “जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए” कहावत प्रासंगिक होती है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीखने को मिलता है कि समस्याओं का हल खोजने में सौम्यता और सकारात्मकता का महत्व होता है। यह याद दिलाता है कि जहां सरल और सकारात्मक उपाय से काम बन सकता हो, वहां कठोर उपायों की आवश्यकता नहीं होती।

Hindi Muhavare Quiz

जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे शहर में सुधीर नाम का एक दुकानदार था। सुधीर की दुकान पर एक दिन एक ग्राहक आया और उसने कुछ सामान खरीदा। जब भुगतान का समय आया, तो ग्राहक ने कुछ छूट की मांग की। सुधीर को लगा कि ग्राहक उसके साथ अनुचित बर्ताव कर रहा है और वह गुस्से में आ गया। उसने ग्राहक को बिना छूट के सामान लेने के लिए कहा या फिर दुकान से चले जाने को कहा।

ग्राहक नाराज होकर चला गया और उसने अपने परिचितों में सुधीर की दुकान के खराब व्यवहार की बात फैला दी। इससे सुधीर की दुकान की बिक्री पर असर पड़ने लगा। सुधीर को जल्द ही एहसास हुआ कि उसने ग्राहक से ज्यादा सख्ती से पेश आकर गलती की थी।

सुधीर ने अपनी गलती सुधारने का फैसला किया और उस ग्राहक के पास गया। उसने ग्राहक से माफी मांगी और उसे कुछ विशेष छूट देने का प्रस्ताव दिया। ग्राहक खुश हुआ और वापस सुधीर की दुकान पर आने लगा। इसके बाद सुधीर ने हमेशा ग्राहकों के साथ नम्रता और सौम्यता से पेश आने का फैसला किया।

इस कहानी से सुधीर ने सीखा कि “जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए”। उसने समझा कि नम्रता और सौम्यता से समस्याओं का समाधान करना बेहतर होता है, बजाय कठोरता और नकारात्मकता के।

शायरी:

मिठास से हर दिल जीता जाए, फिर विष का क्या काम है,

“जो गुड़ देने से मरे, उसे विष क्यों दिया जाए” यही इल्म का पैगाम है।

सौम्यता में वो ताकत है, जो कड़वाहट में नहीं,

मीठे बोल से दुनिया बदले, ऐसा असर तो कहीं नहीं।

हर ज़ुबां पर जो मिठास घोले, उसका रंग ही निराला है,

गुड़ से मिठास लाने वाला, हर दिल में बस जाता है।

सख्ती में जो हल ढूंढें, वो दिल से दूर हो जाए,

जिसने मिठास से बात की, वो दिलों पर राज कर जाए।

गुड़ सी मिठास जो लाए, दुनिया उसकी मुरीद होती,

जहाँ मिठास वहाँ चैन है, बस यही ज़िंदगी की रीत होती।

 

जो गुड़ देने से मरे, उसे विष क्यों दिया जाए शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जो गुड़ देने से मरे उसे विष क्यों दिया जाए – Jo gud dene se mare use vish kyun diya jaye Proverb:

“Jo gud dene se mare use vish kyun diya jaye” is a prevalent Hindi proverb, indicating that if a person or a problem can be resolved with positive or gentle means, then there is no need to use harsh or negative measures.

Introduction: This proverb highlights the importance of gentleness and positivity in resolving conflicts or disputes. It is used in situations where a dispute or problem can be solved easily and gently.

Meaning: The direct meaning of this proverb is that if a dispute or problem can be resolved with sweet words or positive temptations, then why resort to harsh measures.

Usage: This proverb is useful in business, family life, or social relationships, where problems can be solved with a gentle and positive approach.

Examples:

-> Suppose a businessman had a disagreement with his customer. Wisely, the businessman offered the customer some special discounts and courtesy, which resolved the dispute. In this situation, the proverb “The one who dies by giving jaggery, why should poison be given” is relevant.

Conclusion: This proverb teaches us the importance of gentleness and positivity in solving problems. It reminds us that where simple and positive measures can work, there is no need for harsh methods.

Story of Jo gud dene se mare use vish kyun diya jaye Proverb in English:

Once upon a time, in a small town, there was a shopkeeper named Sudhir. One day, a customer came to Sudhir’s shop and bought some items. When it was time to pay, the customer asked for a discount. Sudhir felt that the customer was being unreasonable and became angry. He told the customer to either take the goods without a discount or leave the shop.

The customer left the shop disgruntled and spread the word about Sudhir’s poor behavior among his acquaintances. This affected the sales at Sudhir’s shop. Sudhir soon realized that he had made a mistake by being too harsh with the customer.

Sudhir decided to rectify his mistake and went to the customer. He apologized to the customer and offered him some special discounts. The customer was pleased and started visiting Sudhir’s shop again. After this incident, Sudhir decided to always treat his customers with gentleness and kindness.

From this story, Sudhir learned the meaning of the proverb, “The one who dies by giving jaggery, why should poison be given.” He understood that solving problems with kindness and gentleness is better than harshness and negativity.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या यह कहावत केवल शारीरिक नुकसान के संदर्भ में लागू होती है?

नहीं, यह कहावत शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक सभी प्रकार के नुकसान के संदर्भ में लागू होती है।

क्या इस कहावत का उपयोग बच्चों को सिखाने में किया जा सकता है?

हां, बच्चों को दूसरों के प्रति सहानुभूति और मदद करने की शिक्षा देने के लिए इस कहावत का उपयोग किया जा सकता है।

क्या इस कहावत का कोई विदेशी समकक्ष है?

इसका अंग्रेजी में समकक्ष हो सकता है “Adding insult to injury” या “Kicking someone when they’re down.”

क्या इस कहावत का कोई व्यावहारिक उदाहरण है?

व्यावहारिक उदाहरण में किसी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख किया जा सकता है जो पहले से ही परेशान हो और उस पर और दबाव डालने से बचा जाए।

क्या इस कहावत का उपयोग संवेदनशीलता और आत्म-प्रेरणा के लिए किया जा सकता है?

हां, इस कहावत का उपयोग व्यक्तिगत संवेदनशीलता बढ़ाने और दूसरों के प्रति अधिक सहायक बनने की प्रेरणा के रूप में किया जा सकता है।

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