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जिसे पिया चाहे वही सुहागिन, अर्थ, प्रयोग (Jise piya chahe wahi suhagin)

परिचय: हिंदी की प्राचीन कहावत “जिसे पिया चाहे वही सुहागिन” का उपयोग अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए होता है जब किसी व्यक्ति को उसके स्वामी या उच्च पदस्थ व्यक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उसे तरक्की और सम्मान मिलता है।

अर्थ: इस कहावत का सामान्य अर्थ है कि जिसे उसके स्वामी की कृपा प्राप्त होती है, वही व्यक्ति सफल और सम्मानित होता है।

उपयोग: यह कहावत उन स्थितियों में प्रयोग की जाती है जब किसी व्यक्ति को उसके उच्चाधिकारी या गुरु का विशेष समर्थन और स्नेह प्राप्त होता है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक कंपनी में एक कर्मचारी है जिसे उसके बॉस का विशेष समर्थन प्राप्त है। इस कारण वह कर्मचारी तरक्की करता है और उसे कंपनी में उच्च पद मिलता है।

समापन: “जिसे पिया चाहे वही सुहागिन” कहावत हमें सिखाती है कि जीवन में उच्चाधिकारियों या गुरुओं का आशीर्वाद और समर्थन महत्वपूर्ण होता है। यह हमें यह भी बताता है कि उचित मार्गदर्शन और समर्थन से व्यक्ति जीवन में उच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।

Hindi Muhavare Quiz

जिसे पिया चाहे वही सुहागिन कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अनुभव नाम का एक युवक रहता था। अनुभव एक साधारण परिवार से था और उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा व्यापारी बने। उसकी मेहनत और लगन देखकर गाँव के एक प्रतिष्ठित व्यापारी, रमेश बाबू ने उसे अपने व्यापार में मदद करने का मौका दिया।

रमेश बाबू ने अनुभव को व्यापार की बारीकियां सिखाईं और उसे हर कदम पर मार्गदर्शन दिया। अनुभव ने भी अपनी पूरी मेहनत और निष्ठा से रमेश बाबू का साथ दिया। उनके इस सहयोग से व्यापार में बड़ी उन्नति हुई और अनुभव धीरे-धीरे गाँव में एक सम्मानित व्यक्ति बन गया।

अनुभव की सफलता को देखकर गाँव के लोगों ने कहा, “जिसे पिया चाहे वही सुहागिन।” उनका मानना था कि अनुभव की सफलता का राज उसकी मेहनत के साथ-साथ रमेश बाबू का आशीर्वाद और मार्गदर्शन था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में मार्गदर्शन और आशीर्वाद का बहुत महत्व होता है। जब कोई अपने गुरु या मार्गदर्शक की कृपा से काम करता है, तो सफलता उसके कदम चूमती है।

शायरी:

जिसे पिया चाहे वही सुहागिन, ये बात है सच्चाई की,

किस्मत उसकी दरवाजे पर, जब होती है मेहरबानी की।

अर्जुन सा हर शख्स बने, जिसके सर पे गुरु का हाथ,

सफलता की राह पर चले, हर दर्द भूले, हर रात।

हर कदम पर मिली रहनुमाई, जब आसमान से बरसे दुआ,

जिसके पिया चाहे वही सुहागिन, ये बात है खुदा की रज़ा।

मुश्किलों में भी ना हार मानी, जब गुरु का था साथ,

जीवन की इस जंग में, उसकी थी सिर्फ एक बात।

जिसे पिया चाहे वही सुहागिन, ये मिसाल है सच्चाई की,

जीवन के हर मोड़ पर, ये बात है आजमाई की।

 

जिसे पिया चाहे वही सुहागिन शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जिसे पिया चाहे वही सुहागिन – Jise piya chahe wahi suhagin Proverb:

Introduction: The ancient Hindi proverb “ise piya chahe wahi suhagin” is often used to express a situation where an individual receives blessings or support from a superior or a high-ranking person, leading to their progress and respect.

Meaning: The general meaning of this proverb is that the person who receives the grace of their master becomes successful and respected.

Usage: This proverb is used in situations where an individual receives special support and affection from their superiors or mentors.

Examples:

-> Consider an employee in a company who has the special support of their boss. As a result, the employee progresses and attains a high position in the company.

Conclusion: The proverb “जिसे पिया चाहे वही सुहागिन” teaches us the importance of blessings and support from superiors or mentors in life. It also tells us that with proper guidance and support, an individual can achieve a high position in life.

Story of ise piya chahe wahi suhagin Proverb in English:

Once upon a time in a small village, there lived a young man named Anubhav. Anubhav belonged to a modest family and dreamed of becoming a successful businessman one day. Noticing his hard work and dedication, Ramesh Babu, a reputed businessman in the village, offered Anubhav a chance to assist in his business.

Ramesh Babu taught Anubhav the nuances of the trade and guided him at every step. Anubhav, in turn, devoted his complete effort and loyalty to Ramesh Babu. Their collaboration led to significant progress in the business, and Anubhav gradually became a respected individual in the village.

Witnessing Anubhav’s success, the villagers remarked, “One who is favored by his master is indeed fortunate.” They believed that Anubhav’s success was not only due to his hard work but also the blessing and guidance of Ramesh Babu.

This story teaches us the importance of guidance and blessings in life. When someone works under the grace of their mentor or guide, success inevitably follows.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का सामाजिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

सामाजिक जीवन में यह कहावत वैवाहिक संबंधों में प्रेम और सामंजस्य के महत्व को रेखांकित करती है।

क्या इस कहावत का उपयोग वैवाहिक संबंधों की सफलता को समझने में किया जा सकता है?

हाँ, इस कहावत का उपयोग वैवाहिक संबंधों की सफलता और उसमें आपसी प्रेम की महत्ता को समझने में किया जा सकता है।

इस कहावत का महिलाओं के जीवन में क्या महत्व है?

महिलाओं के जीवन में इस कहावत का महत्व यह है कि यह उनके जीवन में पति के प्यार और समर्थन की महत्ता को दर्शाती है।

इस कहावत का नैतिक शिक्षा में क्या महत्व है?

नैतिक शिक्षा में इस कहावत का महत्व है कि यह हमें सिखाती है कि संबंधों में प्रेम और समर्थन अत्यंत आवश्यक हैं।

इस कहावत के माध्यम से क्या संदेश मिलता है?

इस कहावत के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि वैवाहिक जीवन में पति के प्रेम और समर्थन से पत्नी का जीवन सुखमय और समृद्ध होता है।

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