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जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई, अर्थ, प्रयोग (Jiske haath doi, Uska sab koi)

परिचय: हिंदी की प्रसिद्ध कहावत “जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” समाज में धन के महत्व और इसके आकर्षण के प्रभाव को दर्शाती है। यह कहावत यह बताती है कि जिस व्यक्ति के पास धन होता है, उसके आस-पास संबंधों का एक चक्र बन जाता है।

अर्थ: इस कहावत का सीधा अर्थ है कि जिस व्यक्ति के पास धन होता है, उसके पास दोस्त और सहयोगी अधिक होते हैं। यह व्यक्ति के सामाजिक प्रभाव और संबंधों के निर्माण में धन की भूमिका को उजागर करता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहां व्यक्ति के धन-संपदा के कारण उसके चारों ओर लोगों का समूह इकट्ठा हो जाता है। यह बताती है कि कैसे समाज में धन की उपस्थिति लोगों के आकर्षण और व्यवहार को प्रभावित करती है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक व्यक्ति जो पहले साधारण जीवन जीता था, अचानक धनवान बन जाता है। आप देखेंगे कि उसके चारों ओर अचानक दोस्तों और सहयोगियों की संख्या बढ़ जाती है। यह उनके धन के प्रति लोगों के आकर्षण को दर्शाता है।

समापन: “जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि समाज में धन का महत्व होता है और यह कैसे लोगों के आकर्षण और रिश्तों को प्रभावित करता है। यह हमें यह भी बताता है कि वास्तविक और सार्थक संबंधों की पहचान करना महत्वपूर्ण है, जो केवल धन के आधार पर नहीं बनते।

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जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में अभय नाम का एक साधारण व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसके जीवन में संघर्ष की कमी नहीं थी। उसके पास न तो बहुत धन था और न ही बहुत दोस्त।

एक दिन, अभय को अचानक एक पुराने जमीन के टुकड़े पर छिपा एक खजाना मिला। खजाने की खोज से उसकी किस्मत पलट गई, और वह रातों-रात धनवान बन गया।

जैसे ही गांव में यह खबर फैली, अभय के आसपास लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। जो लोग पहले उसे नजरअंदाज करते थे, वे भी अब उसके सबसे अच्छे मित्र बन गए। हर कोई उसके साथ समय बिताना चाहता था और उसकी संगति में रहने की कोशिश करता था।

लेकिन अभय बहुत समझदार था। उसे जल्द ही यह एहसास हो गया कि ये नए दोस्त उसके धन के कारण ही उसके आसपास हैं। वह समझ गया कि ये संबंध सतही और स्वार्थ पर आधारित थे।

इस अनुभव ने अभय को “जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” कहावत का वास्तविक अर्थ समझाया। उसने महसूस किया कि धन के आकर्षण के कारण लोग उसके पास आए थे, न कि उसकी व्यक्तिगत गुणवत्ता या चरित्र के कारण। अभय ने तय किया कि वह उन्हीं लोगों की संगति में रहेगा जो उसके धन से अधिक उसकी सादगी और ईमानदारी को महत्व देते हैं।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि धन आकर्षण का केंद्र हो सकता है, लेकिन असली और सार्थक संबंध व्यक्ति के चरित्र और गुणों पर निर्भर करते हैं।

शायरी:

जिसके हाथ में डोई है, वहां सबकी भीड़ है,

धन का जादू यहाँ, हर दिल की जरूरत है।

जब जेबें हों भरी, तो दोस्त भी कतार में,

पर खाली हो जब जेब, दोस्ती हो जाती बेकार में।

धन की चमक में छिपा, ये सच्चाई का खेल,

सच्चे रिश्ते कहाँ, ये पैसों की मेल।

डोई हाथ में जिसके, वो शहंशाह समझे जाते,

पर असली दोस्ती के मायने, कहाँ ये समझ पाते।

धन का ये खेल है, अजीब दुनिया का रिवाज,

सच्चाई की राह में, ये सिर्फ एक फासला साज।

 

जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई – Jiske haath doi, Uska sab koi Proverb:

Introduction: The famous Hindi proverb “Jiske haath doi, Uska sab koi” illustrates the significance and allure of wealth in society. It conveys that a person possessing wealth attracts a circle of relationships around them.

Meaning: The direct meaning of this proverb is that a person with wealth has more friends and associates. It highlights the role of wealth in a person’s social influence and the formation of relationships.

Usage: This proverb is used in situations where a person’s wealth leads to a gathering of people around them. It explains how the presence of wealth in society affects people’s attraction and behavior.

Examples:

-> Suppose a person who once led an ordinary life suddenly becomes wealthy. You will notice an increase in the number of friends and allies around them, reflecting people’s attraction to their wealth.

Conclusion: The proverb “जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” teaches us about the importance of wealth in society and how it influences people’s attraction and relationships. It also tells us that recognizing genuine and meaningful relationships, which are not solely based on wealth, is important.

Story of Jiske haath doi, Uska sab koi Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a simple man named Abhay. He was hardworking and honest, but his life was not devoid of struggles. He neither had much wealth nor many friends.

One day, Abhay unexpectedly found a treasure hidden in a piece of land. This discovery changed his fortune overnight, and he became wealthy.

As the news spread in the village, people started gathering around Abhay. Those who previously ignored him now became his best friends. Everyone wanted to spend time with him and be in his company.

However, Abhay was wise. He soon realized that these new friends were attracted to his wealth, not to him. He understood that these relationships were superficial and selfish.

This experience taught Abhay the real meaning of the proverb “जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई”. He realized that people were drawn to him because of his wealth, not for his personal qualities or character. Abhay decided that he would only keep company with those who valued his simplicity and honesty more than his wealth.

This story teaches us that while wealth can be a center of attraction, real and meaningful relationships depend on a person’s character and qualities.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का समाज में क्या प्रभाव पड़ता है?

समाज में इस कहावत का प्रभाव यह है कि लोग अक्सर संपन्नता या प्रभाव के आधार पर व्यक्तियों का मूल्यांकन करते हैं।

इस कहावत का व्यापार और अर्थशास्त्र पर क्या प्रभाव है?

व्यापार और अर्थशास्त्र में, यह कहावत दिखाती है कि संसाधनों के मालिक अधिक प्रभाव और साझेदारी के अवसर प्राप्त करते हैं।

“जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” कहावत किस तरह के नैतिक सवाल उठाती है?

यह कहावत नैतिकता पर सवाल उठाती है कि क्या लोगों को केवल उनकी संपत्ति या प्रभाव के आधार पर महत्व देना उचित है।

इस कहावत का राजनीति में क्या प्रभाव है?

राजनीति में, यह कहावत यह दिखाती है कि सत्ता और प्रभाव वाले व्यक्तियों को अधिक समर्थन और सहयोग मिलता है।

क्या इस कहावत का अन्य संस्कृतियों में कोई समानार्थी है?

हां, अन्य संस्कृतियों में भी इसी तरह की कहावतें होती हैं जो सत्ता और संपत्ति के प्रति लोगों के आकर्षण को दर्शाती हैं।

“जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई” कहावत का नैतिक संदेश क्या है?

इस कहावत का नैतिक संदेश यह है कि समाज को व्यक्तियों को उनकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति के बजाय उनके चरित्र और कर्मों के आधार पर महत्व देना चाहिए।

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